उत्तराखंड देश

मसूरी जैसे चिंतन शिविरों की नौटंकी से नहीं अपितु गैरसैण राजधानी घोषित कर राज्य गठन की जनाकांक्षाओं  को साकार करने से सशक्त होगा उत्तराखंड

गैरसैंण में ठंड के नाम पर विधानसभा सत्र  नहीं पर गैरसैंण से अधिक ठंडी जगह मसूरी में  आयोजित किया प्रशासन ने 3 दिवसीय चिंतन शिविर

देवसिंह रावत

उत्तराखंड की एकमात्र नवनिर्मित विधानसभा गैरसैंण में ठंड के नाम पर विधानसभा सत्र न करा कर पंचतारा सुविधाओं के मोह में देहरादून में ही विधानसभा सत्र कराने के बाद जनता में सरकार की छवि सुधारने के लिए गैरसैण से अधिक ठंडी जगह मसूरी में नौकरशाही का चिंतन शिविर का आयोजन किया गया। वह भी भारतीय प्रशासनिक सेवा के प्रशिक्षण मुख्यालय लाल बहादुर शास्त्री प्रशासनिक अकादमी मसूरी में 22 से 24 नवंबर 2022 तक नये उत्तराखंड का संकल्प सशक्त उत्तराखंड @2025 “ नामक तीन दिवसीय चिंतन शिविर का आयोजन किया गया।

 

इस चिंतन शिविर के बारे में उत्तराखंड सूचना विभाग द्वारा जारी की गई प्रेस विज्ञप्तियों को पढ़कर ऐसा प्रतीत हुआ कि न नौकरशाहों को व नहीं सरकार के मुख्यमंत्री व मंत्रियों ने उत्तराखंड राज्य गठन की जन आकांक्षाओं के बारे में रत्ती भर भी चिंतन मंथन किया। जिनको  साकार करने के लिए उत्तराखंड राज्य का गठन किया गया तथा अनैक क्रांतिकारियों ने अपनी शहादत दी व हजारों आंदोलनकारियों ने संघर्ष कर अपना जीवन दाव पर लगाया। मातृशक्ति ने जलालत सही। युवाओं ने अपना वर्तमान दांव पर लगाया। उत्तराखंड राज्य गठन की जन आकांक्षाओं को साकार करने के लिए राजधानी गैरसैण बनाने में सर्व सहमति थी, मुजफ्फरनगर कांड के गुनाहगारों को सजा देने के लिए एक मत थे, प्रदेश में हिमाचल की तर्ज पर भू कानून, मूल निवास बनाना व जन संख्या पर आधारित विधानसभा परिसीमन पर अंकुश लगाना, प्रदेश की जनता को पलायन के दंश से मुक्त कर प्रदेश की युवाओं को  रोजगार दिलाना व प्रदेश की संसाधनों का सदुपयोग करके उत्तराखंड को सशक्त व कल्याणकारी राज्य बनाना था। परंतु राज्य गठन के 22 साल की सरकारों ने जिस प्रकार से लखनवी मानसिकता के पंचतारा सुविधाओं भोगी नौकरशाहों के साथ मिलकर  हुक्मरानों ने उत्तराखंड की राज्य गठन की जन आकांक्षाओं को गैरसैंण से राजकाज  चलाकर साकार करने  के बजाय देहरादून में ही राजधानी अप्रत्यक्ष रूप से थोपकर रौंद दी। उससे उत्तराखंड की जनता हताश और निराश है । इससे अपनी छवि सुधारने के लिए प्रदेश के हुक्मरान इस प्रकार की टोटकों का आयोजन करते हैं।

परंतु हमारा साथ मानना है कि मसूरी जैसे चिंतन शिविरों की नौटंकी से नहीं अपितु गैरसैण राजधानी घोषित कर राज्य गठन की जनाकांक्षाओं  को साकार करने से सशक्त होगा उत्तराखंड।

उत्तराखंड शासन द्वारा इस चिंतन शिविर के बारे में प्रेस विज्ञप्ति से ऐसा लग रहा था कि यह चिंतन  शिविर उत्तराखंड के लिए न हो को कर मुख्यमंत्री की छवि सुधारने के लिए किया जा रहा था।

उत्तराखंड सूचना केंद्र द्वारा प्रेस विज्ञप्ति

 

