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एक राष्ट्र-एक राशन कार्ड योजना के तहत 99.8 फीसदी राशन कार्डों को आधार से जोड़ा गया

g20-india-2023

20दिसम्बर 2023, दिल्ली से पसूकाभास

देश में सार्वजनिक वितरण प्रणाली (पीडीएस) लाभार्थियों के न्यायसंगत लक्ष्यीकरण के लिए अब तक लगभग 99.8 फीसदी राशन कार्डों को आधार से जोड़ दिया गया है। एक राष्ट्र- एक राशन कार्ड (ओएनओआरसी) योजना पहले ही देश के सभी 36 राज्यों/केंद्रशासित प्रदेशों की ओर से लागू की जा चुकी है। इसकी शुरुआत के बाद से ओएनओआरसी योजना के तहत लगभग 124 करोड़ सुगम (अपनी पसंद की पीडीएस दुकान से) लेन-देन दर्ज किए गए हैं। इसमें देश के लगभग 80 करोड़ लाभार्थियों की खाद्य सुरक्षा सुनिश्चित करने वाले राज्य के बाहर और राज्य के भीतर, दोनों तरह के लेन-देन शामिल हैं। ओएनओआरसी योजना प्रवासी मजदूरों और आंतरिक रूप से विस्थापित व्यक्तियों (आईडीपी) आदि के लिए विशेष रूप से लाभदायक साबित हो रही है, जो अस्थायी रोजगार की खोज में आम तौर पर अपना निवास स्थान बदलते हैं। इस योजना के तहत लाभार्थियों को इलेक्ट्रॉनिक प्वाइंट ऑफ सेल (ईपीओएस) उपकरण पर बायोमेट्रिक प्रमाणीकरण के साथ अपने मौजूदा राशन कार्ड/आधार कार्ड का उपयोग करके देश में कहीं भी अपनी पसंद की किसी भी उचित मूल्य की दुकान (एफपीएस) से अपने अधिकार का खाद्यान्न प्राप्त करने का अधिकार है। इसके अलावा ओएनओआरसी ऐसे प्रवासी लाभार्थियों के परिवार के सदस्यों को उनके घर (गांव/गृहनगर) में उसी राशन कार्ड पर आंशिक/शेष खाद्यान्न उठाने में सक्षम बनाता है। साथ ही, ओएनओआरसी ने प्रवासी लाभार्थियों/परिवार के सदस्यों को अपने राशन कार्ड में केवल तय किए गए एफपीएस पर निर्भर हुए बिना अपनी पसंद का कोई भी एफपीएस चुनने की सुविधा प्रदान की है। इससे पहले पारंपरिक पीडीएस के तहत लाभार्थियों को यह सुविधा उपलब्ध नहीं थी।

वर्तमान में राशन कार्ड को आधार से जोड़ने (सीडिंग) और एफपीएस पर ईपीओएस उपकरणों को कार्यान्वित करने के कारण देश में मासिक आधार पर लगभग 97 फीसदी लेन-देन ईपीओएस उपकरणों के उपयोग द्वारा बायोमेट्रिक प्रमाणीकरण के माध्यम से पारदर्शी तरीके से किया जाता है। विभाग ने राशन की आधार सीडिंग को पूरा करने के लिए आधार अधिनियम 2016 की धारा -7 के संबंध में जारी अधिसूचना दिनांक- 08/02/2017 (समय-समय पर संशोधित) के तहत राज्यों/केंद्रशासित प्रदेशों को दी गई समय-सीमा को 31/03/2024 बढ़ा दी है। इस समय-सीमा तक सभी राज्यों/केंद्रशासित प्रदेशों को सलाह दी गई है कि किसी भी सही लाभार्थी/परिवार को पात्र राशन कार्ड/लाभार्थियों की सूची से नहीं हटाया जाए और प्रधानमंत्री गरीब कल्याण अन्न योजना (पीएमजीकेएवाई) के लाभार्थियों को केवल आधार संख्या के अभाव में या केवल आधार संख्या न होने, नेटवर्क/कनेक्टिविटी/लिंकिंग या कोई अन्य तकनीकी समस्या के बायोमेट्रिक प्रमाणीकरण की विफलता के आधार पर खाद्यान्न के उनके अधिकार कोटा से वंचित नहीं किया जाए।

हालांकि, जब तक आधार लाभार्थियों को नहीं सौंपा जाता है, तब तक आठ पहचान दस्तावेजों में से किसी एक का उपयोग इस उद्देश्य के लिए किया जाएगा। इनमें मतदाता पहचान पत्र, पैन कार्ड, पासपोर्ट, ड्राइविंग लाइसेंस, आधिकारिक लेटर हेड पर राजपत्रित अधिकारी/तहसीलदार की ओर से जारी फोटो पहचान प्रमाण पत्र, डाक विभाग की ओर से जारी नाम और फोटो वाला पता कार्ड, किसान फोटो पासबुक और राज्य/केंद्रशासित प्रदेश सरकारों द्वारा निर्दिष्ट कोई अन्य दस्तावेज शामिल हैं।

यह जानकारी केंद्रीय उपभोक्ता मामले, खाद्य एवं सार्वजनिक वितरण राज्य मंत्री साध्वी निरंजन ज्योति ने आज लोकसभा में एक लिखित उत्तर में दी।

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