चमोली में संचालित नमामि गंगे परियोजना में घोर लापरवाही से मारे गये लोग, अनैक घायल
प्यारा उतराखण्ड डाट काम
सीमांत जनपद चमोली के चमोली कस्बे में अलकनंदा के तट पर संचालित नमामि गंगे परियोजनाके जल संशोधक प्लाट में 18-19 जुलाई को चंद घटे के अंदर घोर लापरवाही से फेले बिजली के करंट से हुई देश को स्तब्ध करने वाली दुर्घटना में इस परियोजना में कार्यरत समीपवर्ती गांव हरमनी के 27 वर्षीय गणेश लाल सहित 16 लोगों की दर्दनाक मौत हो गयी।
इस दुर्घटना में 11 लोग भी घायल हो गये। गंभीर रूप से झुलसे घायलों का इलाज अखिल भारतीय आयुर्वेदिक संस्थान रिषिकेश व अन्य घायलों का इलाज जिला चिकित्सालय गोेपेश्वर में किया जा रहा है।
इस दुर्घटना पर प्रधानमंत्री मोदी व प्रदेश के मुख्यमंत्री पुष्कर सिंह धामी सहित देश प्रदेश के अनैक वरिष्ठ नेताओं ने गहरा शोक प्रकट किया। प्रधानमंत्री मोदी ने इस दुर्घटना में मारे गये व घायल हुये पीड़ितों को प्रधानमंत्री राहत कोष से मुआवजे का ऐलान किया। मृतक के आश्रितों को 2-2लाख रूपये व घायल पीडितों को 50 हजार रूपये को मुआवजा दिया जायेगा। वहीं उतराखण्ड के मुख्यमंत्री धामी ने इस दुर्घटना मे मारे गये व घायल हुये लोगों के परिजनों को तत्काल मुआवजा देने का ऐलान किया। प्रदेश सरकार प्रत्येक मृतक आश्रित को पांच पांच लाख रूपये व घायलों को एक एक लाख रूपये मुआवजा देने का ऐलान किया। मुख्यमंत्री धामी इस घटना की जानकारी मिलने के बाद चमोली जाना चाहते थे। परन्तु खराब मौसम के कारण उनका हेलीकप्टर चमोली नहीं जा पाया। इसके बाद मुख्यमंत्री धामी ने जिला चमोली के जिलाधिकारी हिमांशु खुराना से बात कर इस हादसे की जांच एडीएम प्रशासन अभिषेक त्रिपाठी को एक सप्ताह के अंदर करने का निर्देश दिया। इस हादसे की जानकारी होने के बाद 20 जुलाई 2023 को मुख्यमंत्री धामी घटना पीडितों से मिलने चमोली पंहुचे। चमोली पंहुच कर ट्वीट में जानकारी देते हुये मुख्यमंत्री ने लिखा कि चमोली पहुंचकर अत्यंत पीड़ादायक व हृदय को झकझोर देने वाले हादसे में हताहत हुए लोगों के परिजनों से मिलकर शोक संवेदना व्यक्त की। हादसे में अपने प्राणों की आहुति देने वाले होमगार्ड्स के जवानों को श्रद्धांजलि अर्पित की।
यह भावुक क्षण शब्दों में बयान नही कर पा रहा हूं, जिन लोगों ने अपने परिजन खोए हैं उनकी पीड़ा भली-भांति समझ सकता हूं। ईश्वर से प्रार्थना करता हूं कि शोकाकुल परिवारों को यह कष्ट सहन करने की शक्ति प्रदान करें। घटना की गहनता से जांच की जाएगी और दोषियों पर कठोर कार्रवाई की जाएगी। हमारी सरकार पीड़ित परिवारों के साथ मजबूती के साथ खड़ी है।
उपचार हेतु चिकित्सालय में भर्ती घायलों व उनके परिजनों से भी मुलाकात कर उन्हें सरकार की ओर से हर संभव सहायता प्रदान करने के लिए आश्वस्त किया। इस दौरान चिकित्सकों से घायलों के उपचार से सम्बंधित जानकारी भी प्राप्त की।चमोली पहुंचकर अत्यंत पीड़ादायक व हृदय को झकझोर देने वाले हादसे में हताहत हुए लोगों के परिजनों से मिलकर शोक संवेदना व्यक्त की। हादसे में अपने प्राणों की आहुति देने वाले होमगार्ड्स के जवानों को श्रद्धांजलि अर्पित की।