देश के सबसे बडे छात्र संघ व पत्रकार संगठन का चुनाव-2023
देवसिंह रावत
आज 23 सितम्बर 2023 को देश की राजधानी दिल्ली में दो महत्वपूर्ण चुनाव सम्पन्न हुये। जहां एक तरफ देश की छात्र राजनीति में सबसे बड़े छात्र समुह व देश की वर्तमान राजनीति की झलक दिखाने वाले दिल्ली विश्व विद्यालय छात्र संघ का महत्वपूर्ण चुनाव -परिणाम आज घोषित हो गये। तीन साल बाद सम्पन्न हुये इसमें भाजपा समर्थक छात्र संगठन ‘अखिल भारतीय विद्यार्थी परिषद ने चार में से तीन प्रमुख ़पदों अध्यक्ष, सचिव व संयुक्त सचिव पद पर व कांग्रेसी छात्र संगठन नेे उपाध्यक्ष पद पर जीत दर्ज की।
वहीं दूसरी तरफ देश की राजधानी दिल्ली में नई संसद की देहरी पर स्थित देश की लोकशाही का चौथा स्तम्भ समझे जाने जाने वाले ‘पत्रकार संगठन ’ के सबसे बड़े ध्वजवाहक ‘प्रेस क्लब आफ इंडिया’ की नई कार्यकारणी 2023 के चुनाव आज सम्पन्न हुये। वरिष्ठ स्तम्भकार व राष्ट्रवादी चिंतक आचार्य विष्णु हरि व पत्रकार अमरचंद के अनुसार इस बार लगभग 4500 हजार मतदाताओं में से मात्र 1157 पत्रकारों ने मतदान में भाग लिया। जबकि गत चुनाव में पोने दो हजार से अधिक पत्रकारों ने अपने मताधिकार का प्रयोग किया था। भले ही मत गणना व परिणाम कल घोषित होंगे। परन्तु प्रत्याशियों व मतदान के रूझान से साफ हो गया कि भले ही भाजपा देश की सत्ता में एक दशक से अपना परचम लहरा रही है। पर पत्रकार संगठन में उसके लिए अभी दूर की कौड़ी है।
वैसे इस बार के चुनाव में प्रत्याशियों में मुकाबला कहीं दूर दूर तक नहीं था। थोडा बहुत मुकाबला देखने में जो आ रहा था वह प्रबंधन समिति के सदस्यों के बीच देखने में आ रहा था। वेसे गत वर्षो से इस पत्रकार संगठन का नेतृत्व कर रहे वाम विचारक गु्रप ही इस बार जीतने के आसार चुनाव उम्मीदवारों की घोषणा के दिन से की जा रही थी। क्योंकि गत चुनावों में जिस प्रकार से कई गु्रप चुनाव में उतर कर चुनाव में अपनी पूरी ताकत झौंक देते थे। वह इस बार कहीं देखने को नहीं मिला। सत्तासीन गु्रप को अपनी जीत पर इतना भरोसा था कि यहां मतदान से एक दिन पहले तक इस ग्रुप के प्रत्याशी कहीं किसी से मतदान के लिये संपर्क भी नहीं कर रहे थे। वर्षों से पत्रकार संगठन के ध्वजवाहक बने इस सत्तारूढ ग्रुप के अध्यक्ष पद पर गौतम लहरी, उपाध्यक्ष-मनोरंजन भारती, महासचिव – नीरज ठाकुर, संयुक्त सचिव-मो. आलम व कोषाध्यक्ष -मोहित दुबे नेतृत्व वाले पैनल के खिलाफ भी चुनावी दंगल में उतरे वाम विचारक प्रशांत टंडन व उनके साथियों का प्रचार कमजोर नजर आ रहा था। हाॅ इस बार मतदान के दिन वरिष्ठ पत्रकार राजदीप देसाई, रवीश कुमार, विनोद शर्मा, अवधेश कुमार भी अपने पत्रकार प्रत्याशियों व साथियों का उत्साह बढाते नजर आ रहे थे। इन बडे नामी पत्रकारों से अनैक पत्रकार अपने साथ तस्वीरें खिंचा रहे थे। वहीं मनेजिंग कमेटी के सदस्य के लिये सत्तासीन पैनल की तरफ से सुनील नेगी व मेघना धुलिया के प्रचार के लिये केसी पाण्डे, राजेंद्र रतूडी व कुशाल जीना ने मोर्चा संभाला हुआ था।
उल्लेखनीय है कि गत वर्ष के चुनाव में भी इसी सत्तासीन गु्रप के उमाकांत लखेडा व उनके साथी जीते थे। कल चुनाव परिणाम से साफ हो जायेगा कि सत्तासीन गु्रप को चुनौती देने में चुनावी दंगल में उतरे चंद प्रत्याशी कहां तक सफल होते है या सत्तासीन गु्रप पूरी तरह से इस बार भी अपना परचम लहराने में सफल होता है। पर पत्रकार संगठन को पत्रकारों के बीच पत्रकार संगठन के चुनाव के प्रति हो रहे मोह भंग को दूर करने के लिये कमर कसनी होगी। जिसके भरोसे ही देश में पत्रकारिता पर मंडरा रहे चोतरफा खतरों से लडने की ताकत अर्जित की जा सकती। पत्रकारों की वर्तमान मोह भंग की स्थिति पत्रकारों के साथ लोकशाही के लिये उचित नहीं है।
