माॅ का अंतिम संस्कार करने के तुरंत बाद कर्मपथ पर देश सेवा में रत हो गये कर्मवीर मोदी
प्यारा उतराखण्ड डाट काम
आज 30 दिसम्बर 2022 के पावन ब्रह्म मुर्हत 3.30 बजे प्रधानमंत्री मोदी की 100 वर्षीय माता जी हीराबेन का महाप्रयाण हो गया। वे अहमदाबाद के यू एन मेहता चिकित्सालय में स्वास्थ्य लाभ ले रही थी। इसकी खबर लगते ही प्रधानमंत्री मोदी सीधे माता जी के दर्शन करने अहमदाबाद पंहुचे। माता जी के निधन की खबर उन्होने देश को अपने टिवीट से देते हुये लिखा कि शानदार शताब्दी का ईश्वर चरणों में विराम….माॅ में मैने हमेशा उस त्रिमूर्ति की अनुभूति की है। जिसमें एक तपस्वी की यात्रा, निष्काम कर्मयोगी का प्रतीक और मूल्यों के प्रति प्रतिबद्ध जीवन समाहित रहा है।
माता हीराबेन अपने छोटे बेटे पंकज मोदी के साथ गांधी नगर में ही निवास करती थी। इस लिये दिवंगत हीरा बेन के पार्थिक देह का अंतिम संस्कार गांधी नगर के श्मसान घाट में किया गया। माता जी को मुखाग्नि प्रधानमंत्री मोदी व उनके परिजनों ने दी। शोकाकुल हीरा बेन परिवार में उनके सबसे बडे बेटे सोम भाई मोदी, अमृत भाई मोदी, प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी, प्रहलाद मोदी, पंकंज मोदी व बेटी बासंती बेन मोदी, सहित सभी का परिवार है। प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के पिता जी दामोधर भाई मोदी का निधन कई दशक पहले हो गया था। माता हीरा बेन का जीवन बहुत ही संघर्षमय गुजरा। पति के निधन के बाद परिवार की पूरी जिम्मेदारी हीरा बेन के कंधों पर ही थी। दामोधर भाई मोदी के भी पांच भाई थे। हीरा बेन का बचपन भी बहुत ही संघर्षमय गुजरा। बचपन में उनके सर से माॅ की मंमता का साया एक शताब्दी पहले आयी वैश्विक महामारी मेंउठ गया था। गरीबी के कारण उस समय हीरा बेन विधालयी शिक्षा प्राप्त नहीं कर पायी। इसके बाबजूद वे भारतीय संस्कारों की प्रतिमूर्ति थी। कबीर पंथ का उन पर गहरा प्रभाव था। उन्होने बच्चों को संस्कारवान बनाया। उनका अधिकांश समय भजन कीर्तन, ध्यान व माला जप में गुजरता था।
उनके अस्वस्थ होने की खबर मिलते ही दो दिन पहले प्रधानमंत्री मोदी माता के पास अहमदाबाद के यू एन चिकित्सालय में गये थे। कुछ समय पहले ही उन्होने माता जी के 100वें जन्म दिवस पर उनका आशीर्वाद लिया था। प्रधानमंत्री ने माता जी के निधन पर उनकी पावन स्मृति को ताजा करते हुये अपने ट्वीट में इस तरह से प्रकट किया ’मैं जब उनसे 100वें जन्मदिन पर मिला तो उन्होने एक बात कही थी, जो हमेशा याद रहती है कि काम करो बुद्धि से और जीवन जियो शुद्धि से।
अपने माता द्वारा उनके कार्यक्रमों में उपस्थित न होने के सवाल पर भी प्रधानमंत्री ने बताया कि वे एक दो बार ही उनके कार्यक्रमों में शामिल हुई। जबकि मैं उनसे आग्रह करता था सम्मलित होने का तो वह बहुत ही स्नेह से कहती थी कि भाई मेरी कोख से तुमने जन्म भले ही लिया परन्तु तुमको मेने नहीं परमात्मा ने गाढा है।’ माता जी ने केवल मोदी जी के पहली बार मुख्यमंत्री बनने वाले कार्यक्रम में ही उपस्थित रह कर मोदी जी को आशीर्वाद दिया था। उसके बाद हीरा बा को कभी प्रधानमंत्री के सार्वजनिक कार्यक्रमों में उपस्थित नहीं देखा गया।
अपनी मां के अंतिम संस्कार कर प्रधानमंत्री मोदी राजभवन पहुंचे कर अपने तय कार्यक्रमों में विडियों कांफ्रेंसिग के द्वारा सम्मलित हो कर एक निष्काम कर्मयोगी की तरह कर्मपथ पर अपने दायित्वों का निर्वहन करने में जुट गये।
