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कानून के तहत पूर्व प्रधानमंत्री इंदिरा गांधी, नरसिंह राव, लोकनायक जयप्रकाश नारायण, मुख्यमंत्री मोदी, गृहमंत्री अमिमत शाह, राहुल व सोनिया गांधी सहित देश के असंख्य नेताओं ने देश के कानून का सम्मान किया। पर केजरीवाल क्यों मचा रहे है हायतोबा?
देवसिंह रावत
2 अप्रैल 2024 को अभी अभी प्रातः दस बजे दिल्ली सरकार की कबीना मंत्री व आम आदमी पार्टी की नेत्री आतिशी मार्लेना ने संवाददाता सम्मेलन कर देश के प्रधानमंत्री मोदी व उनके दल भाजपा पर आरोप लगाया कि वह हर हाल में आप को तोडने व निर्वाचित सरकार को गिराने का षडयंत्र कर रही है। इसके साथ आतिशी के अनुसार दिल्ली में इन हथकंडो से राष्ट्रपति शउासन लगाने की तैयारी भी कर ली गयी है। इसके तहत उन्होने आरोप लगाया कि उनको उनके करीबी के द्वारा भाजपा में सम्मलित होने या जेल में बंद करने की चेतावनी दी। आतिशी ने यह भी आरोप लगाया कि उनको सहित आप पार्टी के 4 नेताओं को प्रनि अरविंद केजरीवाल व अन्य नेताओं की तरह झूठे आरोपों में गिरफ्तार करने वाली है।इसके तहत अब कभी भी प्रनि उसे भी समन, छापा व गिरफ्तार कर सकती है। जिसे आतिशी ने कहा कि वह ऐसी धमकियों से बिलकुल नहीं डरती है वह लोकशाही की रक्षा के लिये हर जुल्म सहने के लिये तैयार है। आतिशी के आरोपों को सिरे से नकारते हुये भाजपा के प्रवक्ता सिरसा ने कहा कि आतिशी सहित अन्य नेताओं को भाजपा नहीं अपितु खुद केजरीवाल ने प्रनि के पास बयान देकर नाम लेकर अपने साथियों को कटघरे में ंखडा कर दिया है।
आप नेत्री आतिशी सहित अन्य नेताओं के ऐसे बयानों से खबरिया चैनलों पर बडे जोर सोर से गूंज रहे थे कि तभी 3 अप्रैल 2024 को सर्वोच्च न्यायालय ने 6 माह से इसी शराब प्रकरण में तिहाड़ जेल में बंद आप सांसद संजय सिंह को जमानत पर रिहा कर दिया। इसके बाद आप नेता व कार्यकर्त्ता भी ठीक ऐसे फूल बरसा रहे थे जैसे चारा प्रकरण में जेल की लंबी सजा काटने के बाद जेल से जमानत में छूटे लालू यादव के लिये राजद कार्यकर्त्ता बरसा रहे थे। बल्कि आपीये तो उनसे एक कदम आगे बढ़ कर कभी केजरीवाल जेल से ही सरकार चलायेगा जैसी निर्लज्ज भरी हुंकार भर रहे थे। साथ में कह रहे थे कि जेल के ताले टूट गये आप नेता सभी छूटेंगे। संजय जमानत प्रकरण के बाद आप को आशा बलवती हो गयी कि संजय की तरह इसी आरोप में जेल में बंद केजरीवाल, मनीष व जैन भी जल्द ही बाहर होंगे। पर वे भूल गये इस प्रकरण से जनता के विश्वास को गहरा आघात लगा। कुछ निहित स्वार्थी लोग भले ही इसके बाद केजरीवाल का साथ दें परन्तु जो नैतिक,भ्रष्टाचार विरोधी व लोकशाही पर विश्वास करते है वे शायद ही इस पाप की गठरी को दूबारा सरमाथे पर उठायेंगे।
इस गंभीर प्रकरण से साफ हो गया कि दाल में ंजरूर कुछ काला ही नहीं अपितु पूरी दाल ही काली है। केजरीवाल सरकार की शराब नीति दागदार थी। इसकी शिकायत न केवल भाजपा अपितु कांग्रेस ने भी की थी। अगर यह गलत नही रहती तो केजरीवाल व उनकी सरकार जो इस नीति के कसीदे पढ़ रहे थे वे इस नीति को वापस क्यों लेते? जब केजरी वाल को लगा कि उसका भाण्डा फूट रहा है तो अपने बचाव के लिये उसने यह शराब नीति वापस ली। दूसरा केजरीवाल व उनके नेता देश को यह बतायें कि वे दिल्ली सहित देश को शराब में डूबोने यानि एक के साथ एक मुफ्त शराब देने के लिये राजनीति में आये थे या भ्रष्टाचार मिटाने व सुशासन देने के लिये?
