मतगणना के कई दिन बीत जाने के बाबजूद राजस्थान, मध्य प्रदेश व छत्तीसगढ़ में मुख्यमंत्री आसीन न कर पाने से जनता में हो रही है भाजपा की
किरकिरी
प्यारा उतराखण्ड डाट काम
10 दिसम्बर 2023 की सांयकाल तब सफलता मिली जब केंद्रीय नेतृत्व द्वारा छतीसगढ के नव निर्वाचित भाजपा के 54 विधायकों की बैठक करने के बाद प्रदेश के नव निर्वाचित मुख्यमंत्री पद पर विष्णुदेव साव के नाम ऐलान किया ।
छत्तीसगढ की कुनकुरी विधानसभा क्षेत्र से 3 दिसम्बर 2023 को विधायक निर्वाचित हुये विष्णुदेव साव वर्तमान में प्रदेश भाजपा के अध्यक्ष भी है। वे 2006 से 2010, 2014 व 2020 से 2022 तक भी प्रांत के अध्यक्ष भी रहै। इसके अलावा वे 11990 से 2019 तक सांसद रहे । 2014 से 2019 तक वे मोदी सरकार में केंद्रीय इस्पात, खनन व श्रम रोजगार राज्यमंत्री रूप में भी कार्यरत रहे। 21 फरवरी 1964 को अविभाजित मप्र के बगिया गांव में श्रीमती जश्मानी देवी व राम प्रसाद साय के पुत्र के रूप में जन्में विष्णुदेव 1990 से 1998 तक मध्य प्रदेश विधानसभा से भाजपा के विधायक भी रहे।
राज्य गठन के समय वे 13वीं लोकसभा के सदस्य रहे। इस प्रकार 2019 तक वे 4 बार संसद सदस्य रहे। उनकी लम्बी राजनैतिक पारी को देख कर ही भाजपा के चाणक्य समझे जाने वाले अमित शाह ने विधानसभा चुनाव में कुनकुरी विधानसभा क्षेत्र में विष्णदेव साय के समर्थन में आयोजित जनसभा में जनता से वादा किया कि विष्णुदेव साय अनुभवी नेता है। ये सांसद, विधायक और प्रदेश अध्यक्ष के पद पर भी रह चूके है। जनता इन्हे विधायक बना दें तो साय को बडा आदमी बनाने का काम हम करेंगे।
भले ही भाजपा ने विष्णुदेव साय को मुख्यमंत्री पद पर आसीन करने को निर्णय भाजपा ने छत्तीसगढ सहित देश के आदिवासी समाज को 2024 के लोकसभा चुनाव में अपनी तरफ आकृष्ठ करना है। इसी कारण भाजपा ने सरगुजा संभाग, बस्तर संभाग आदि में एक स्पष्ट संदेश देने में सफल रही कि भाजपा ही आदिवासियों की हमदर्द हे। राष्ट्रपति पद पर आदिवासी व महिला को पदासीन करके भी पहले ही यह संदेश देने में सफल रही। अब मुख्यमंत्री पद पर विष्णुदेव साय को आसीन कर अपना संदेश पर फिर मुहर लगाई।
गौरतलब है कि हाल में हुये पांच राज्यों की विधानसभा चुनाव की 3 दिसम्बर को मतगणना के बाद भाजपा द्वारा जीते मध्यप्रदेश, राजस्थान व छत्तीसगढ विधानसभा में सर्वशक्तिमान केंद्रीय नेतृत्व मोदी के होते हुये 10 दिसम्बर की दोपहरी तक इन राज्यों में मुख्यमंत्री का नाम पारित न कर पाने से जनता व दल में कई प्रश्न उठ रहे थे। खासकर भाजपा व मोदी के चाणक्य अमित शाह के होते हुये भी। वहीं भाजपा की नजरों में दमतोड चूकी कांग्रेस ने तेलांगना में तमाम विरोधों को दर किनारे करके चंद दिनों बाद ही भाजपा की छात्र ईकाई अभाविप से दीक्षित व भारास में विधानसभा की राजनीति में प्रशिक्षित रहे अपने युवा प्रदेश अध्यक्ष रेवंत रेड़डी को मुख्यमंत्री के पद की ताजपोशी करने में सफल रही। वहीं मिजोरम में अन्य 4 राज्यों के चुनाव परिणाम के एक दिन बाद यानि 4 दिसम्बर को मतगणना किये जाने के बाबजूद उसी दिन इस प्रांतीय दल जोरम पीपल मुमेंटस के प्रमुख व भारतीय पुलिस सेवा में सेवानिवृत अधिकारी रहे लालदुहोमा मुख्यमंत्री को पूरे देश जान गया था। परन्तु भाजपा को भारी बहुमत मिलने के बाद भाजपा जनता व अपने दल के लोगों की जिज्ञाशा को 3 दिसम्बर से 10 दिसम्बर की दोपहरी तक शांत नहीं कर सके।
जनता की इस जिज्ञाशा को शांत करने में भाजपा को 10 दिसम्बर 2023 की सांयकाल तब सफलता मिली जब केंद्रीय नेतृत्व द्वारा छतीसगढ के नव निर्वाचित भाजपा के 54 विधायकों की बैठक करने के बाद प्रदेश के नव निर्वाचित मुख्यमंत्री पद पर विष्णुदेव साव के नाम ऐलान किया । इसके साथ ही अमित शाह द्वारा छत्तीसगढ़ की जनता को दिये गये वचन को भी पूरा करने का सराहनीय काम किया।
