महिला एवं बाल विकास मंत्रालय
इस वर्ष पुरस्कार विजेताओं में बहादुरी, विज्ञान एवं प्रौद्योगिकी और नवाचार की श्रेणियों में एक-एक, सामाजिक सेवा की श्रेणी में चार, खेल की श्रेणी में पांच और कला तथा संस्कृति की श्रेणी में सात बच्चे शामिल हैं
अयोध्या में राम मंदिर के प्रतिष्ठापन के शुभ दिन पर राष्ट्रपति श्रीमती द्रौपदी मुर्मु ने मौजूद लोगों को भगवान राम के धैर्य, बड़ों के प्रति सम्मान, साहस और संकट के समय संयम के गुणों की याद दिलाई
केंद्रीय महिला एवं बाल विकास (डब्ल्यूसीडी) मंत्री श्रीमती स्मृति जुबिन ईरानी ने पुरस्कार विजेताओं को बधाई दी और राष्ट्र निर्माण में बच्चों के योगदान को पहचान दिलाने और सम्मानित करने के महत्व पर जोर दिया
राष्ट्रीय स्तर के पुरस्कार में उत्कृष्ट प्रतिभाओं की खोज के लिए पहली बार आर्टिफिशियल इंटेलिजेंस का उपयोग किया गया
23जनवरी2024, दिल्ली से पसूकाभास
राष्ट्रपति श्रीमती द्रौपदी मुर्मु ने 19 बच्चों को महिला एवं बाल विकास मंत्रालय द्वारा स्थापित “प्रधानमंत्री राष्ट्रीय बाल पुरस्कार” से सम्मानित किया। इस अवसर पर 22 जनवरी, 2024 को नई दिल्ली के विज्ञान भवन में आयोजित एक विशेष समारोह में केंद्रीय महिला एवं बाल विकास मंत्री श्रीमती स्मृति जुबिन ईरानी, महिला एवं बाल विकास राज्य मंत्री डॉ. मुंजपारा महेंद्रभाई, कई अन्य गणमान्य व्यक्ति, वरिष्ठ अधिकारी, आंगनवाड़ी कार्यकर्ता और विभिन्न संस्थानों से आए छोटे बच्चे भी उपस्थित थे।
इस वर्ष के पुरस्कार विजेताओं में बहादुरी, विज्ञान एवं प्रौद्योगिकी और नवाचार की श्रेणी में एक-एक बच्चा, सामाजिक सेवा की श्रेणी में चार, खेल की श्रेणी में पांच और कला तथा संस्कृति की श्रेणी में सात बच्चे शामिल हैं। पुरस्कार समारोह की शुरुआत राष्ट्रगान के साथ हुई और यह राष्ट्रीय अखंडता का दिल छू लेने वाला दृश्य था क्योंकि प्रत्येक बच्चे ने पारंपरिक पोशाक पहनकर पुरस्कार प्राप्त किया, जो देश की समृद्ध सांस्कृतिक छवि का प्रतीक था।
पुरस्कार विजेताओं को बधाई देते हुए राष्ट्रपति ने कहा कि ये बच्चे बहुमुखी प्रतिभा के धनी हैं और अपनी कड़ी मेहनत से अपनी पहचान बनाने की क्षमता रखते हैं। उन्होंने कहा कि इन बच्चों को सही दिशा दिखायी जानी चाहिए ताकि वे अपने कौशल और उत्साह के दम पर जीवन में सर्वोत्तम स्थान हासिल कर सकें।
राष्ट्रपति ने यह भी कहा कि ये युवा भारत के लिए एक बहुमूल्य संसाधन हैं, जो न केवल देश की उन्नति में बल्कि वैश्विक विकास में भी महत्वपूर्ण योगदान देने की क्षमता रखते हैं। उन्होंने कहा कि सरकार आधुनिक कौशल, भविष्य की तकनीक और एआई को प्राथमिकता दे रही है ताकि हमारे युवा भविष्य की चुनौतियों का सामना करने के लिए तैयार रहें।
अयोध्या में राम मंदिर के प्रतिष्ठापन के शुभ दिन पर राष्ट्रपति ने उपस्थित लोगों को भगवान राम के धैर्य; बड़ों का सम्मान, साहस, और संकट के समय में संयम के गुणों की याद दिलाई। उन्होंने बच्चों को भगवान राम के आदर्शों और रामायण के मूल्यों को अपने जीवन में उतारने के लिए प्रोत्साहित किया।