..और जब श्रोता के रूप में पहुँचे मुख्यमंत्री

मसूरी में चल रहे चिंतन शिविर के दौरान अचानक पहुँचे मुख्यमंत्री, सभागार में श्रोता की तरह बैठकर सुनने लगे विचार

देहरादून। मसूरी स्थित लाल बहादुर शास्त्री राष्ट्रीय प्रशासनिक अकादमी में चल रहे चिंतन शिविर के आज के समापन सत्र में देर सायं मुख्यमंत्री श्री पुष्कर सिंह धामी अचानक सरदार पटेल भवन सभागार में पहुँचे और अन्य अधिकारियों के मध्य बैठकर एक श्रोता के रूप में विचारों को सुनने लगे। मुख्यमंत्री ने इस दौरान बेहद गंभीरता के साथ प्रस्तुतिकरण को देखने के साथ ही अधिकारियों के विचारों और सुझावों को सुना।

चिकित्सकों की कमी दूर करने के लिए किए जा रहे प्रयास

सशक्त उत्तराखंड@चिंतन शिविर में स्वास्थ्य विषय पर स्वास्थ्य सचिव डॉ आर राजेश कुमार द्वारा दिया गया प्रस्तुतिकरण

देहरादून। सशक्त उत्तराखंड@चिंतन शिविर के आज के समापन सत्र में स्वास्थ्य विषय पर स्वास्थ्य सचिव डॉ आर राजेश कुमार द्वारा प्रस्तुतिकरण दिया गया।
उन्होंने बताया कि राज्य में चिकित्सकों एवं नर्सिंग स्टाफ की कमी बनी हुई है जिसे दूर करने के प्रयास किए जा रहे हैं। इसके लिए विशेषज्ञ चिकित्सकों को और अधिक वेतन दिए जाने पर विचार किया जा रहा है। इसके अलावा पीपीपी मॉडल को अपनाया गया है ताकि मानव संसाधन को बढ़ाया जा सके। वहीं, मानव संसाधन प्रबंधन के लिहाज से बताया गया कि अभी विभाग के पास कोई ट्रांसफर पालिसी नहीं है जिसकी वजह से समस्या आ रही है। अगर इस क्षेत्र में पीपीपी मॉडल से भर्ती करते हैं तो इस समस्या को काफी हद तक दूर किया जा सकता है।

स्वास्थ्य सचिव द्वारा बताया गया कि विभाग द्वारा विशेष रूप से डेडिकेटेड हाई एल्टीट्यूड सिस्टम बनाया जा रहा है। यह ऐसी टीम होगी जिससे यात्रा के दौरान मृत्यु दर को कम करने में मदद मिलेगी। वहीं, चिकित्सा शिक्षा के क्षेत्र में निजी सेक्टर को आकर्षित करने की जरूरत है।

पेयजल पर वृहद स्तर पर जागरूकता फैलाने की आवश्यकता

सशक्त उत्तराखंड@25 चिंतन शिविर में पेयजल सचिव नितेश कुमार झा ने नेचुरल रिसोर्स मैनेजमेन्ट पर दिया प्रेजेंटेशन

