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मध्य प्रदेश में शिवराज चौहान नहीं मोहन यादव होंगे मुख्यमंत्री । अभी अभी भोपाल में विधायक मंडल की बैठक में हुआ फैसला।

मध्य प्रदेश में शिवराज चौहान नहीं मोहन यादव  होगें मुख्यमंत्री । अभी अभी भोपाल में विधायक मंडल की बैठक में हुआ फैसला। इसी माह 3 दिसंबर को विधानसभा चुनाव की मतगणना के बाद पूरे देश की नजर इस बात पर लगी हुई थी कि क्या भारतीय जनता पार्टी, मध्य प्रदेश में सत्ता की कमान किया  वर्तमान मुख्यमंत्री शिवराज सिंह चौहान को फिर से सौंपेगी? यहां भी प्रधानमंत्री मोदी छत्तीसगढ़ की तरह नए चेहरे को स्थापित करके इस बात का शंखनाद करेंगे कि भाजपा में अब पूरी तरह मोदी युग का परचम लहरा रहा है और पहले की दिग्गजों का समय अब नहीं रह गया। उनकी जनता में मध्य प्रदेश में सबसे लोकप्रिय और चर्चित चेहरे के तौर पर शिवराज चौहान अब भी मध्य प्रदेश में वर्तमान सभी राजनेताओं पर भारी है। विधानसभा चुनाव से पूर्व ही भाजपा ने यह साफ कर दिया था कि यह विधानसभा चुनाव शिवराज की नेतृत्व में नहीं अपित मोदी के चेहरे पर ही लड़ा जाएगा। साफ हो गया था कि भाजपा आला नेतृत्व की मंशा किसी भी सूरत में अब शिवराज चौहान को बनाने की नहीं है। इसी  मंशा को धरातल पर उतारने के लिए  ही भारतीय जनता पार्टी के आला नेतृत्व ने अपने विश्वासपात्र सहयोगियों, केंद्रीय मंत्रियों व सांसदों को भी मध्य प्रदेश की विधानसभा चुनाव में उतारा था। इससे प्रदेश में मुख्यमंत्री के दावेदारों में सबसे प्रबल नरेंद्र सिंह तोमर, प्रहलाद पटेल माधव राज सिंधिया व प्रदेश भाजपा की अध्यक्ष शर्मा प्रमुख दावेदार माने जा रहे थे। विधायक मंतव्य के बाद भारतीय जनता पार्टी द्वारा भेजे गए तीन सदस्य पर्यवेक्षक हरियाणा के वर्तमान मुख्यमंत्री मनोहर लाल  ने मोहन यादव को मध्य प्रदेश के मुख्यमंत्री के पद पर आसीन कराया।

संघ के करीबी रहे मोहन यादव 2013 से विधायक दक्षिण उज्जैन से विधायक हे। संघ के करीबी होने के साथ मोहन पूर्व सरकार में उच्च शिक्षा मंत्री भी रहे। मध्य प्रदेश में दो उपमुख्यमंत्री होंगे। नरेंद्र तोमर मध्य प्रदेश की विधानसभा के अध्यक्ष होंगे। जगदीश देवड़ा और राकेश शुक्ला मध्य प्रदेश की दो उप मुख्यमंत्री होंगे।

विधानसभा चुनाव में विजय के बाद अपने संदेश में मोहन यादव ने ट्वीट किया कि 13 हजार से अधिक वोट की ये जीत पूरी विनम्रता के साथ मेरे क्षेत्र के हर व्यक्ति को, हर लाड़ली बहना को, भाजपा के हर देवतुल्य कार्यकर्ता को और भाजपा के संगठन को समर्पित है।
असीम स्नेह, अपार प्रेम और आशीर्वाद देने के लिए सभी का शुक्रिया, धन्यवाद, आभार।

ऐसे लगता है कि विधायक मंडल की बैठक में मुख्यमंत्री के लिए अपना नाम लिये जाने कि भनक मोहन यादव व समाचार जगत को नहीं थी। पर्यवेक्षक बने हरियाणा के मुख्यमंत्री मनोहर लाल द्वारा मोहन यादव का नाम लिये जाने पर खबरिया जगत व राजनैतिक लोग ही नहीं भाजपा के दिग्गज नेता भी पूरी तरह से चौंक गये।सब यही कहने लगे कि मोदी है तो मुमकिन है।

मुख्यमंत्री चुने जाने पर मोहन यादव ने केंद्रीय नेतृत्व, दल व विधायकों का आभार प्रकट किया। विधायक दल का नेता चुने जाने के बाद मोहन यादव के नेतृत्व में वरिष्ठ भाजपा नेताओं का शिष्ट मंडल भोपाल में राज्यपाल से मिला। इस अवसर पर मोहन यादव ने नई सरकार बनाने का दावा भी पेश किया।

25 मार्च 1965 में जन्मे मोहन यादव बीएससी, एलएलबी, एमए, एमबीए और 2010 में पीएचडी की ।

1984 से अखिल भारतीय विद्यार्थी परिषद  से छात्र राजनीति की शुरुआत करने वाले मोहन यादव प्रदेश सह-मंत्री और राष्ट्रीय मंत्री भी रहे हैं।

इसके बाद वे संघ के  सह-खंड कार्यवाह और नगर कार्यवाह रहे। भाजपा के युवा  मोर्चा में भी रहे।

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