केंद्रीय महिला एवं बाल विकास और अल्पसंख्यक कार्य मंत्री श्रीमती स्मृति जुबिन ईरानी ने इस अवसर पर मौजूद लोगों को संबोधित करते हुए पुरस्कार विजेता बच्चों को बधाई दी और राष्ट्र निर्माण में बच्चों के योगदान को पहचान दिलाने और सम्मानित करने के महत्व पर जोर दिया। उन्होंने उन हजारों बच्चों को भी धन्यवाद दिया जिन्होंने “प्रधानमंत्री राष्ट्रीय बाल पुरस्कार” में अपनी गहरी रुचि दिखाते हुए राष्ट्रीय पुरस्कार पोर्टल में पीएमआरबीपी के लिए अपना नामांकन ऑनलाइन भरा था। उन्होंने कहा कि हमारे बच्चे सफलता की राह में न केवल भारत का नेतृत्व करेंगे, बल्कि भारत को दुनिया की एक प्रमुख शक्ति भी बनाएंगे। केंद्रीय मंत्री ने जोर देते हुए बताया कि राष्ट्रीय स्तर के पुरस्कार में उत्कृष्ट प्रतिभाओं की खोज के लिए पहली बार आर्टिफिशियल इंटेलिजेंस का उपयोग किया गया।
उन्होंने 18 विभिन्न राज्यों और केंद्रशासित प्रदेशों के इन 19 पुरस्कार विजेता बच्चों के परिवारों के प्रति अपना आभार व्यक्त किया, जिन्होंने अनुकरणीय साहस, दृढ़ता और कौशल का प्रदर्शन किया। केंद्रीय महिला एवं बाल विकास मंत्री ने बच्चों को आशीर्वाद दिया और आशा व्यक्त की कि वे भारत के प्रधानमंत्री के ‘विकसित भारत’ की सोच को पूरा करने के लिए आधारशिला बनेंगे।
इस समारोह में स्वागत भाषण महिला एवं बाल विकास मंत्रालय में सचिव श्री इंदीवर पांडे ने दिया। उन्होंने युवा विजेताओं को बधाई दी, उन्हें भविष्य के लिए शुभकामनाएं दीं और उन्हें सफलता की नई ऊंचाइयां हासिल करते रहने के लिए प्रेरित भी किया।
हर साल, भारत सरकार 5 से 18 वर्ष की आयु के बच्चों को ‘प्रधानमंत्री राष्ट्रीय बाल पुरस्कार (पीएमआरबीपी)’ प्रदान करके उनकी असाधारण उपलब्धियों को मान्यता देती है। प्रत्येक पुरस्कार विजेता को राष्ट्रपति से एक पदक और एक प्रमाण पत्र प्राप्त हुआ।
पुरस्कार के लिए नामांकन भारत सरकार के पुरस्कार पोर्टल- www.awards.gov.in पर ऑनलाइन मोड में भेजे गए थे। कुल 1879 बच्चों ने आवेदन किया था जिनमें से 1597 को विचार के लिए उपयुक्त पाया गया। पुरस्कार विजेताओं का चयन महिला एवं बाल विकास मंत्री की अध्यक्षता में राष्ट्रीय चयन समिति द्वारा किया गया।
प्रधानमंत्री राष्ट्रीय बाल पुरस्कार-2024 के पुरस्कार विजेता
क्र. सं. | नाम | राज्य | श्रेणी |
1. | आदित्य विजय ब्रम्हणे (मरणोपरांत)
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महाराष्ट्र | बहादुरी |
2. | अनुष्का पाठक | उत्तर प्रदेश | कला एवं संस्कृति |
3. | अरिजीत बनर्जी | पश्चिम बंगाल | कला एवं संस्कृति |
4. | अरमान उबरानी | छत्तीसगढ़ | कला एवं संस्कृति |
5. | हेतवी कांतिभाई खिमसुरिया
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गुजरात | कला एवं संस्कृति |
6. | इशफाक हामिद
|
जम्मू एवं कश्मीर
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कला एवं संस्कृति |
7. | मोहम्मद हुसैन | बिहार | कला एवं संस्कृति |
8. | पेंड्याला लक्ष्मी प्रिया
|
तेलंगाना | कला एवं संस्कृति |
9. | सुहानी चौहान | दिल्ली | नवाचार |
10. | आर्यन सिंह | राजस्थान | विज्ञान एवं प्रौद्योगिकी |
11. | अवनीश तिवारी | मध्य प्रदेश | समाज सेवा |
12. | गरिमा | हरियाणा | समाज सेवा |
13. | ज्योत्सना अख्तर
|
त्रिपुरा | समाज सेवा |
14. | सय्याम मजूमदार | असम | समाज सेवा |
15. | आदित्य यादव | उत्तर प्रदेश | खेल |
16. | चार्वी ए | कर्नाटक | खेल |
17. | जेसिका नेयी सरिंग | अरूणाचल प्रदेश | खेल |
18. | लिन्थोई चनांबम | मणिपुर | खेल |
19. | आर सूर्य प्रसाद | आंध्र प्रदेश | खेल |
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