छत्तीसगढ की कुनकुरी विधानसभा क्षेत्र से 3 दिसम्बर 2023 को विधायक निर्वाचित हुये विष्णुदेव साव वर्तमान में प्रदेश भाजपा के अध्यक्ष भी है। वे 2006 से 2010, 2014 व 2020 से 2022 तक भी प्रांत के अध्यक्ष भी रहै। इसके अलावा वे 11990 से 2019 तक सांसद रहे । 2014 से 2019 तक वे मोदी सरकार में केंद्रीय इस्पात, खनन व श्रम रोजगार राज्यमंत्री रूप में भी कार्यरत रहे। 21 फरवरी 1964 को अविभाजित मप्र के बगिया गांव में श्रीमती जश्मानी देवी व राम प्रसाद साय के पुत्र के रूप में जन्में विष्णुदेव 1990 से 1998 तक मध्य प्रदेश विधानसभा से भाजपा के विधायक भी रहे।
राज्य गठन के समय वे 13वीं लोकसभा के सदस्य रहे। इस प्रकार 2019 तक वे 4 बार संसद सदस्य रहे। उनकी लम्बी राजनैतिक पारी को देख कर ही भाजपा के चाणक्य समझे जाने वाले अमित शाह ने विधानसभा चुनाव में कुनकुरी विधानसभा क्षेत्र में विष्णदेव साय के समर्थन में आयोजित जनसभा में जनता से वादा किया कि विष्णुदेव साय अनुभवी नेता है। ये सांसद, विधायक और प्रदेश अध्यक्ष के पद पर भी रह चूके है। जनता इन्हे विधायक बना दें तो साय को बडा आदमी बनाने का काम हम करेंगे।
भले ही भाजपा ने विष्णुदेव साय को मुख्यमंत्री पद पर आसीन करने को निर्णय भाजपा ने छत्तीसगढ सहित देश के आदिवासी समाज को 2024 के लोकसभा चुनाव में अपनी तरफ आकृष्ठ करना है। इसी कारण भाजपा ने सरगुजा संभाग, बस्तर संभाग आदि में एक स्पष्ट संदेश देने में सफल रही कि भाजपा ही आदिवासियों की हमदर्द हे। राष्ट्रपति पद पर आदिवासी व महिला को पदासीन करके भी पहले ही यह संदेश देने में सफल रही। अब मुख्यमंत्री पद पर विष्णुदेव साय को आसीन कर अपना संदेश पर फिर मुहर लगाई।
गौरतलब है कि हाल में हुये पांच राज्यों की विधानसभा चुनाव की 3 दिसम्बर को मतगणना के बाद भाजपा द्वारा जीते मध्यप्रदेश, राजस्थान व छत्तीसगढ विधानसभा में सर्वशक्तिमान केंद्रीय नेतृत्व मोदी के होते हुये 10 दिसम्बर की दोपहरी तक इन राज्यों में मुख्यमंत्री का नाम पारित न कर पाने से जनता व दल में कई प्रश्न उठ रहे थे। खासकर भाजपा व मोदी के चाणक्य अमित शाह के होते हुये भी। वहीं भाजपा की नजरों में दमतोड चूकी कांग्रेस ने तेलांगना में तमाम विरोधों को दर किनारे करके चंद दिनों बाद ही भाजपा की छात्र ईकाई अभाविप से दीक्षित व भारास में विधानसभा की राजनीति में प्रशिक्षित रहे अपने युवा प्रदेश अध्यक्ष रेवंत रेड़डी को मुख्यमंत्री के पद की ताजपोशी करने में सफल रही। वहीं मिजोरम में अन्य 4 राज्यों के चुनाव परिणाम के एक दिन बाद यानि 4 दिसम्बर को मतगणना किये जाने के बाबजूद उसी दिन इस प्रांतीय दल जोरम पीपल मुमेंटस के प्रमुख व भारतीय पुलिस सेवा में सेवानिवृत अधिकारी रहे लालदुहोमा मुख्यमंत्री को पूरे देश जान गया था। परन्तु भाजपा को भारी बहुमत मिलने के बाद भाजपा जनता व अपने दल के लोगों की जिज्ञाशा को 3 दिसम्बर से 10 दिसम्बर की दोपहरी तक शांत नहीं कर सके।
जनता की इस जिज्ञाशा को शांत करने में भाजपा को 10 दिसम्बर 2023 की सांयकाल तब सफलता मिली जब केंद्रीय नेतृत्व द्वारा छतीसगढ के नव निर्वाचित भाजपा के 54 विधायकों की बैठक करने के बाद प्रदेश के नव निर्वाचित मुख्यमंत्री पद पर विष्णुदेव साव के नाम ऐलान किया । इसके साथ ही अमित शाह द्वारा छत्तीसगढ़ की जनता को दिये गये वचन को भी पूरा करने का सराहनीय काम किया।
उनके परिवार में उनकी धर्मपत्नी कौशल्या साय व एक पुत्र -2 पुत्री हैं।