प्रारंभिक जांच में इस यूपीसीएल के अधिशासी अभियंता अमित सक्सेना के अनुसार संयंत्र में रात को बिजली के करंट लगने से कार्यरत कर्मचारी के मारे जाने की सूचना विभाग को नहीं थी। यहां बिजली व्यवस्था, मीटर व ट्रांसफार्मर सब सुचारू काम कर रहे थे। इस दुर्घना के पीछे संयंत्र के अंदरूनी विद्वुत संचार में गडबडी के कारण यह हादसा हुआ है। विभाग की लापरवाही इतनी भयंकर है कि उसका एक कर्मचारी कार्यस्थल पर बिजली के करंट से मारा गया, परन्तु विभाग को इतनी बड़ी दुर्घटना की खबर तक नहीं हुई। अगर वह कर्मचारी मारा नहीं जाता तो उसकी खोज खबर करने आये पुलिस व मृतक के परिजन -गांव वाले भी इस दुर्घटना का शिकार नहीं होते। भले ही उतराखण्ड के मुख्यमंत्री ने इस घटना की मजिस्टेट जांच कराने के आदेश दे दिये हों परन्तु जिस प्रकार से संबंधित विभाग हादसे के बाद भी कुम्भकर्णी नींद में सोया हुआ है और अपने दायित्व तक को उसे बोध नहीं है, ऐसे में सरकार के कठोर कदम ही पीडितों को न्याय दिला सकता है। अन्यथा इस दुर्घटना पर कोरी संवेदनाओं व सरकारी मुआवजा वितरण के बाद इस काण्ड के असली दोषी को दण्ड ऐसी लापरवाह व्यवस्था देगी। यह सोचना भी एक प्रकार का सपना ही है।
इस हादसे के मृतकों में प्रथम मृतक महेंद्र लाल के पिता 48 वर्षीय महेंद्र लाल(हरमनी-चमोली) व प्रथम मृतक का बडा भाई 33 वर्षीय दीपू कुमार (हरमनी-चमोली), प्रमोद कुमार (हरमनी-चमोली), मनोज कुमार (हरमनी-चमोली), 38 वर्षीय सुरेंद्र रावत (हरमनी-चमोली),योगेंद्र सिंह (हरमनी-चमोली), प्रदीप रावत( पुलिस चैकी प्रभारी-पीपलकोटी), 57 वर्षीय होमगार्ड गोपाल सिंह, होमगार्ड सोबत लाल, 33 वर्षीय सुरेंद्र लाल (हरमनी-चमोली), 45 वर्षीय देवीलाल (हरमनी-चमोली), 25 वर्षीय सुमित (रांगतोली-चमोली),
55 वर्षीय होमगार्ड मुकुंदी राम ( हरमनी), 33 वर्षीय सुखदेव कुमार (रांगतोली-चमोली),26 वर्षीय विपिन (पाडुली-चमोली) आदि हैं।
वहीं घायलों में हरमनी गांव के 35 वर्षीय नरेंद्र लाल, 27 वर्षीय सुशील कुमार व 20 वर्षीय जयदीप के अलावा खैनुरी गांव चमोली के महेश कुमार व 48 वर्षीय रामचंद्र, चमोली कस्बे के अभिषेक पाल, पवन राठौर व 41 वर्षीय धीरेंद्र रावत , पाडुली गांव चमोली के 42 वर्षीय आनंद, रांगतोली गांव चमोली निवासी 27 वर्षीय सुशील खत्री हैं।सुत्रों के अनुसार इस परियोजना में कार्यरत हरमनी गांव के निवासी गणेश जब मंगलबार यानि 18 जुलाई की रात की नौकरी के बाद 19 जुलाई की सुबह अपने घर नहीं आया तो उसके परिजनों ने उसको फोन किया। परन्तु उसका फोन नहीं लगा। इसके बाद परिजनों ने उसके कार्यस्थल पर उसकी खोज खबर लेने पंहुचे। वहां जा कर उनको पता लगा कि गणेश की मौत बिलजी का करंट लगने से हो गयी। जैसे ही इसकी खबर उसके गांव में पंहुची तो उसके गांव व आसपास के तीन दर्जन से अधिक लोग वहां पंहुच गये। इसके साथ इसकी सूचना पुलिस को भी मिली। पुलिस भी उसी मौत के जांच के लिये वहां पंहुची।
चमोली में संचालित नमामि गंगा परियोजना विभाग की घोर लापरवाही से डेढ़ दर्जन से अधिक लोग मारे गये, अनैक घायल हैं। यहां अधिकांश लोगों की मांग है कि चमोली हादसे के पीड़ितों को घडियाली संवेदनाओं की जरूरत नहीं अपितु दोषी हत्यारे को कड़ी सजा, उचित मुआवजा व पीड़ित आश्रितों को सरकारी रोजगार देने का काम करे सरकार। इस दुर्घटना में गणेश लाल के साथ उसके पिता व बडे भाई के अलावा उसके गांव के अनैक लोग भी मारे गये। पुलिस व होमगार्ड भी इस लापरवाही के शिकार हुये। इस प्रकरण के दोषी को ऐसी कड़ी सजा मिलनी चाहिये, जिसको नजीर मानकर कर्मचारी फिर ऐसी लापरवाही करने की सोच कर भी कांपे। अन्यथा फिर ऐसी घटनायें ंआये दिन यत्र तंत्र होती रहेगी।