केजरीवाल का भाण्डा फूटने पर भाजपा ने ही नहीं अपितु कांग्रेस ने भी इस प्रकरण की शिकायत व खुली जांच की मांग की थी। आज जब जांच निर्णायक मोड पर आरोपियों को शिकंजे में ले रही है तो आम आ दमी पार्टी तो अपना कलुषित चेहरा बचाने के लिये घडियाली आंसू बहा रही है? पर कांग्रेस व वामपंथी दलों ंकी क्या मजबूरी है जो ऐसे भ्रष्टाचार के आरोपों में घिरे आरोपी को लोकशाही का नायक बता कर देश की व्यवस्था को बदनाम कर रही है?
आप नेताओं व विपक्ष के इंडिया गठबंधन को देश से माफी मांगते हुये बताना चाहिये कि क्या केजरीवाल व उसके भ्रष्टाचार के आरोपों में जेल में बंद नेताओं पर कोई कार्यवाही नहीं करनी चाहिये?क्या ये देश के कानून व संविधान से उपर है। जब इस देश के कानून के तहत पूर्व प्रधानमंत्री इंदिरा गांधी, नरसिंह राव, लोकनायक जयप्रकाश नारायण, मुख्यमंत्री मोदी, गृहमंत्री अमिमत शाह, राहुल व सोनिया गांधी सहित देश के असंख्य नेताओं ने देश के कानून का सम्मान किया। उन पर लगाये गये आरोपों को कानून का सम्मान करते हुये उन्होने जवाब दिया तो अरविंद केजरीवाल पर चल रही कार्यवाही पर हायतोबा क्यो? सवाल यहां यह भी है केजरीवाल खुद अपने कृत्यों से इतने गिर चूके हैं कि निहित स्वार्थी तत्वों के अलावा कोई उनके इस कृत्य की सराहना नहीं कर रहे है। भले ही विपक्ष यहां यह आरोप लगाये कि मोदी सरकार भाजपा में सम्मलित अन्य भ्रष्टाचारियों पर मामले नहीं चला कर पक्षपात कर रही है। हमारा मानना है कि सत्तापक्ष के जुडे भ्रष्टाचारियों पर भी ऐसी की कडी कार्यवाही होनी चाहिये। पर केजरीवाल इस सच्चाई से अपने गुनाह को ढकने के लिये प्र्रयोग नहीं कर सकते। इससे केजरीवाल के गुनाह माफ नहीं हो जाते। केजरीवाल को चुनावों से दूर रखने के लिये पक्षपातपूर्ण कार्यवाही की जा रही है। पर इस आरोपों पर आम निष्पक्ष जनता ही नहीं अपिमतु उनके राजनैतिक गुरू अण्णा हजारे भी केजरीवाल को ही गुनाहगार मान रहे है।
उल्लेखनीय है कि कल केजरीवाल की पेशी के दौरान प्रनि ने न्यायालय में बताया कि केजरीवाल जांच में सहयोग नहीं कर रहे है और भ्रमित जानकारियां दे रहे है। प्रनि के अनुसार केजरीवाल ने जांच में बताया कि वह उनसे नहीं अपितु आतिशी,सौरभ, राघव व पाठक सहित अन्य नेताओं से मिलते थे। शायद इसी प्रकरण में नाम उजागर होने के कारण आतिशी खुद की प्रनि द्धारा गिर्तारी की अशंका जता रही है।
दिल्ली के मुख्यमंत्री अरविंद केजरीवाल को प्रवर्तन निदेशालय की राउज ऐवेन्यू दिल्ली की अदालत ने शराब घोटाले प्रकरण में 15 अप्रैल 2024 तक न्यायिक हिरासत में तिहाड़ जेल भेज दिया। पहली अप्रैल 2024 को राउज ऐवेन्यू अदालत में विशेष जज कावेरी बावेजा के सम्मुख प्रवर्तन निदेशालय की हिरासत के बाद पेश किया गया तो प्रनि बताया कि केजरीवाल इस जांच में सहयोग करने के बजाय भ्रमित बयानबाजी कर रहे हैं। केजरीवाल ने आम आदमी पार्टी के अन्य सदस्यों के बारे में भी झूठे सबूत दिये है। यही नहीं केजरीवाल के बयानों का उनकी पार्टी के नेताओं द्वारा इस प्रकरण में दिये गये बयानों में तालमेल नहीं मिल रहा है। इस पर अदालत ने कहा कि प्रवर्तन निदेशालय मानता है कि गिरफ्तार व्यक्ति़(केजरीवाल) अत्यधिक प्रभावशाली है और पूरी संभावना है कि वे गवाहों को प्रभावित कर सकते है।