ताइवान पर चीन की धमकी के जवाब में अमेरिका ने किया चीन पर नैंसी प्रहार
ताइवान मुद्दे पर अब किसी भी समय छोड़ सकता है अमेरिका व चीन की जंग और विनाशकारी विश्व युद्ध
देव सिंह रावत
अमेरिकी संसद की अध्यक्ष नैंसी पेलोसी की ताइवान यात्रा पर जिस आक्रामक ढंग से चीन ने अमेरिका को चेतावनी दी। उसे अमेरिका ने अपनी प्रतिष्ठा का प्रश्न बना कर आज 2 अगस्त 2022 की रात 8 बजे के करीब नैंसी को ताइवान यात्रा पर पहुंचा कर चीन पर एक करारा नैंसी पेसोली प्रहार कर चीन को चारों खाने चित कर दिया। आप चीन के पास केवल दो ही रास्ते है या तो सीधा अमेरिका से युद्ध छेड़ कर अपने सर्वनाश का आमंत्रण खुद ही दे या समय की नजाकत समझकर मुंह तमाशबीन बनकर अपने वजूद की रक्षा करें।
आज 2 अगस्त 2022 को अमेरिका ने क्यों दो महत्वपूर्ण एलान की उससे विश्व में रूस यूक्रेन युद्ध के बाद गिर गई अमेरिका की प्रतिष्ठा फिर से कायम करने का महत्वपूर्ण कदम माना जा रहा है। वैसे ही कदम में अमेरिका ने अपने प्यादे अलकायदा के प्रमुख अल जवाहिरी को पाकिस्तान की सूचना के आधार पर खात्मा करने का ऐलान कर के पूरे विश्व में अमेरिकी हितों की रक्षा के लिए कहीं पर भी हमला करने का आक्रमक संदेश दिया।
वहीं दूसरी तरफ अमेरिका ने ताइवान पर कब्जा करने के लिए तत्पर चीन को आज नैंसी पेलोसी के रूप में ऐसा मुंह तोड़ जवाब दिया कि एक बार फिर दुनिया में उस का परचम लहराने लगा।
अमेरिकी सूत्रों के अनुसार अमेरिकी संसद की प्रमुख नैंसी का विमान ताइवान के ताईपे हवाई अड्डे पर पहुंचा। उसकी सुरक्षा के लिए दो दर्जन के करीब अमेरिकी लड़ाकू विमानों का सुरक्षा दस्ता नैंसी को सुरक्षित ताइवान पहुंचाने के लिए साथ चले । चीन द्वारा ताइवान को चारों तरफ से अपने युद्ध पोतों, टैंकों व मिसाइलों से घेरा हुआ है। वह किसी भी क्षण ताइवान पर हमला कर सकता है या नैंसी की उपस्थिति में हमला कर सकता है। दोनों स्थिति में अमेरिका के युद्ध करने के लिए मजबूर होगा और इसी के साथ अमेरिका और उसके मित्र राष्ट्र जापान, इंडोनेशिया, फिलीपींस,कोरिया ऑस्ट्रेलिया व जर्मन सहित नाटो देश चीन को चौतरफा हमला करेंगे। हालांकि चीन को आशा है कि इस युद्ध में रूस व उत्तर कोरिया जैसे देश उसका साथ देंगे परंतु जिस पाकिस्तान पर वह विश्वास करता था वह पाकिस्तान अमेरिका से मिल चुका है।
देखना यह है कि चीन अमेरिका के इस जाल से बचने में सफल होता है या ताइवान के कारण अपने वजूद को खुद ही मिटाने का कारण बनता है। हालांकि सामरिक विशेषज्ञों का मानना है चीन इस समय संसार की किसी भी महाशक्ति के साथ युद्ध करने में सक्षम है और जो युद्ध होगा वह पूरे विश्व के लिए बेहद खौफनाक साबित होगा। चीन की तमाम तैयारियां विश्व को चौंका भी सकती है। यह युद्ध तय करेगा विश्व के नये समीकरणों का। क्या यूक्रेन के साथ युद्ध में घिरा रूस अपने सहयोगी चीन का साथ देगा या अपना अलग राह बनाएगा? पर यह तय माना जा रहा है कि कोरोना महामारी की बात जिस प्रकार से अमेरिका, नाटो मित्र देशों के साथ भारत में महाविनाश हुआ, उसके लिए तमाम देश चीन को ही जिम्मेदार मानते हैं और इसका मुंहतोड़ जवाब देने के लिए चीन अमेरिका युद्ध से बेहतर अन्य कोई अवसर इनके पास नहीं होगा। अगर चीन पर इस समय अंकुश नहीं लगाया गया तो आने वाले समय में चीन अमेरिका के वर्चस्व को रौंदकर विश्व में सिरमौर बन जाएगा।