अग्निवीरों की भर्ती में उतराखण्ड के युवाओं के हकों व देश के सुरक्षा पर किये जा रहे बज्रपात के खिलाफ
उतराखण्ड के कबीना मंत्री सतपाल महाराज ने लगाई रक्षा मंत्री से तुरंत हस्तक्षेप करने की गुहारदेवसिंह रावत
उतराखण्ड के कबीना मंत्री सतपाल महाराज ने लगाई रक्षा मंत्री से तुरंत हस्तक्षेप करने की गुहारदेवसिंह रावत
अग्निवीरों की भर्ती में देश की रक्षा के लिए युगों से समर्पित रहने वाले उतराखण्डी युवाओं के परंपरागत भर्ती मानकों में जिस प्रकार से खिलवाड किये जाने से उतराखण्डी युवा निराश है। अग्निवीरों की भर्ती के मानक निर्धारित करने वाले नियंताओं व भर्ती अधिकारियों की इस हटधर्मिता व अज्ञानता के कारण चीन के साथ युद्ध के बादलों से घिरे भारत देश की सुरक्षा के साथ गंभीर खिलवाड किया जा रहा है। इस कारण उतराखण्ड के युवाओं में भारी आक्रोश है। इसी आक्रोश से उतराखण्ड सहित देश के हिमालयी राज्यों के सभी सरकारें व सांसद जनप्रतिनिधी विज्ञ है। परन्तु केंद्र सरकार के समक्ष अपने प्रदेश के हक हकूकों व देश की सुरक्षा से हो रहे खिलवाड के बारे में गुहार लगाने व शिकायत करने का साहस उतराखण्ड के कबीना मंत्री सतपाल महाराज ने आज 23 अगस्त 2022 को केंद्रीय रक्षा मंत्री व रक्षा राज्य मंत्री को पत्र लिख कर युवाओं में व्याप्त आक्रोश व उतराखण्ड के युवाओं के परंपरागत हकों से खिलवाड करने से हो रही देश की सुरक्षा के प्रति केंद्र सरकार को सूचित करने का अपना जनप्रतिनिधी का दायित्व निभाने का सराहनीय कार्य किया। हालांकि सतपाल महाराज ने उतराखण्ड के हितों व सम्मान के लिए सतपाल महाराज ने 1994 में भी उस समय ऐसा ही सराहनीय कार्य किया। जब उन्होने उतराखण्ड विरोधी प्रधानमंत्री नरसिंह राव सरकार व तत्कालीन उप्र की मुलायम सरकार के दमनकारी कार्यो के खिलाफ आवाज उठा कर इसी प्रकार का पत्र लिख कर उतराखण्ड के हक हकूकों की रक्षा का सराहनीय कार्य किया था। उस समय भी सत्तारूढ दल के जनप्रतिनिधी राव सरकार के इस दमन के खिलाफ मुंह खोलने के लिए तैयार नहीं थे। उस समय भी सतपाल महाराज ने साहस दिखा कर जनप्रतिनिधियों को एक राह दिखाई थी और राव मुलायम सरकार के दमन से पीडित उतराखण्ड की आहत जनता का मनोबल बढाने का कार्य किया।
अब डबल इंजन की सरकार में अग्निवीरों की भर्ती में उतराखण्ड के युवाओं को मिले सेना की भर्ती में परंपरागत छूट को वंचित किये जाने पर उतराखण्ड के मुख्यमंत्री, मंत्री, केंद्रीय मंत्री, सांसद व संगठन के पदाधिकारी शर्मनाक मौन साधे हुए है। इससे उतराखण्ड की जनता बेहद निराश है। अब सतपाल महाराज ने उतराखण्ड के युवाओं के हकों व देश की सुरक्षा की रक्षा के लिए रक्षा मंत्री को पत्र लिख कर सराहनीय कार्य किया। गौरतलब है कि देश की सुरक्षा के लिए वीर उतराखण्डियों को अग्निवीरों की भर्ती में परंपरागत मानकों के बजाय नये मानक थोपना एक प्रकार से वीर उतराखण्डियों को देश की सेना से दूर करने का आत्मघाती षडयंत्र है। वह वीर उतराखण्डी जिन्होने विश्व युद्ध में यूरोप में भी हिटलर की सेना के मजबूत कवच को ध्वस्थ कर भारतीय परचम लहराया था। वह वीर उतराखण्डी जिसके सपूत जसवंत सिंह रावत ने अरूणाचल में अकेले चीन की सेना को कई दिन तक धूल चटाई थी। ऐसे जांबाज सैनिकों से भारतीय सेना से भोगोलिय स्थिति के कारण रखे मानको के नजरांदाज कर अन्यायपूर्ण मानक थोपना देश की सुरक्षा के साथ एक खिलवाड ही है।
