ताइवान की राष्ट्रपति साई इन वेन से मिली अमेरिकी संसद की अध्यक्षा नैंसी
ताइवान मुद्दे पर अब किसी भी समय छिड़ सकता है अमेरिका व चीन की जंग और विनाशकारी विश्व युद्ध
देव सिंह रावत
चीन की तमाम धमकियों को गीदड़ धमकी साबित करते हुए अमेरिकियों संसद की अध्यक्ष नैंसी पेलोसी व ताइवान की राष्ट्रपति साई इन वेन ने चीन का नाम न लेते हुए लोकतंत्र व ताइवान की रक्षा के लिए अमेरिका और ताइवान की दोस्ती दशकों से समय की कसौटी पर खरी उतरी है और खड़ी उतरेगी।
अमेरिकी संसद की अध्यक्ष नैंसी ने ताइवान में ताइवान की राष्ट्रपति से आज सुबह 3 अगस्त 2022 की सुबह 8:15 बजे मुलाकात कर ताइवान को लोकतंत्र व ताइवान की प्रभु सत्ता की रक्षा के लिए अमेरिका अमेरिका के खुले समर्थन का ऐलान किया। अमेरिकी समर्थन का ऐलान करते हुए अमेरिकी सदन की अध्यक्ष नैंसी ने कहा कि अमेरिका विगत 43 साल से ताइवान को निरंतर समर्थन दे रहा है और वह किसी भी कीमत पर पीछे नहीं हटेगा। हम ताइवान से किए गये वादों से कभी पीछे नहीं हटेंगे। हर स्तर पर ताइवान को सहयोग देते रहेंगे। पूरा अमेरिका ताइवान के समर्थन में एकजुट है । अमेरिकी संसद के अध्यक्ष नैंसी ने ताइवान और लोकतंत्र की रक्षा के लिए ताइवान की राष्ट्रपति साई इन वेन की भूरी भूरी प्रशंसा की। श्रीमती नैंसी ने कहा कि ताइवान वह अमेरिका सुरक्षा के मामले में एकजुट हैं और इस मामले में अमेरिकी रिपब्लिकन और डेमोक्रेटिक दोनों दल ताइवान के साथ अमेरिकी समर्थन के लिए एकजुट है और इस शिष्टमंडल में दोनों दलों के नेता सम्मलित हैं। हमें ताइवान के साथ अमेरिकी दोस्ती पर गर्व है।
इससे पहले अमेरिकी राष्ट्र की संसद की अध्यक्ष नैंसी का खुले दिल से स्वागत करते हुए ताइवान की राष्ट्रपति साई इन वेन ने नैंसी की लोकतंत्र और ताइवान के प्रति अपार समर्थन के लिए हार्दिक आभार प्रकट करते हुए कहा कि पूरी ताइवान की जनता अमेरिका के इस अभूतपूर्व सहयोग के लिए सदा आभारी रहेगी। ताइवान की राष्ट्रपति साई इन वेन ने कहा कि ताइवान लोकतंत्र व अपनी देश की एकता और अखंडता के लिए अंतिम दम तक समर्पित रहेगा। ताइवान को आश्वासन देते हुए अमेरिका की सदन की अध्यक्ष नैंसी ने कहा कि उनके ताइवान यात्रा का प्रमुख उद्देश्य है ताइवान की सुरक्षा, ताइवान का विकास व इस क्षेत्र में शांति बनाये रखना।
उल्लेखनीय है कि अमेरिकी संसद की अध्यक्ष नैंसी पेलोसी की ताइवान यात्रा पर जिस आक्रामक ढंग से चीन ने अमेरिका को चेतावनी दे रहा था। उसे अमेरिका ने अपनी प्रतिष्ठा का प्रश्न बना कर 2 अगस्त 2022 की रात 8 बजे के करीब नैंसी को ताइवान यात्रा पर पहुंचा कर चीन पर एक करारा नैंसी पेसोली प्रहार कर चीन को चारों खाने चित कर दिया।
अमेरिकी सदन की अध्यक्ष नैंसी के ताइवान पहुंचने के बाद जहां चीन के तेवर ठंडे पड़ गए पर अपनी सनत मिटाने के लिए चेन्नई कल रात से ही ताइवान सीमा के समीप युद्ध अभ्यास शुरू कर दिया है और पूरी सेना को ताइवान की घेराबंदी करने के लिए लगा दिया है। इसके साथ ताइवान अमेरिका के इस गठजोड़ को विश्व के लिए खौफनाक बताते हुए चीन ने इसके गंभीर दुष्परिणाम होने का भी चेतावनी अमेरिका को दी । इसके साथ दूरदर्शन के करीब चीनी युद्ध लड़ाकू विमानों ने ताइवान की सीमा का अतिक्रमण किया। इसके साथ पूरा विश्वास आशकित है कि किसी भी समय चीन और अमेरिका में जंग छिड़ सकती है जिसके कारण पूरा विश्व विश्वयुद्ध की भीषण बर्बादी में गिर सकता है। वहीं रूस ने भी ताइवान प्रकरण के कारण चीन और अमेरिका के बीच युद्ध की आशंका प्रकट की। इसके साथ चीन ने यह भी ऐलान किया कि रूस सदा चीन के साथ था और रहेगा।
