शाबाश धामी!
प्यारा उत्तराखंड डॉट कॉम व उत्तराखंड सूचना केंद्र
उत्तराखंड सरकार द्वारा 37 वें राष्ट्रीय खेलों में स्वर्ण पदक जीतने वाली उत्तराखंड के प्रतिभावान खिलाड़ियों को उत्तराखंड सरकार द्वारा केवल कोरी बधाई देने पर प्यारा उत्तराखंड के संपादक देव सिंह रावत के 14 नवम्बर 22 के सांयकाल 3.30 बजे के लगभग मुख्यमंत्री पुष्कर सिंह धामी की ट्विटर हैंडल पर प्रधानमंत्री मोदी को संलग्न करते हुये कड़क टवीट इस प्रकार से की।
बधाई तो आम नागरिक भी दे रहा है। मुख्यमंत्री व मंत्री जी,देश,प्रदेश और परिवार के मुखिया का यह दायित्व भी होता है जो भी देश प्रदेश का नाम रोशन करें उसे हरियाणा सरकार की तरह सम्मानजनक सरकारी नौकरी, बडी इनामी राशि के साथ भविष्य में अच्छे खेल की तैयारी की व्यवस्था करें। @narendramodi
- इसके 24 घंटे के अंदर ही कुंभकरण की नींद में जागे उत्तराखंड के मुख्यमंत्री पुष्कर सिंह धामी में पहले दोनों खिलाड़ियों को एक-एक लाख₹ के इनाम की घोषणा की। इसकी प्रेस विज्ञप्ति उत्तराखंड सहित राष्ट्रीय राजधानी क्षेत्र में वितरित की गई परंतु लगता है उसके बाद या तो भाजपा आलाकमान या स्वयं मुख्यमंत्री को यह रकम ना काफी लगी। उन्होंने फिर तो 2-2 लाख रुपये अलग से मुख्यमंत्री विवेकाधीन कोष से खिलाड़ियों को देने का ऐलान किया इसकी भी संशोधित प्रेस विज्ञप्ति समाचार पत्रों के लिए प्रेषित की गई। इस प्रकार से प्रतिभावान गरीब खिलाड़ियों को देश में प्रदेश का नाम रोशन करने के लिए 3-3लाख रुपये सरकार ने प्रदान किये। उत्तराखंड सरकार की दोबारा भेजी गई प्रेस विज्ञप्ति इस प्रकार से है जो प्यारा उत्तराखंड समाचार पत्र को मिली।
मुख्यमंत्री पुष्कर सिंह धामी से मंगलवार को मुख्यमंत्री आवास में 37वें नेशनल जूनियर एथलेटिक्स चैंपियनशिप की 10 कि.मी. रेस वाक में नेशनल रिकॉर्ड के साथ स्वर्ण पदक जीतने वाली मानसी नेगी और एथलीट सूरज पंवार ने भेंट की।
*मुख्यमंत्री ने दोनों एथिलीट को सीएम कोष से दो-दो लाख रूपये की धनराशि देने की घोषणा की। जबकि खेल विभाग की नियमावली के मानकों के अनुसार 1-1 लाख रूपये की राशि दी जाएगी। इस प्रकार कुल 3-3 लाख रूपये की राशि दोनों एथलीट को मिलेगी।*
मुख्यमंत्री ने दोनों एथलीट को आगामी खेलों की शुभकामनाएं देते हुए कहा कि आगे भी राज्य सरकार द्वारा ऐसे प्रतिभावान खिलाड़ियों को प्रशिक्षण आदि के लिए हर संभव मदद दी जायेगी। मुख्यमंत्री ने दोनों एथलीट के उज्ज्वल भविष्य की कामना की है।
इस अवसर पर उप क्रीडा अधिकारी एवं इन दोनों खिलाड़ियों के कोच श्री अनूप बिष्ट एवं एथलीट मनीष बिष्ट मौजूद थे।
