थल सेनाध्यक्ष, जनरल मनोज पांडे वर्तमान में हिमाचल प्रदेश और उत्तराखंड राज्यों में वास्तविक नियंत्रण रेखा (एलएसी )पर अग्रिम क्षेत्र के तीन दिवसीय दौरे पर हैं। भारतीय थल सेना प्रमुख का पदभार संभालने के बाद सेनाध्यक्ष का इस सेक्टर का यह पहला दौरा है। मध्य कमान के सेना कमांडर और उत्तर भारत क्षेत्र के जीओसी भी सेना प्रमुख के साथ इस दौरे पर हैं।
अग्रिम चौकियों के दौरे के दौरान, थल सेना प्रमुख को स्थानीय कमांडरों द्वारा सीमाओं पर मौजूदा स्थिति के बारे में जानकारी दी जा रही है। अग्रिम क्षेत्रों में परिचालन तैयारियों का प्रत्यक्ष मूल्यांकन करते हुए, सेना प्रमुख के पर्वतारोहण कौशल और लंबी दूरी की गश्त सहित तैनात संरचनाओं की अधिक ऊंचाई वाली परिचालन क्षमताओं का प्रदर्शन देखने की योजना है। इस दौरान थल सेना प्रमुख इस क्षेत्र में जारी बुनियादी ढांचे और विकास कार्यों और अग्रिम क्षेत्रों में सेना-नागरिक संपर्क की भी समीक्षा कर रहे हैं।
अपनी यात्रा के दौरान कमांडरों के साथ बातचीत करते हुए, सेना प्रमुख ने सीमाओं पर सतर्कता और चौकसी की आवश्यकता पर बल दिया। उन्होंने रक्षात्मक मुद्रा में तेजी से सुधार और संरचनाओं की परिचालन तैयारी पर संतोष व्यक्त किया। सेना प्रमुख ने लगातार निगरानी करने में आधुनिक तकनीक के समावेश की सराहना की।
थल सेनाध्यक्ष ने अग्रिम चौकियों पर तैनात सैनिकों के साथ बातचीत के दौरान उनके उच्च मनोबल की सराहना की और उनसे पेशेवर उत्कृष्टता के उच्च मानकों को बनाए रखने का आह्वाह्न किया। उन्होंने सीमावर्ती क्षेत्रों में परिचालन प्रभावशीलता और सतत विकास की दिशा में सेना, सीएपीएफ, नागरिक प्रशासन और पुलिस के बीच उत्कृष्ट तालमेल की भी सराहना की।
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