इस दुर्घटना में 11 लोग भी घायल हो गये। गंभीर रूप से झुलसे घायलों का इलाज अखिल भारतीय आयुर्वेदिक संस्थान रिषिकेश व अन्य घायलों का इलाज जिला चिकित्सालय गोेपेश्वर में किया जा रहा है।
इस दुर्घटना पर प्रधानमंत्री मोदी व प्रदेश के मुख्यमंत्री पुष्कर सिंह धामी सहित देश प्रदेश के अनैक वरिष्ठ नेताओं ने गहरा शोक प्रकट किया। प्रधानमंत्री मोदी ने इस दुर्घटना में मारे गये व घायल हुये पीड़ितों को प्रधानमंत्री राहत कोष से मुआवजे का ऐलान किया। मृतक के आश्रितों को 2-2लाख रूपये व घायल पीडितों को 50 हजार रूपये को मुआवजा दिया जायेगा। वहीं उतराखण्ड के मुख्यमंत्री धामी ने इस दुर्घटना मे मारे गये व घायल हुये लोगों के परिजनों को तत्काल मुआवजा देने का ऐलान किया। प्रदेश सरकार प्रत्येक मृतक आश्रित को पांच पांच लाख रूपये व घायलों को एक एक लाख रूपये मुआवजा देने का ऐलान किया। मुख्यमंत्री धामी इस घटना की जानकारी मिलने के बाद चमोली जाना चाहते थे। परन्तु खराब मौसम के कारण उनका हेलीकप्टर चमोली नहीं जा पाया। इसके बाद मुख्यमंत्री धामी ने जिला चमोली के जिलाधिकारी हिमांशु खुराना से बात कर इस हादसे की जांच एडीएम प्रशासन अभिषेक त्रिपाठी को एक सप्ताह के अंदर करने का निर्देश दिया। इस हादसे की जानकारी होने के बाद 20 जुलाई 2023 को मुख्यमंत्री धामी घटना पीडितों से मिलने चमोली पंहुचे। चमोली पंहुच कर ट्वीट में जानकारी देते हुये मुख्यमंत्री ने लिखा कि चमोली पहुंचकर अत्यंत पीड़ादायक व हृदय को झकझोर देने वाले हादसे में हताहत हुए लोगों के परिजनों से मिलकर शोक संवेदना व्यक्त की। हादसे में अपने प्राणों की आहुति देने वाले होमगार्ड्स के जवानों को श्रद्धांजलि अर्पित की।
यह भावुक क्षण शब्दों में बयान नही कर पा रहा हूं, जिन लोगों ने अपने परिजन खोए हैं उनकी पीड़ा भली-भांति समझ सकता हूं। ईश्वर से प्रार्थना करता हूं कि शोकाकुल परिवारों को यह कष्ट सहन करने की शक्ति प्रदान करें। घटना की गहनता से जांच की जाएगी और दोषियों पर कठोर कार्रवाई की जाएगी। हमारी सरकार पीड़ित परिवारों के साथ मजबूती के साथ खड़ी है।
उपचार हेतु चिकित्सालय में भर्ती घायलों व उनके परिजनों से भी मुलाकात कर उन्हें सरकार की ओर से हर संभव सहायता प्रदान करने के लिए आश्वस्त किया। इस दौरान चिकित्सकों से घायलों के उपचार से सम्बंधित जानकारी भी प्राप्त की।चमोली पहुंचकर अत्यंत पीड़ादायक व हृदय को झकझोर देने वाले हादसे में हताहत हुए लोगों के परिजनों से मिलकर शोक संवेदना व्यक्त की। हादसे में अपने प्राणों की आहुति देने वाले होमगार्ड्स के जवानों को श्रद्धांजलि अर्पित की।