प्रधानमंत्री जी के सपनों का उत्तराखंड बनाने के लिए राज्य सरकार प्रतिबद्ध है:- मुख्यमंत्री धामी
प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी की अध्यक्षता में आयोजित मुख्यमंत्री परिषद की बैठक में अन्य राज्यों के मुख्यमंत्रियों के साथ उत्तराखंड के मुख्यमंत्री धामी ने भी किया प्रतिभाग ।
प्यारा उत्तराखंड डॉट कॉम व उत्तराखंड सूचना केन्द्र दिल्ली
उत्तराखंड राज्य गठन के प्रमुख आंदोलनकारी देव सिंह रावत ने उत्तराखंड के मुख्यमंत्री पुष्कर सिंह धामी द्वारा दिल्ली में प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी की अध्यक्षता में आयोजित मुख्यमंत्री परिषद की बैठक में उत्तराखंड की जन आकांक्षाओं के बजाय “प्रधानमंत्री के सपनों का उत्तराखंड बनाने के लिए राज्य सरकार समर्पित है” नामक बयान को अलोकतांत्रिक बताते हुए इसकी कड़ी भर्त्सना की। राज्य आंदोलन के समर्पित आंदोलनकारी श्री रावत ने कहा कि मुख्यमंत्री धामी को इस बात का भान होना चाहिए कि आज देश की आजादी व लोकशाही की स्थापना के लिए अपना बलिदान देने वाले महान बलिदानी श्री देव सुमन का बलिदान दिवस भी है। देश में श्री देव सुमन सहित असंख्य अमर बलिदानियों ने अपना सर्वस्व न्योछावर कर के देश में लोकशाही की स्थापना की है। इसी लोकशाही के तहत उत्तराखंड की जनता ने राव मुलायम जैसे दमनकारी कुशासकों का दमन सहकर भी उत्तराखंड राज्य का गठन करने के लिए सरकारों को मजबूर किया था। यह उत्तराखंड राज्य का गठन किसी व्यक्ति विशेष के सपनों का साकार करने के लिए नहीं अपितु उत्तराखंड की जनता की आकांक्षाओं को साकार करने के लिए किया गया था। जिसको उत्तराखंड राज्य गठन की 22 साल की सभी सरकारों ने निर्ममता से रौंदा है। आज 22 साल के बाद भी राजधानी गैरसैण व भू कानून सहित सभी जनाकांक्षाओं को साकार होते देखने के लिए उत्तराखंड के लोग तरस रहे हैं। बेहतर होता मुख्यमंत्री यह कहते हैं कि हमारी राज्य सरकार उत्तराखंड की जन आकांक्षाओं के साथ प्रधानमंत्री के सपनों का उत्तराखंड बनाने के लिए समर्पित है। श्री रावत ने कहा कि भले ही श्री धामी को मुख्यमंत्री बनाने में प्रधानमंत्री मोदी का महत्वपूर्ण आशीर्वाद है परंतु इसके बावजूद लोकशाही में जनप्रतिनिधियों को अपने आकाओं से अधिक जनता के प्रति समर्पित होना चाहिए। तभी लोकशाही जीवंत रहती है और संविधान का सम्मान होता है।
श्री रावत ने आक्रोश प्रकट करते हुए कहा कि आज 25 जुलाई 2022 की सायंकाल मुख्यमंत्री मैं दिल्ली की गढ़वाल भवन टिहरी उत्तरकाशी जन विकास परिषद द्वारा आयोजित देश की आजादी के महानायक श्री देव सुमन जी की पुण्यतिथि पर श्रद्धांजलि कार्यक्रम में अमर शहीद श्री देव सुमन जी को पुष्पांजलि अर्पित करने के बाद झंडेवालन से मेट्रो में सफर करते हुए कार्यालय पर पहुंच रहा था, तो तभी मेरी नजर उत्तराखंड सूचना कार्यालय दिल्ली द्वारा प्रेषित उत्तराखंड सहित देश की राज्यों के मुख्यमंत्री के साथ प्रधानमंत्री की बैठक की प्रेस विज्ञप्ति पर गई। तो मैं उत्तराखंड के मुख्यमंत्री पुष्कर सिंह धामी की बयान पढ़कर स्तब्ध रह गया। जिसमें मुख्यमंत्री ने प्रधानमंत्री की अध्यक्षता में संपन्न हो रही इस बैठक में अपने संबोधन में कहा कि प्रधानमंत्री के सपनों का उत्तराखंड बनाने के लिए राज्य सरकार समर्पित है।