शायद इसी खतरे को भांप कर सतपाल महाराज ने दो टूक पत्र केंद्रीय रक्षा मंत्री को लिखते हुए गीता का वह प्रमुख श्लोक
न त्वहं कामये राज्यं न स्वर्ग नापुनर्भवम।
कामये दुःखतत्पतानां प्राणिनामार्तिनाशनम्।।
का भी उल्लेख किया है। जिसका बडा गुढ रहस्य है (जिसका अर्थ है कि मुझे न सत्ता की कामना है व नहीं स्वर्ग की, मुझे तो प्राणी मात्र के दुख संताप दूर करने की इच्छा है)। सतपाल महाराज के इस पत्र की उतराखण्ड के हितों के लिए समर्पित लोग खुले दिल से सराहना कर रहे हैं। वहीं पदलोलुपु व कायर जनप्रतिनिधी इस कार्य के लिए उनकी सराहना करने का साहस तक नहीं जुटा पा रहे हैं।
अब डबल इंजन की सरकार में अग्निवीरों की भर्ती में उतराखण्ड के युवाओं को मिले सेना की भर्ती में परंपरागत छूट को वंचित किये जाने पर उतराखण्ड के मुख्यमंत्री, मंत्री, केंद्रीय मंत्री, सांसद व संगठन के पदाधिकारी शर्मनाक मौन साधे हुए है। इससे उतराखण्ड की जनता बेहद निराश है। अब सतपाल महाराज ने उतराखण्ड के युवाओं के हकों व देश की सुरक्षा की रक्षा के लिए रक्षा मंत्री को पत्र लिख कर सराहनीय कार्य किया। गौरतलब है कि देश की सुरक्षा के लिए वीर उतराखण्डियों को अग्निवीरों की भर्ती में परंपरागत मानकों के बजाय नये मानक थोपना एक प्रकार से वीर उतराखण्डियों को देश की सेना से दूर करने का आत्मघाती षडयंत्र है। वह वीर उतराखण्डी जिन्होने विश्व युद्ध में यूरोप में भी हिटलर की सेना के मजबूत कवच को ध्वस्थ कर भारतीय परचम लहराया था। वह वीर उतराखण्डी जिसके सपूत जसवंत सिंह रावत ने अरूणाचल में अकेले चीन की सेना को कई दिन तक धूल चटाई थी। ऐसे जांबाज सैनिकों से भारतीय सेना से भोगोलिय स्थिति के कारण रखे मानको के नजरांदाज कर अन्यायपूर्ण मानक थोपना देश की सुरक्षा के साथ एक खिलवाड ही है।
शायद इसी खतरे को भांप कर सतपाल महाराज ने दो टूक पत्र केंद्रीय रक्षा मंत्री को लिखते हुए गीता का वह प्रमुख श्लोक
न त्वहं कामये राज्यं न स्वर्ग नापुनर्भवम।
कामये दुःखतत्पतानां प्राणिनामार्तिनाशनम्।।
का भी उल्लेख किया है। जिसका बडा गुढ रहस्य है (जिसका अर्थ है कि मुझे न सत्ता की कामना है व नहीं स्वर्ग की, मुझे तो प्राणी मात्र के दुख संताप दूर करने की इच्छा है)। सतपाल महाराज के इस पत्र की उतराखण्ड के हितों के लिए समर्पित लोग खुले दिल से सराहना कर रहे हैं। वहीं पदलोलुपु व कायर जनप्रतिनिधी इस कार्य के लिए उनकी सराहना करने का साहस तक नहीं जुटा पा रहे हैं।
प्रस्तुत है सतपाल महाराज के केंद्रीय रक्षा मंत्री को लिखे पत्र का पूरा विवरण।
पत्रांक 2796/ंमंत्र/रक्षा/2022 दिनांक 23 अगस्त 2022
माननीय श्री राजनाथ सिंह जी,
