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गृह मंत्रालय द्वारा केंद्रीय सशस्त्र पुलिस बलों  के लिए हिंदी और अंग्रेजी के अलावा 13 क्षेत्रीय भाषाओं में कांस्टेबल (जनरल ड्यूटी) परीक्षा आयोजित करने के निर्णय का भारतीय भाषा आंदोलन ने किया स्वागत  

प्रधानमंत्री  नरेन्द्र मोदी के नेतृत्व में एक ऐतिहासिक निर्णय के तहत गृह मंत्रालय ने CAPFs के लिए हिंदी और अंग्रेजी के अलावा 13 क्षेत्रीय भाषाओं में कांस्टेबल (जनरल ड्यूटी) परीक्षा आयोजित करने को मंज़ूरी दी

प्रश्न पत्र हिंदी और अंग्रेजी के अलावा असमिया, बंगाली, गुजराती, मराठी, मलयालम, कन्नड़, तमिल, तेलुगु, ओडिया, उर्दू, पंजाबी, मणिपुरी और कोंकणी में तैयार किया जाएगा

इस निर्णय के परिणामस्वरूप लाखों उम्मीदवार अपनी मातृभाषा / क्षेत्रीय भाषा में परीक्षा में भाग ले सकेंगे जिससे उनके चयन की संभावनाएं बढ़ेंगी

कांस्टेबल (जनरल ड्यूटी), कर्मचारी चयन आयोग द्वारा आयोजित प्रमुख परीक्षाओं में से एक है, जिसमें देशभर से लाखों उम्मीदवार भाग लेते हैं

हिन्दी और अंग्रेज़ी के अतिरिक्त 13 क्षेत्रीय भाषाओं में परीक्षा का आयोजन 01 जनवरी, 2024 से होगा

प्रधानमंत्री  नरेन्द्र मोदी  के नेतृत्व और गृह एवं सहकारिता मंत्री  अमित शाह के मार्गदर्शन में गृह मंत्रालय, क्षेत्रीय भाषाओं के उपयोग और विकास के प्रोत्साहन के लिए कटिबद्ध है

15 अप्रैल 2023, नई दिल्ली से  प्याउ/पसूकाभास

भारतीय भाषा आंदोलन ने केंद्रीय सशस्त्र पुलिस बलों  के लिए हिंदी और अंग्रेजी के अलावा 13 भारतीय भाषाओं में कांस्टेबल (जनरल ड्यूटी) परीक्षा आयोजित करने को मंज़ूरी देने के भारत सरकार के निर्णय की सराहना करते हुए आशा प्रकट किया कि भारत सरकार, देश को अंग्रेजी व इंडिया की गुलामी से मुक्त करके भारत में लोकशाही का परचम लहरायेगी।  भारतीय भाषा आंदोलन के अध्यक्ष देव सिंह रावत ने हैरानी प्रकट की कि अब तक की सरकारों ने अंग्रेजों से मुक्त होने के 75 साल बाद भी भारत को अंग्रेजी व इंडिया का गुलाम क्यों बनाए रखा?

उल्लेखनीय है कि देश में भर्ती परीक्षाओं सहित पूरे तंत्र को भारतीय भाषाओं में संचालित करने की मांग को लेकर भारतीय भाषा आंदोलन विगत कई वर्षों से निरंतर आंदोलन कर रहा है। राष्ट्रीय धरना स्थल जंतर मंतर, रामलीला मैदान, शहीद पार्क संसद मार्ग व जंतर मंतर से प्रधानमंत्री कार्यालय तक प्रतिदिन ज्ञापन देने की पदयात्रा के विभिन्न चरणों के बाद अब इसके तहत हर दिन प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी से इंटरनेट माध्यम से गुहार युक्त ज्ञापन भी प्रदान करता है ।

इसी बीच 15 अप्रैल 2023 को भारत सरकार ने प्रधानमंत्री  नरेन्द्र मोदी जी के नेतृत्व में एक ऐतिहासिक निर्णय के तहत गृह मंत्रालय ने केंद्रीय सशस्त्र पुलिस बलों (CAPFs) के लिए हिंदी और अंग्रेजी के अलावा 13 क्षेत्रीय भाषाओं में कांस्टेबल (जनरल ड्यूटी) परीक्षा आयोजित करने को मंज़ूरी दे दी है। ये ऐतिहासिक निर्णय गृह एवं सहकारिता मंत्री  अमित शाह की पहल पर सीएपीएफ में स्थानीय युवाओं की भागीदारी बढ़ाने और क्षेत्रीय भाषाओं को प्रोत्साहन देने के लिए लिया गया है।

हिन्दी और अंग्रेज़ी के अलावा प्रश्न पत्र निम्न 13 क्षेत्रीय भाषाओं में तैयार किया जाएगा—

  1. असमिया
  2. बंगाली
  3. गुजराती
  4. मराठी
  5. मलयालम
  6. कन्नड़
  7. तमिल
  8. तेलुगु
  9. ओडिया
  10. उर्दू
  11. पंजाबी
  12. मणिपुरी
  13. कोंकणी

 

इस निर्णय के परिणामस्वरूप लाखों उम्मीदवार अपनी मातृभाषा / क्षेत्रीय भाषा में परीक्षा में भाग ले सकेंगे जिससे उनके चयन की संभावनाएं बढ़ेंगी।

गृह मंत्रालय और कर्मचारी चयन आयोग कई भारतीय भाषाओं में परीक्षा के संचालन की सुविधा के लिए मौजूदा समझौता ज्ञापन से संबंधित एक परिशिष्ट पर हस्ताक्षर करेंगे।

कांस्टेबल (जनरल ड्यूटी), कर्मचारी चयन आयोग द्वारा आयोजित प्रमुख परीक्षाओं में से एक है, जिसमें देशभर से लाखों उम्मीदवार भाग लेते हैं। हिन्दी और अंग्रेज़ी के अतिरिक्त 13 क्षेत्रीय भाषाओं में परीक्षा का आयोजन 01 जनवरी, 2024 से होगा।

इस निर्णय के बाद ये उम्मीद है कि राज्य / केंद्रशासित प्रदेशों की सरकारें स्थानीय युवाओं को अपनी मातृभाषा में परीक्षा देने के इस अवसर का उपयोग करने और देश की सेवा में करियर बनाने के लिए बड़ी संख्या में आगे आने के लिए प्रोत्साहित करने के लिए व्यापक अभियान शुरू करेंगे। प्रधानमंत्री श्री नरेन्द्र मोदी जी के नेतृत्व और गृह एवं सहकारिता मंत्री श्री अमित शाह के मार्गदर्शन में गृह मंत्रालय, क्षेत्रीय भाषाओं के उपयोग और विकास के प्रोत्साहन के लिए कटिबद्ध है।

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