उत्तराखंड सूचना केंद्र द्वारा भी विज्ञप्ति के अनुसार मुख्यमंत्री पुष्कर सिंह धामी ने कहा कि आदरणीय प्रधानमंत्री जी के सपनों का उत्तराखंड बनाने के लिए राज्य सरकार प्रतिबद्ध है और इस लक्ष्य की प्राप्ति के लिये “विकल्प रहित संकल्प” का मंत्र लेकर निरन्तर कार्य कर रही है। मुख्यमंत्री पुष्कर सिंह धामी ने नई दिल्ली में प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी की अध्यक्षता में आयोजित मुख्यमंत्री परिषद की बैठक में प्रतिभाग किया।
मुख्यमंत्री ने उत्तराखण्ड के विकास में प्रधानमंत्री जी के मार्गदर्शन के लिए आभार व्यक्त करते हुए कहा कि 21 वी सदी के तीसरे दशक को उत्तराखण्ड का दशक होने के सपने को साकार करने हेतु उत्तराखण्ड @2025 एवं @2030 का दृष्टिपत्र तैयार किया जा रहा है।
मुख्यमंत्री ने कहा कि इस विजन प्लान के अन्तर्गत राज्य के सकल घरेलू उत्पाद को प्रतिवर्ष 15 प्रतिशत वृद्धि दर के माध्यम से आगामी 05 वर्षो में दोगुना करने का लक्ष्य निर्धारित किया गया है। मुख्यमंत्री पुष्कर सिंह धामी ने सम्मेलन में राज्य में किये गये विकास कार्यों व आगे के विजन के बारे में विस्तार से जानकारी दी
उत्तराखण्ड राज्य के विजन प्लान को साकार करने हेतु इस वित्तीय वर्ष में पूंजीगत व्यय को विगत वर्ष के बजट के सापेक्ष 13 प्रतिशत से बढ़ाकर 17 प्रतिशत कर दिया गया है। इस वृद्धि के परिणाम स्वरूप राज्य ने भारत सरकार द्वारा अपेक्षित पूंजीगत व्यय को राज्य की राज्य के सकल घरेलू उत्पाद का 4 प्रतिशत करने का लक्ष्य प्राप्त कर लिया है। इसी श्रृंखला में राज्य की आर्थिक गति को शक्ति देने हेतु आगामी 05 वर्षों में बाह्य सहायता के माध्यम से लगभग रू0 25000 करोड़ की आधारभूत संरचनायें विकसित की जायेंगी।
विभागों के मध्य बेहतर सामंजस्य सुनिश्चित करने एवं पूंजीगत परियोजनाओं के सटीक नियोजन हेतु “पी०एम० गति शक्ति योजना” की तर्ज पर राज्य गति शक्ति मास्टर प्लान तैयार किया जा रहा है। राज्य द्वारा इस महत्वाकांक्षी योजना को अगले 6 माह में पूर्ण किये जाने का लक्ष्य निर्धारित किया गया है।
थ्रस्ट सेक्टर्स जैसे (पर्यटन, परिवहन, सेवा क्षेत्र, कृषि एवं उद्यान, फार्मा) आदि के माध्यम से विजन प्लान के महत्वाकांक्षी आर्थिक लक्ष्यों को प्राप्त किया जायेगा । प्रधानमंत्री जी के मार्गदर्शन में ऋषिकेश-कर्णप्रयाग व टनकपुर-बागेश्वर रेल परियोजनाओं पर तेजी से कार्य किया जा रहा है।
राज्य में निवेश अनुकूल वातावरण के लिये सिंगल विंडो पोर्टल के माध्यम से उद्योगों को विभिन्न विभागों की अनुमतियां तेज गति से दी जा रही है।
भारत सरकार द्वारा राज्य को इज ऑफ डूईंग बिजनेस रैंकिंग में एचीवर्स की श्रेणी में चयनित किया गया है।
राज्य में रोजगार उन्मुखी योजनाओं जैसे मुख्यमंत्री स्वरोजगार योजना, मुख्यमंत्री नैनो योजना के माध्यम से अब तक रू0 600 करोड़ से अधिक का निजी निवेश आकर्षित कर एक लाख से अधिक नवीन रोजगार के अवसर सृजित किये गये हैं ।उत्तराखण्ड राज्य प्रधानमंत्री रोजगार सृजन कार्यक्रम के अन्तर्गत देश के अग्रणी राज्यों में निरन्तर सम्मिलित है। इसी क्रम में एक जिला- एक उत्पाद, महिला उद्यमिता प्रोत्साहन योजना, स्टार्ट-अप पॉलिसी जैसी योजनाओं के सृजन एवं कुशल प्रबन्धन से उत्तराखण्ड राज्य देश के अग्रणी राज्यों में सम्मिलित है।देश के कुल स्टार्टअप का 10% भाग यहां स्थित है।