इससे पहले उत्तराखंड के मुख्यमंत्री ने दोनों खिलाड़ियों को 1-1 लाख रुपये रूपी धनरशि देने का ऐलान किया था। इसकी विधिवत प्रेस विज्ञप्ति भी जारी कर दी गई थी। जो उत्तराखंड सूचना केंद्र के द्वारा प्यारा उत्तराखंड आदि को आज दोपहर 12:04 पर प्रेषित की गई उत्तराखंड सूचना केंद्र द्वारा प्रेषित की गई प्रेस विज्ञप्ति निम्न लिखित है:-
मुख्यमंत्री पुष्कर सिंह धामी से मंगलवार को मुख्यमंत्री आवास में 37वें नेशनल जूनियर एथलेटिक्स चैंपियनशिप की 10 कि.मी. रेस वाक में नेशनल रिकॉर्ड के साथ स्वर्ण पदक जीतने वाली मानसी नेगी और एथलीट सूरज पंवार ने भेंट की। मुख्यमंत्री ने दोनों एथिलीट को एक-एक लाख रूपये की धनराशि देने की घोषणा की। खेल विभाग की नियमावली के मानकों के अनुसार पदक जीतने पर जो धनराशि दी जाती है, इन दोंनों खिलाड़ियों को वह धनराशि भी दी जायेगी। मुख्यमंत्री ने दोनों एथलीट को आगामी खेलों की शुभकामनाएं देते हुए कहा कि आगे भी राज्य सरकार द्वारा ऐसे प्रतिभावान खिलाड़ियों को हर संभव मदद दी जायेगी। मुख्यमंत्री ने दोनों एथलीट के उज्ज्वल भविष्य की कामना की है।
इस अवसर पर उप क्रीडा अधिकारी एवं इन दोनों खिलाड़ियों के कोच अनूप बिष्ट एवं एथलीट मनीष बिष्ट मौजूद थे।
इस प्रकार मुख्यमंत्री ने प्रतिभावान गरीब खिलाड़ियों को 3-3 लाख रुपए देने का सराहनीय कार्य किया उसके लिए प्यारा उत्तराखंड समाचार पत्र उनको हार्दिक बधाई देता है कि मुख्यमंत्री सहित लोग सभी जनप्रतिनिधियों को जनता की सही बातों को आत्मसात करके उसे लागू करना चाहिए।
इससे पहले भी प्यारा उत्तराखंड समाचार पत्र के संपादक देव सिंह रावत के कठोर ट्वीट के बाद उत्तराखंड के मुख्यमंत्री ने उत्तराखंड में घटित शर्मनाक अंकिता भंडारी प्रकरण पर पीड़िता के परिजनों को कुछ राशि का भुगतान किया था।
अगर जनप्रतिनिधि व सरकार जरा भी लोकतांत्रिक मूल्यों के प्रति सजग रहती है तो वह जनता की अच्छी सलाम को आत्मसात करती है इसका एक नमूना प्यारा उत्तराखंड के संपादक देव सिंह रावत की कड़ी ट्वीट के बाद उत्तराखंड के मुख्यमंत्री द्वारा प्रतिभावान गरीब खिलाड़ियों को दिए गए सम्मान जनक प्रोत्साहन राशि का ऐलान है। यही नहीं ट्विटर कितना कारगर साबित हो सकता है इसका जीता उदाहरण डाक विभाग में गत माह उस समय साकार हुआ जब सीमांत क्षेत्र के डाकघरों में सरकार की घोषणा के बावजूद अनिल डाकघरों में डिजिटल सेवाओं को चालू नहीं होने को प्यारा उत्तराखंड के संपादक ने पर्दाफाश किया ।जिसके बाद डाक विभाग ने अपनी भूल को सुधार करने का त्वरित कार्य किया। जरूरत है सही समय पर सही व्यक्ति पर सही ट्वीट करने की। प्यारा उत्तराखंड समाचार पत्र उत्तराखंड के मुख्यमंत्री के इस कार्य के लिए उन्हें बधाई देता है।