वहीं राजनैतिक दलों की शक्ति समझी जाने वाले छात्र संगठनों में देश के सबसे बड़े छात्र संघ ‘ दिल्ली विश्वविद्यालय छात्र संगठन में भी अपना परचम लहराने में सफल होता है, परन्तु भाजपा, संसद की चैखट पर स्थित देश के सबसे बडे पत्रकार संगठन में परचम लहराना तो रहा दूर इसमें एक भी राष्ट्रवादी पत्रकार को जीताने में अभी तक सफल नहीं हुई। हाॅ वर्तमान में राष्ट्रवादी विचारों का परचम लहरा रहे पुष्पेंद्र कुलश्रेष्ठ भी अपनी वर्तमान छवि से हटकर छवि से ही यहां पर प्रमुख पदाधिकारी बने थे। हालांकि कांग्रेस इस बात का संतोष कर सकती है कि यहां पर राष्ट्रवादी पत्रकार देश के सबसे बडे पत्रकार संगठन का प्रमुख या पदाधिकारी नहीं बन पाता है।
प्रेस क्लब आफ इंडिया की नयी कार्यकारणी के लिये आज सुबह से सांयकाल तक पत्रकारों का मेला संसद के समीप लगा रहा। इस बार
छात्र संघ के चुनाव प्रचार की कमान देश के दिग्गज नेताओं के हाथों में रहती थी। भाजपा की तरफ से अरूण जेटली आदि व कांग्रेस की तरफ से आस्कर फर्नाडिस, जगदीश टाइटलर व मुकुल वासनिक जैसे दिग्गज खुद चुनाव प्रचार की कमान अपने हाथों में रखते थे। इस चुनाव में जीते सत्तारूढ़ दल के प्रत्याशियों को सत्तासीन प्रधानमंत्री व मुख्य विपक्षी दल के आलाकमान के पास उसी दिन भैंट करा कर खबरिया जगत में प्र्रमुखता से प्रचारित व प्रसारित किया जाता है।
देश में सबसे अधिक छात्र संख्या व देश के बडे राजनैतिक दलों की प्रतिष्ठा का प्रतीक दिल्ली विश्व विद्यालय छात्र संघ के चुनाव 2023 के चुनाव में करीब 132435 छात्र मतदाताओं में से 42 प्रतिशत छात्र मतदाताओं ने अपना मताधिकार का प्रयोग कर देश की सत्ता में आसीन भाजपा समर्थक छात्र संगठन को चार में
उल्लेखनीय है कि दिल्ली विश्वविद्यालय में वर्तमान में, १६ संकाय, ८६ शैक्षणिक विभाग, ७७ कॉलेज और ५ अन्य मान्यता प्राप्त संस्थान दिल्ली महानगर में फैले हुए हैं, जिसमें १,३२,४३५ नियमित छात्र (१,१४,४९४ स्नातक और १७,९४१ स्नातकोत्तर) हैं। गैर-औपचारिक शिक्षा कार्यक्रमों में २,६१,१६९ छात्र (२,५८,८३१ स्नातक और २,३३८ स्नातकोत्तर) हैं।
पिछली बार सन2019 में भी सम्पन्न हुये दिल्ली विश्वविद्यालय के चुनाव में भी तीन पर भाजपा व एक पर कांग्रेस समर्थक छात्र संगठन ने परचम लहराया था। 2020से 2022 तक कोरोना आदि कारणों से दिल्ली छात्र संघ के चुनाव सम्पन्न नहीं हुये थे।
दिल्ली विश्वविद्यालय छात्र संघ चुनाव परिणामों के अनुसार अखिल भारतीय छात्र संगठन के तुषार डेढा 21555 मत अर्जित कर जीत दर्ज की इस पद पर कांग्रेस समर्थक छात्र प्रत्याशी को 17833 मत मिले, वहीं अखिल भारतीय छात्र संगठन के सचिव पर पर अपराजिता ने 22562 मत अर्जित कर व संयुक्त सचिव पद पर सचिन बैसला ने 22833 मत अर्जित कर जीत दर्ज की है। जबकि ं कांग्रेस समर्थक छात्र संगठन के अभि दहिया ने 19703 मत अर्जित कर भाजपा समर्थक छात्र संगठन के सुशांत धनखड़ 18763 को कड़ी टक्कर दे कर जीत अर्जित की।
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