राज्य में पर्यटन की अपार सम्भावनाओं को देखते हुए राज्य द्वारा भारत सरकार के सहयोग से पर्वतमाला रोप-वे श्रृंखला एवं टनल पार्किंग सुदृढ़ कर होम स्टे के माध्यम से स्थानीय अर्थव्यवस्था को मजबूत किया जा रहा है। चारधाम की तर्ज पर कुमाऊँ मण्डल में मानस खण्ड मन्दिर माला एवं 13- जनपद 13- गन्तव्य जैसी नवीन योजनाओं के माध्यम से उत्तराखण्ड को देश का शीर्ष पर्यटन केन्द्र बनाने के सशक्त प्रयास किये जा रहे हैं।
मानसखण्ड मंदिर माला के तहत कुमाऊं के प्रमुख मंदिरों को बेहतर सड़कों से कनेक्ट किया जाएगा। गढ़वाल और कुमाऊं के बीच रोड कनेक्टिविटी भी सुधारी जाएगी। इस संबंध में सभी जिलाधिकारियों से तत्काल उनके जनपदों के प्रमुख मंदिरों और पर्यटन स्थलों की रिपोर्ट मांगी गई है।
मुख्यमंत्री ने कहा कि उत्तराखण्ड ने अपने सीमित संसाधनों के बावजूद विगत वर्ष में निर्यात पर फोकस कर लगभग रू0 17000 करोड़ का निर्यात किया है जिसमें फार्मा सेक्टर का विशेष योगदान है। राज्य द्वारा रूस- यूक्रेन युद्ध के दौरान यूरोप को उत्तराखण्ड के परम्परागत खाद्यान्न जैसे मडुवा, झिंगोरा का निर्यात किया गया। निर्यात को बढ़ावा देने हेतु एक जिला एक उत्पाद योजना के सफल क्रियान्वयन हेतु उत्पाद का चयन कर जिला स्तरीय एक्सपोर्ट प्लान तैयार कर लिया गया है।
प्रधानमंत्री जी की प्रेरणा से “अमृत सरोवर’ योजना के द्वारा जलप्रबन्धन एवं मत्स्य उत्पादन में राज्य निरन्तर प्रगति कर रहा है।अमृत सरोवर योजना के अन्तर्गत प्रदेश के 13 जनपदों में 1240 अमृत सरोवर बनाने का निश्चय किया गया है। जिनमें से 939 अमृत सरोवरों में कार्य प्रारम्भ हो गया 2022 तक 375 अमृत सरोवरों में कार्य पूर्ण हो जाएगा।
रूरल बिजनेस इन्क्यूबेटर और ग्रोथ सेंटरों के माध्यम से 106 काॅमन फेसिलिटी सेंटर स्थापित किए जाएंगे। जिससे ग्रामीण क्षेत्रों में उद्यमिता बढ़ाकर लगभग तीस हजार से अधिक किसानों एवं शिल्पकारों (श्री केदारनाथ एवं श्री बदरीनाथ शिल्प केन्द्र) की आय में वृद्धि की जा रही है।
प्रधानमंत्री जी द्वारा दिये गये निर्देश के क्रम में राज्य द्वारा पीएम किसान निधि, साॅयल हेल्थ कार्ड एवं आयुष्मान भारत योजनाओं में शत-प्रतिशत लक्ष्य प्राप्त कर लिया गया है। इस वित्तीय वर्ष में राज्य द्वारा पीएम आवास योजना ग्रामीण, जलजीवन मिशन, पीएमजीएसवाई, और स्वामित्व योजना में समस्त लाभार्थियों एवं लक्ष्य को प्राप्त किया जायेगा ।
शेष सभी फ्लैगशिप योजनाओं को सितम्बर- 2024 तक प्राप्त करने हेतु मासिक लक्ष्य निर्धारित कर प्रभावी निगरानी की जा रही है।
मुख्यमंत्री ने बताया कि वात्सल्य योजना के अंतर्गत राज्य सरकार ऐसे बच्चों के संरक्षण का दायित्व लेती है, जिनके अभिभावकों का निधन कोरोना के कारण हुआ है।
उत्तराखण्ड राज्य आयुष्मान योजना में देश के अग्रणी राज्यों में से एक है। अब तक राज्य में 47 लाख कार्ड बनाये जा चुके हैं जो राष्ट्रीय औसत का 2.5 गुना है। शत प्रतिशत पात्र परिवारों के कम से कम एक सदस्य का कार्ड बनाया जा चुका है। उत्तराखण्ड में एक राष्ट्र- एक राशन कार्ड योजनान्तर्गत आतिथि 58000 परिवारों को राशन उपलब्ध कराया गया हैं।