आज तडके ही प्रधानमंत्री मोदी की माता जी के निधन की खबर मिलते ही पूरा देश स्तब्ध रहा। प्रधानमंत्री मोदी की माता जी के निधन पर देश की राष्ट्रपति, उपराष्ट्रपति, गृहमंत्री अमित शाह, रक्षामंत्री राजनाथ सिंह,पूर्व प्रधानमंत्री मनमोहन सिंह, लालकृष्ण आडवाणी, सोनिया गांधी, राहुल गांधी, कांग्रेस अध्यक्ष मल्लिकार्जुन खड़गे, भाजपा अध्यक्ष जेपी नड्डा,उप्र के मुख्यमंत्री आदित्यनाथ योगी, बसपा प्रमुख मायावती, बंगाल की मुख्यमंत्री ममता बनर्जी व प्रियंका गांधी सहित देश के तमाम नेताओं ने अपनी भावभीनी श्रद्धांजलि अर्पित की।
माता हीराबेन अपने छोटे बेटे पंकज मोदी के साथ गांधी नगर में ही निवास करती थी। इस लिये दिवंगत हीरा बेन के पार्थिक देह का अंतिम संस्कार गांधी नगर के श्मसान घाट में किया गया। माता जी को मुखाग्नि प्रधानमंत्री मोदी व उनके परिजनों ने दी। शोकाकुल हीरा बेन परिवार में उनके सबसे बडे बेटे सोम भाई मोदी, अमृत भाई मोदी, प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी, प्रहलाद मोदी, पंकंज मोदी व बेटी बासंती बेन मोदी, सहित सभी का परिवार है। प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के पिता जी दामोधर भाई मोदी का निधन कई दशक पहले हो गया था। माता हीरा बेन का जीवन बहुत ही संघर्षमय गुजरा। पति के निधन के बाद परिवार की पूरी जिम्मेदारी हीरा बेन के कंधों पर ही थी। दामोधर भाई मोदी के भी पांच भाई थे। हीरा बेन का बचपन भी बहुत ही संघर्षमय गुजरा। बचपन में उनके सर से माॅ की मंमता का साया एक शताब्दी पहले आयी वैश्विक महामारी मेंउठ गया था। गरीबी के कारण उस समय हीरा बेन विधालयी शिक्षा प्राप्त नहीं कर पायी। इसके बाबजूद वे भारतीय संस्कारों की प्रतिमूर्ति थी। कबीर पंथ का उन पर गहरा प्रभाव था। उन्होने बच्चों को संस्कारवान बनाया। उनका अधिकांश समय भजन कीर्तन, ध्यान व माला जप में गुजरता था।
उनके अस्वस्थ होने की खबर मिलते ही दो दिन पहले प्रधानमंत्री मोदी माता के पास अहमदाबाद के यू एन चिकित्सालय में गये थे। कुछ समय पहले ही उन्होने माता जी के 100वें जन्म दिवस पर उनका आशीर्वाद लिया था। प्रधानमंत्री ने माता जी के निधन पर उनकी पावन स्मृति को ताजा करते हुये अपने ट्वीट में इस तरह से प्रकट किया ’मैं जब उनसे 100वें जन्मदिन पर मिला तो उन्होने एक बात कही थी, जो हमेशा याद रहती है कि काम करो बुद्धि से और जीवन जियो शुद्धि से।
अपने माता द्वारा उनके कार्यक्रमों में उपस्थित न होने के सवाल पर भी प्रधानमंत्री ने बताया कि वे एक दो बार ही उनके कार्यक्रमों में शामिल हुई। जबकि मैं उनसे आग्रह करता था सम्मलित होने का तो वह बहुत ही स्नेह से कहती थी कि भाई मेरी कोख से तुमने जन्म भले ही लिया परन्तु तुमको मेने नहीं परमात्मा ने गाढा है।’ माता जी ने केवल मोदी जी के पहली बार मुख्यमंत्री बनने वाले कार्यक्रम में ही उपस्थित रह कर मोदी जी को आशीर्वाद दिया था। उसके बाद हीरा बा को कभी प्रधानमंत्री के सार्वजनिक कार्यक्रमों में उपस्थित नहीं देखा गया।
अपनी मां के अंतिम संस्कार कर प्रधानमंत्री मोदी राजभवन पहुंचे कर अपने तय कार्यक्रमों में विडियों कांफ्रेंसिग के द्वारा सम्मलित हो कर एक निष्काम कर्मयोगी की तरह कर्मपथ पर अपने दायित्वों का निर्वहन करने में जुट गये।
आज तडके ही प्रधानमंत्री मोदी की माता जी के निधन की खबर मिलते ही पूरा देश स्तब्ध रहा। प्रधानमंत्री मोदी की माता जी के निधन पर देश की राष्ट्रपति, उपराष्ट्रपति, गृहमंत्री अमित शाह, रक्षामंत्री राजनाथ सिंह,पूर्व प्रधानमंत्री मनमोहन सिंह, लालकृष्ण आडवाणी, सोनिया गांधी, राहुल गांधी, कांग्रेस अध्यक्ष मल्लिकार्जुन खड़गे, भाजपा अध्यक्ष जेपी नड्डा,उप्र के मुख्यमंत्री आदित्यनाथ योगी, बसपा प्रमुख मायावती, बंगाल की मुख्यमंत्री ममता बनर्जी व प्रियंका गांधी सहित देश के तमाम नेताओं ने अपनी भावभीनी श्रद्धांजलि अर्पित की।