इसक साथ गिरफ्तार व्यक्ति की भूमिका की भी जांच की जा रही है और इस मामले में लिप्त रहे अन्य व्यक्तियों की भी पहचान कराई जा रही है।यह आर्थिक अपराध सामान्य अपराधों की तुलना प्रभावशाली व्यक्तियों द्वारा बहुत ही सावधानी से किया है। प्रनि की दलीलों को सुनकर व विषय की गंभीरता को समझते हुये हुये अदालत ने 15 अप्रैल 2024 तक न्यायिक हिरासत में भेजने का आदेश दिया। इसके बाद भारी सुरक्षा बंदोबतों के बीच सांय 4.10 बजे केजरीवाल को देश की सबसे प्रतिष्ठत जेल तिहाड पंहुचे। जहां उनको जेल नम्बर दो में रखा गया है। उनके बेरक के पास भी कोई भी केदी उन तक नहीं पंहुच सकेगा। इसके साथ केजरीवाल ने न्यायायलय से निर्धारित दवायें और गीता, रामायण और नीरजा चौधरी द्वारा लिखित पुस्तक ‘हाउ प्राइम मिनिस्टर डिसाइड’ को अपने साथ जेल ले जाने देने का आग्रह भी किया। जिसे न्यायालय ने स्वीकार करते हुये तिहाड जेले के अधिकारियों से कहा कि कि केजरीवाल को मेज कुर्सी व विशेष आहार देने भी दें।
दूसरी तरफ इसी मामले में प्रवर्तन निदेशालय द्वारा गिरफ्तार तेलांगना के पूर्व मुख्यमंत्री की बेटी व भारतीय राष्टीय ए की बडी नेत्री के कविता की जमानत पर उनकी व प्रनि की दलीलों को सुनने के बाद अदालत ने कहा कि इस मामले में अदालत 4 अप्रैल को सुनेगी। गौरलतब है के कविता की सुनवाई भी विशेष जज कावेरी बावेजा की कर रही है। जो केजरीवाल सहित दिल्ली सरकार की नई शराब नीति में की गई अनिमियताओं की जांच भी कर रही है। प्रर्वतन निदेशालय के अनुसार के कविता ने दक्षिण भारत में शराब के कारोबारियों को केजरीवाल सरकार द्वारा संचालित शराब नीति में लाभान्वित कराने के लिये मुख्य कडी के रूप में कार्य किया। इस करोड़ों रूपये के शराब घोटाला प्रकरण में प्रनि ने केजरीवाल के साथ के कविता को भी महत्वपूर्ण व प्रभावशाली आरोपी बताया। उल्लेखनीय है कि केजरीवाल को प्रनि ने 21 मार्च 2024 को गिरफ्तार किया था। उसके बाद 1पहली अप्रैल तक केजरीवाल प्रनि के हिरासत में ंजांच के लिये सौपा था।। इस प्रकरण पर जहां 31 मार्च को विपक्षी गठबंधन इंडिया ने दिल्ली के रामलीला मैदान में विशाल रेली कर केजरीवाल, हेमंत सोरेन सहित विपक्षी नेताओं को चुनाव से बाहर रखने के लिये फर्जी मामलों में गिरफ्तार कर एक प्रकार से लोकशाही का गला घोट रहे है। इससे न केवल वे विपक्षी दलों में दलबदल भी करा रहे है अपितु विपक्ष को समाप्त ंकरने का षडयंत्र भी कर रहे है। यहीं आरोप अरविंद केजरीवाल की पत्नी सुनीता केजरीवाल ने भी लगाया कि अदालत ने मुख्यमंत्री को दोषी नहीं ठहराया तो उन्हें जेल में क्यों रखा गया। उल्लेखनीय है कि आम आदमी पार्टी के प्रमुख अरविंद केजरीवाल के अलावा मनीष सिसौदिया, सांसंद संजय सिंह, जेल मंत्री जेन सहित अनैक नेता जेल में बंद है।