मुख्यमंत्री ने कहा कि गोवा के बाद उत्तराखंड देश का पहला ऐसा राज्य है जहां समान नागरिक आचार संहिता को लागू करने के उद्देश्य हेतु तीव्र गति से कार्य किया है। इस विषय पर राज्य सरकार द्वारा 27 मई 2022 को पांच सदस्यों की कमेटी का गठन किया जा चुका है। कमेटी अभी तक दो बैठकें कर चुकी हैं।
मुख्यमंत्री ने कहा कि राज्य में विभिन्न योजनाओं के सफल संचालन एवं प्रोजेक्टों को निर्धारित समय पर पूर्ण करने तथा नियमित अनुश्रवण हेतु प्रत्येक विभाग का वार्षिक कार्य कलैण्डर तैयार किया गया है जिसकी समीक्षा उच्च स्तर पर प्रतिमाह की जा रही है।
राज्य द्वारा नई राष्ट्रीय शिक्षा नीति-2020 के अन्तर्गत 4457 ऑगनबाड़ी केन्द्र जो प्राथमिक विद्यालय परिसर में ही स्थापित थे उनमें माह जुलाई 2022 में बाल वाटिका की स्थापना की जा चुकी है।
राज्य द्वारा प्रौद्योगिकी का उपयोग कर जीएसटी संग्रहण में वृद्धि के प्रयास किये जा रहे हैं।
इसी परिप्रेक्ष्य में टैक्स चोरी को रोकने हेतु एवं ई-वे बिल प्रणाली को प्रभावी बनाये जाने हेतु आटोमेटेड नम्बर प्लेट रिकागनेशन सिस्टम के माध्यम से वीडियो एनालिटिक्स एवं इमेज प्रोसेसिंग की कार्य योजना गतिमान है। राज्य के जी०एस०टी० की गहन मॉनिटरिंगं हेतु आर्टफिशियल इटॅलिजेंस का उपयोग किया जा रहा है।
राष्ट्रीय ड्रोन नीति के अन्तर्गत उत्तराखण्ड राज्य में ड्रोन रिसर्च सेंटर की स्थापना की जा चुकी है।
प्रदेश के प्रत्येक जनपद में ड्रोन प्रशिक्षण स्कूल की स्थापना का कार्य गतिमान है। राज्य द्वारा ड्रोन का इस्तेमाल आपदा प्रबन्धन में “नभनेत्र” प्लेटफार्म के माध्यम से किया जा रहा है। प्राईवेट इन्वेस्टर द्वारा रूड़की में देश की सबसे बड़ी ड्रोन फैक्ट्री स्थापित की जा चुकी है।
मुख्यमंत्री ने कहा कि उत्तराखण्ड राज्य द्वारा ट्रांसपेरेंट फंड फ्लो सुनिश्चित करने हेतु डीबीटी का उपयोग 215 लाभार्थीपरक योजनाओं में किया जा रहा है।
उत्तराखण्ड देश के प्रथम तीन राज्यों में है, जहाँ मनरेगा के सभी लाभार्थियों के बैंक एकाउंट आधार सीडेड हैं।
राज्य में सरकारी खरीद को पारदर्शी बनाने हेतु जेम पोर्टल को जरूरी कर दिया गया है।
उत्तराखण्ड राज्य की सीमायें संवेदनशील हैं। ऐसे में राज्य के सीमान्त जनपदों में एनसीसी का विस्तार योजनाबद्ध तरीके से कर राज्य की 35951 नियमित सीटों के अतिरिक्त 4007 सीटें उपलब्ध करायी गयी। उत्तरकाशी एवं चमोली जैसे सीमान्त जनपदों में पूर्व से स्थापित एनसीसी कम्पनी को अपग्रेड कर बटालियन की स्थापना की गयी। राज्यपाल महोदय द्वारा भी सीमान्त जनपदों के दूरस्थ एवं दुर्गम क्षेत्र जैसे गुंजी, धारचूला आदि का भ्रमण कर अग्रिम चौकियों में तैनात सैन्य एवं अर्द्धसैनिक बलों के साथ सीधा सवाद किया गया।
मुख्यमंत्री ने कहा कि कि इस बार करीब 28 लाख लोगों ने चारधाम यात्रा में प्रतिभाग लिया। मुख्यमंत्री ने प्रधानमंत्री जी के मार्गदर्शन व निर्देशन में केदारनाथ और बद्रीनाथ धाम का पुर्ननिर्माण व सौन्दर्यीकरण के लिए देवभूमि की सवा करोड़ जनता की ओर से प्रधानमंत्री जी को धन्यवाद दिया।