14अगस्त 2023, दिल्ली से पसूकाभास
प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी ने आज ‘विभाजन विभीषिका स्मृति दिवस’ के अवसर पर उन लोगों का स्मरण किया जिन्होंने देश के विभाजन में अपनी जान गंवा दी थी। श्री मोदी ने उन्हें श्रद्धांजलि अर्पित की और उन लोगों के संघर्ष को याद किया जो अपने घरों से विस्थापित हो गए थे।
एक ट्वीट में प्रधानमंत्री ने कहा;
“विभाजन विभीषिका स्मृति दिवस उन भारतवासियों को श्रद्धापूर्वक स्मरण करने का अवसर है, जिनका जीवन देश के बंटवारे की बलि चढ़ गया। इसके साथ ही यह दिन उन लोगों के कष्ट और संघर्ष की भी याद दिलाता है, जिन्हें विस्थापन का दंश झेलने को मजबूर होना पड़ा। ऐसे सभी लोगों को मेरा शत-शत नमन।”
विभाजन विभीषिका स्मृति दिवस उन भारतवासियों को श्रद्धापूर्वक स्मरण करने का अवसर है, जिनका जीवन देश के बंटवारे की बलि चढ़ गया। इसके साथ ही यह दिन उन लोगों के कष्ट और संघर्ष की भी याद दिलाता है, जिन्हें विस्थापन का दंश झेलने को मजबूर होना पड़ा। ऐसे सभी लोगों को मेरा शत-शत नमन।
— Narendra Modi (@narendramodi) August 14, 2023
इस अवसर पर संस्कृति मंत्रालय ने अपनी श्रृद्धांजलि अर्पित करते हुए कहा कि बंटवारे के दर्द को कभी भुलाया नहीं जा सकता। नफरत और हिंसा की वजह से लाखों लोगों को विस्थापित होना पड़ा, अपनी जान तक गंवानी पड़ी। आइए हम इस दिन विभाजन की भयावहता को याद करते हुए समाज व देश की एकता अखंडता के लिए सदैव कार्य करने का संकल्प लें।विभाजन के कारण अपनी जान गंवाने वाले और अपनी जड़ों से विस्थापित होने वाले सभी परिवारों को विनम्र श्रद्धांजलि ।
इस अवसर पर अपनी श्रृद्धांजलि अर्पित करते हुए सूचना मंत्री अनुराग ठाकुर ने कहा कि सोने की चिड़िया भारत भूमि का धर्म के आधार पर सन् 1947 में विभाजन एक ऐसी विभीषिका है जिसका दर्द करोड़ों हृदयों में आज तक है। भारतीय इतिहास का यह काला अध्याय उस समय अनगिनत लोगों के विस्थापन, दंगों और मृत्यु का कारण बना था।
आज ‘विभाजन विभीषिका स्मृति दिवस’ पर विभाजन के कारण अपनी और अपने परिजनों की जान गंवाने वालों व इसका विभीषिका का दंश झेलने वालों को मेरा सादर नमन 🙏🏻
गौरतलब है कि भारत को 15 अगस्त, 1947 को ब्रिटिश शासन से आज़ादी मिली। हालाँकि, स्वतंत्रता की मिठास के साथ-साथ देश को विभाजन का आघात भी सहना पड़ा।
लोगों के संघर्ष और बलिदान की याद में हर साल 14 अगस्त को विभाजन विभीषिका स्मृति दिवस के रूप में मनाया जाता है।