जैसा कि आप स्वयं भी अवगत है कि भारत सरकार की ‘अग्निवीर भर्ती योजना’ के अंतर्गत उतराखण्ड राज्य के कोटद्वार में दिनांक 19 अगस्त 2022 से 31 अगस्त 2022 तक बी0आर0ओ0 लैन्सडाउन में अग्निवीरों की भर्ती प्रक्रिया गतिमान है। अनेक युवाओं द्वारा मुझे भेजी गयी वीडियो क्लिपिंग के माध्यम से विदित हुआ है कि कोटद्वार में चल रही अग्निवीर भर्ती प्रक्रिया मानकों का समुचित अनुपालन नहीं हो रहा है। जैसे पूर्व में 1600 मीटर दौड के लिए 5.40 मिनट का समय निर्धारित था, लेकिन अब 5 मिनट में ही दौड समाप्त की जा रही है। इसके अतिरिक्त उतराखण्ड के पर्वतीय क्षेत्र के युवाओं के लिए 163 सेमी की जगह 170 सेमी लम्बाई में चयन हो रहा है। जकि राज्य में पर्वतीय क्षेत्र के युवाओं के लिए 163 सेमी लम्बाई का मानक है। पूर्व थल सेना अध्यक्ष जनरल विपिन रावत ने उतराखण्ड पर्वतीय राज्य के लिए भर्ती में युवाओं के लिए छूटा का प्रावधान किया था। इस तरह की भर्ती प्र्िरया में हो रही विसंगतियों से उतराखण्ड के युवा निराश हो रहे हैं तथा भारत सरकार की अग्निवीर भर्ती योजना का समुचित लाभ नहीं ले पा रहे हैं।
अतः मेरा आपने विनम्र आग्रह है कि उपरोक्त तथ्यों के दष्टिगत उक्त भर्ती प्रक्रिया को पूर्व में निर्धारित मानकों की भांति संचालित किये जाने हेतु संबंधित को निर्देशित करने का कष्ट करें। सादर भवदीय,
जैसा कि आप स्वयं भी अवगत है कि भारत सरकार की ‘अग्निवीर भर्ती योजना’ के अंतर्गत उतराखण्ड राज्य के कोटद्वार में दिनांक 19 अगस्त 2022 से 31 अगस्त 2022 तक बी0आर0ओ0 लैन्सडाउन में अग्निवीरों की भर्ती प्रक्रिया गतिमान है। अनेक युवाओं द्वारा मुझे भेजी गयी वीडियो क्लिपिंग के माध्यम से विदित हुआ है कि कोटद्वार में चल रही अग्निवीर भर्ती प्रक्रिया मानकों का समुचित अनुपालन नहीं हो रहा है। जैसे पूर्व में 1600 मीटर दौड के लिए 5.40 मिनट का समय निर्धारित था, लेकिन अब 5 मिनट में ही दौड समाप्त की जा रही है। इसके अतिरिक्त उतराखण्ड के पर्वतीय क्षेत्र के युवाओं के लिए 163 सेमी की जगह 170 सेमी लम्बाई में चयन हो रहा है। जकि राज्य में पर्वतीय क्षेत्र के युवाओं के लिए 163 सेमी लम्बाई का मानक है। पूर्व थल सेना अध्यक्ष जनरल विपिन रावत ने उतराखण्ड पर्वतीय राज्य के लिए भर्ती में युवाओं के लिए छूटा का प्रावधान किया था। इस तरह की भर्ती प्र्िरया में हो रही विसंगतियों से उतराखण्ड के युवा निराश हो रहे हैं तथा भारत सरकार की अग्निवीर भर्ती योजना का समुचित लाभ नहीं ले पा रहे हैं।
अतः मेरा आपने विनम्र आग्रह है कि उपरोक्त तथ्यों के दष्टिगत उक्त भर्ती प्रक्रिया को पूर्व में निर्धारित मानकों की भांति संचालित किये जाने हेतु संबंधित को निर्देशित करने का कष्ट करें। सादर भवदीय,
(सतपाल महाराज)
श्री राजनाथ सिंह,
मा0 रक्षा मंत्री, भारत सरकार,
104 साउथ ब्लाक, नई दिल्ली
श्री अजय भट्ट
मा0 केंद्रीय रक्षा राज्य मंत्री,
भारत सरकार,नई दिल्ली
न त्वहं कामये राज्यं न स्वर्ग नापुनर्भवम।
कामये दुःखतत्पतानां प्राणिनामार्तिनाशनम्।।