देहरादून। सशक्त उत्तराखंड@25 चिंतन शिविर में पेयजल सचिव नितेश कुमार झा ने नेचुरल रिसोर्स मैनेजमेन्ट पर अपना प्रेजेंटेशन दिया। उन्होंने बताया कि अभी राज्य में देहरादून और हरिद्वार दो ऐसे जनपद हैं जहां पानी की सर्वाधिक आवश्यकता है। जिसे दूर करने के प्रयास किए जा रहे हैं।
उन्होंने बताया कि समूचे राज्य में हमें पेयजल को लेकर वृहद स्तर पर जागरूकता फैलाने की जरूरत है। इसके लिए आने वाले दिनों में ग्राम सभाओं का स्थापना दिवस मनाने की तैयारी की जा रही है। इसके पीछे मंतव्य यही है कि इस दिवस पर ऐसे सक्षम लोग वहां पहुँचे जो स्थानीय नाले, खालों और तालाबों को गोद ले सकें। इसके अतिरिक्त वृहद पौधरोपण किया जाए ताकि जल संरक्षण की दिशा में आगे बढ़ सकें। उन्होंने कहा कि जो पेयजल ज्यादा खर्च करते हैं उनके बीच स्कूली बच्चों के माध्यम से जागरूकता लाई जाए।
वेस्ट वॉटर ट्रीटमेंट प्लांट लगाने वाली यूनिटों को सब्सिडी दिए जाने पर भी विचार किया जा रहा है। इस बात पर बल दिया गया कि एक वाटर ऑपरेटिव बोर्ड बनाया जाए जिसमें इनसे संबंधित विभागों को शामिल किया जाए ताकि योजनाओं में एकरूपता आ सकेगी। सचिव पेयजल ने ग्लेशियर से निकलने वाली पिंडर जैसी नदी से कोसी, गोमती जैसी सूख रही नदियों को पुनर्जीवित करने की बात कही। इसके लिए पिंडर के पानी को चैनल कर कोसी, सरयू, गोमती आदि तक पहुँचाया जाए। ऐसा देश में पहली बार करने पर विचार किया जा रहा है। इस दौरान बताया गया कि जल्द वाटर बॉटलिंग प्लांट की नीति भी लाने की तैयारी की जा रही है। वहीं, पानी की जांच स्वतः कराने पर बिल में छूट देने के प्रावधान पर भी कार्य किया जा रहे हैं। इससे हम पानी की गुणवत्ता पर फोकस कर सकेंगे। प्रस्तुतिकरण के दौरान प्रधानमंत्री श्री नरेंद्र मोदी द्वारा पौड़ी निवासी सचिदानंद भारती की सक्सेस स्टोरी दिखाने के साथ ही टुंडा चौरा गांव अल्मोड़ा में कैसे वहां स्थानीय निवासियों ने सारे नाले धारों को रिचार्ज करने का काम किया इस पर भी प्रस्तुतिकरण दिया गया।

देहरादून। सशक्त उत्तराखंड@25 चिंतन शिविर के द्वितीय सत्र के समापन पर मुख्यमंत्री पुष्कर सिंह धामी से सभी अधिकारियों ने चर्चा भी की। इस अवसर पर मुख्य सचिव एसएस संधू ने मुख्यमंत्री को बताया कि इन दिनों में काफी बेहतर चर्चा हुई। उन्होंने बताया कि चर्चा का सेसन आधा घंटा था लेकिन चर्चाएं एक से डेढ़ घंटे तक खींची। साथ ही मुख्य सचिव ने मुख्यमंत्री को अवगत कराया कि जिस तरह से चिंतन शिविर हो रहा है उसी तर्ज पर प्रत्येक माह दो से तीन विभागों के साथ चर्चा की जाएगी। मुख्यमंत्री पुष्कर सिंह धामी ने कहा कि चिंतन शिविर में जितने भी विचार आए हैं उन्हें धरातल पर उतारा जाए और इन्हें कैबिनेट में लाया जाए।

मुख्य सेवक ने लगाई अधिकारियों की योगा क्लास

देहरादून। लाल बहादुर शास्त्री प्रशासनिक अकादमी के अंतिम दिन की शुरूआत योगा शिविर से हुई। मुख्यमंत्री श्री पुष्कर सिंह धामी की उपस्थिति में मुख्य सचिव श्री एसएस संधू व तमाम वरिष्ठ अधिकारी गणों ने योग किया।
अकादमी के कालिंदी ग्राउंड में योग शिविर का आयोजन किया गया। इस अवसर पर योग प्रशिक्षकों के द्वारा सभी को योग के विभिन्न आसन कराए गए। मुख्यमंत्री श्री पुष्कर सिंह धामी सहित अधिकारियों ने योग के आसनों का अभ्यास किया।

एलबीएसएनए परिसर में मुख्यमंत्री ने की मॉर्निंग वॉक, गेट पर आईटीबीपी जवानों से मिले

देहरादून। लाल बहादुर शास्त्री प्रशासनिक अकादमी में चल रहे चिंतन शिविर से पहले मुख्यमंत्री  पुष्कर सिंह धामी ने अकादमी परिसर के अंदर ही मॉर्निंग वॉक की। इस दौरान वह अकादमी के गेट तक गए और यहां सुरक्षा में तैनात आईटीबीपी के जवानों से मुलाकात कर उनकी कुशलक्षेम पूछी। इस दौरान रास्ते में मिले लोगों का वह अभिवादन स्वीकार करते रहे। इसके बाद मुख्यमंत्री ने अकादमी परिसर में भी राउंड लगाया और यहां स्थापित पूर्व प्रधानमंत्री स्व. लाल बहादुर शास्त्री की प्रतिमा के पास पहुँचकर नमन किया।

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