प्रारंभिक जांच में इस यूपीसीएल के अधिशासी अभियंता अमित सक्सेना के अनुसार संयंत्र में रात को बिजली के करंट लगने से कार्यरत कर्मचारी के मारे जाने की सूचना विभाग को नहीं थी। यहां बिजली व्यवस्था, मीटर व ट्रांसफार्मर सब सुचारू काम कर रहे थे। इस दुर्घना के पीछे संयंत्र के अंदरूनी विद्वुत संचार में गडबडी के कारण यह हादसा हुआ है। विभाग की लापरवाही इतनी भयंकर है कि उसका एक कर्मचारी कार्यस्थल पर बिजली के करंट से मारा गया, परन्तु विभाग को इतनी बड़ी दुर्घटना की खबर तक नहीं हुई। अगर वह कर्मचारी मारा नहीं जाता तो उसकी खोज खबर करने आये पुलिस व मृतक के परिजन -गांव वाले भी इस दुर्घटना का शिकार नहीं होते। भले ही उतराखण्ड के मुख्यमंत्री ने इस घटना की मजिस्टेट जांच कराने के आदेश दे दिये हों परन्तु जिस प्रकार से संबंधित विभाग हादसे के बाद भी कुम्भकर्णी नींद में सोया हुआ है और अपने दायित्व तक को उसे बोध नहीं है, ऐसे में सरकार के कठोर कदम ही पीडितों को न्याय दिला सकता है। अन्यथा इस दुर्घटना पर कोरी संवेदनाओं व सरकारी मुआवजा वितरण के बाद इस काण्ड के असली दोषी को दण्ड ऐसी लापरवाह व्यवस्था देगी। यह सोचना भी एक प्रकार का सपना ही है।
इस हादसे के मृतकों में प्रथम मृतक महेंद्र लाल के पिता 48 वर्षीय महेंद्र लाल(हरमनी-चमोली) व प्रथम मृतक का बडा भाई 33 वर्षीय दीपू कुमार (हरमनी-चमोली), प्रमोद कुमार (हरमनी-चमोली), मनोज कुमार (हरमनी-चमोली), 38 वर्षीय सुरेंद्र रावत (हरमनी-चमोली),योगेंद्र सिंह (हरमनी-चमोली), प्रदीप रावत( पुलिस चैकी प्रभारी-पीपलकोटी), 57 वर्षीय होमगार्ड गोपाल सिंह, होमगार्ड सोबत लाल, 33 वर्षीय सुरेंद्र लाल (हरमनी-चमोली), 45 वर्षीय देवीलाल (हरमनी-चमोली), 25 वर्षीय सुमित (रांगतोली-चमोली),
55 वर्षीय होमगार्ड मुकुंदी राम ( हरमनी), 33 वर्षीय सुखदेव कुमार (रांगतोली-चमोली),26 वर्षीय विपिन (पाडुली-चमोली) आदि हैं।
वहीं घायलों में हरमनी गांव के 35 वर्षीय नरेंद्र लाल, 27 वर्षीय सुशील कुमार व 20 वर्षीय जयदीप के अलावा खैनुरी गांव चमोली के महेश कुमार व 48 वर्षीय रामचंद्र, चमोली कस्बे के अभिषेक पाल, पवन राठौर व 41 वर्षीय धीरेंद्र रावत , पाडुली गांव चमोली के 42 वर्षीय आनंद, रांगतोली गांव चमोली निवासी 27 वर्षीय सुशील खत्री हैं।सुत्रों के अनुसार इस परियोजना में कार्यरत हरमनी गांव के निवासी गणेश जब मंगलबार यानि 18 जुलाई की रात की नौकरी के बाद 19 जुलाई की सुबह अपने घर नहीं आया तो उसके परिजनों ने उसको फोन किया। परन्तु उसका फोन नहीं लगा। इसके बाद परिजनों ने उसके कार्यस्थल पर उसकी खोज खबर लेने पंहुचे। वहां जा कर उनको पता लगा कि गणेश की मौत बिलजी का करंट लगने से हो गयी। जैसे ही इसकी खबर उसके गांव में पंहुची तो उसके गांव व आसपास के तीन दर्जन से अधिक लोग वहां पंहुच गये। इसके साथ इसकी सूचना पुलिस को भी मिली। पुलिस भी उसी मौत के जांच के लिये वहां पंहुची।
चमोली में संचालित नमामि गंगा परियोजना विभाग की घोर लापरवाही से डेढ़ दर्जन से अधिक लोग मारे गये, अनैक घायल हैं। यहां अधिकांश लोगों की मांग है कि चमोली हादसे के पीड़ितों को घडियाली संवेदनाओं की जरूरत नहीं अपितु दोषी हत्यारे को कड़ी सजा, उचित मुआवजा व पीड़ित आश्रितों को सरकारी रोजगार देने का काम करे सरकार। इस दुर्घटना में गणेश लाल के साथ उसके पिता व बडे भाई के अलावा उसके गांव के अनैक लोग भी मारे गये। पुलिस व होमगार्ड भी इस लापरवाही के शिकार हुये। इस प्रकरण के दोषी को ऐसी कड़ी सजा मिलनी चाहिये, जिसको नजीर मानकर कर्मचारी फिर ऐसी लापरवाही करने की सोच कर भी कांपे। अन्यथा फिर ऐसी घटनायें ंआये दिन यत्र तंत्र होती रहेगी।