इस संकट की घड़ी में चीन को इस बात का एहसास हो गया होगा कि उसने अगर अपने पड़ोसी देशों से मित्रता रखी होती तो उसको आज यह दिन नहीं देखने पड़ते। अपनी गीदड़ धमकियों से चीन ने न केवल अपने पड़ोसियों की जमीनों पर कब्जा किया ।अपितु उनको हर कदम पर परेशान करने का ही कार्य किया किया। इसका परिणाम है कि विश्व का सर्वे सर्वा बना अमेरिका ने चीन को अलग-थलग करने में कोई परेशानी महसूस नहीं हुई नहीं चीन को विश्व में दो चार देशों को छोड़कर कोई समर्थन में दे रहा है। अमेरिका ने चीन की उभरती ताकत को कुंद करने के लिए अपने पास रखे गये ताइवान ब्रह्मास्त्र से चीन पर अंकुश लगाने का काम शुरू कर दिया है।
अब चीन के पास केवल दो ही रास्ते है या तो सीधा अमेरिका से युद्ध छेड़ कर अपने सर्वनाश का आमंत्रण खुद ही दे या समय की नजाकत समझकर मुंह तमाशबीन बनकर अपने वजूद की रक्षा करें।
आज 2 अगस्त 2022 को अमेरिका ने क्यों दो महत्वपूर्ण एलान की उससे विश्व में रूस यूक्रेन युद्ध के बाद गिर गई अमेरिका की प्रतिष्ठा फिर से कायम करने का महत्वपूर्ण कदम माना जा रहा है। वैसे ही कदम में अमेरिका ने अपने प्यादे अलकायदा के प्रमुख अल जवाहिरी को पाकिस्तान की सूचना के आधार पर खात्मा करने का ऐलान कर के पूरे विश्व में अमेरिकी हितों की रक्षा के लिए कहीं पर भी हमला करने का आक्रमक संदेश दिया।
वहीं दूसरी तरफ अमेरिका ने ताइवान पर कब्जा करने के लिए तत्पर चीन को आज नैंसी पेलोसी के रूप में ऐसा मुंह तोड़ जवाब दिया कि एक बार फिर दुनिया में उस का परचम लहराने लगा।
अमेरिकी सूत्रों के अनुसार अमेरिकी संसद की प्रमुख नैंसी का विमान ताइवान के ताईपे हवाई अड्डे पर पहुंचा। उसकी सुरक्षा के लिए दो दर्जन के करीब अमेरिकी लड़ाकू विमानों का सुरक्षा दस्ता नैंसी को सुरक्षित ताइवान पहुंचाने के लिए साथ चले । चीन द्वारा ताइवान को चारों तरफ से अपने युद्ध पोतों, टैंकों व मिसाइलों से घेरा हुआ है। वह किसी भी क्षण ताइवान पर हमला कर सकता है या नैंसी की उपस्थिति में हमला कर सकता है। दोनों स्थिति में अमेरिका के युद्ध करने के लिए मजबूर होगा और इसी के साथ अमेरिका और उसके मित्र राष्ट्र जापान, इंडोनेशिया, फिलीपींस,कोरिया ऑस्ट्रेलिया व जर्मन सहित नाटो देश चीन को चौतरफा हमला करेंगे। हालांकि चीन को आशा है कि इस युद्ध में रूस व उत्तर कोरिया जैसे देश उसका साथ देंगे परंतु जिस पाकिस्तान पर वह विश्वास करता था वह पाकिस्तान अमेरिका से मिल चुका है।
देखना यह है कि चीन अमेरिका के इस जाल से बचने में सफल होता है या ताइवान के कारण अपने वजूद को खुद ही मिटाने का कारण बनता है। हालांकि सामरिक विशेषज्ञों का मानना है चीन इस समय संसार की किसी भी महाशक्ति के साथ युद्ध करने में सक्षम है और जो युद्ध होगा वह पूरे विश्व के लिए बेहद खौफनाक साबित होगा। चीन की तमाम तैयारियां विश्व को चौंका भी सकती है। यह युद्ध तय करेगा विश्व के नये समीकरणों का। क्या यूक्रेन के साथ युद्ध में घिरा रूस अपने सहयोगी चीन का साथ देगा या अपना अलग राह बनाएगा? पर यह तय माना जा रहा है कि कोरोना महामारी की बात जिस प्रकार से अमेरिका, नाटो मित्र देशों के साथ भारत में महाविनाश हुआ, उसके लिए तमाम देश चीन को ही जिम्मेदार मानते हैं और इसका मुंहतोड़ जवाब देने के लिए चीन अमेरिका युद्ध से बेहतर अन्य कोई अवसर इनके पास नहीं होगा। अगर चीन पर इस समय अंकुश नहीं लगाया गया तो आने वाले समय में चीन अमेरिका के वर्चस्व को रौंदकर विश्व में सिरमौर बन जाएगा।