राष्ट्रीय धरना स्थल जंतर मंतर दिल्ली
आज 12 मई 2022 की दोपहर 12:00 बजे को संसद के चौखट राष्ट्रीय धरना स्थल जंतर मंतर दिल्ली से सद्भावना यात्रा के मुख्य ध्वजवाहक तुलसीराम मौर्य ने बदरीनाथ को कूच किया। उल्लेखनीय है कि वर्षों से वरिष्ठ समाजसेवी तुलसी राम मौर्य हर साल की तरह इस साल भी 14 मई को श्री बदरीनाथ धाम के पावन दर्शन कर श्री बदरीनाथ धाम से भारत के कल्याण के लिए राजघाट दिल्ली तक पदयात्रा करते हैं।
इस साल भी श्री बदरीनाथ धाम को कूच करने के दिन वहीं संसद की चौखट राष्ट्रीय धरना स्थल जंतर मंतर पर 12 मई को पहुंचे। राष्ट्रीय धरना स्थल जंतर मंतर पर श्री मौर्य ने अपनी सद्भावना यात्रा के बारे में पत्रकारों को संबोधित किया। इस सद्भावना यात्रा के दौरान वह एक हाथ में तिरंगा व दूसरे हाथ में अपनी सद्भावना यात्रा के 14 मुख्य बिंदुओं पर सैकड़ों किलोमीटर की पदयात्रा के दौरान हजारों लोगों तक व्यापक जन जागरण करते हैं। उनकी इस सद्भावना यात्रा की मुख्य बिंदु हैं देश में हर व्यक्ति को समय पर न्याय मिले, देश में जातीय और धार्मिक आधार पर किया जाने वाला आरक्षण रद्द किया जाए, भ्रष्टाचार पर अंकुश लगाया जाए, देश में महिलाओं को सम्मान दिया जाए, देश की नदियों में आपस में जोड़कर बाढ़ चल अभाव से रक्षा की जाए, तिब्बत व बलूचिस्तान की आजादी का समर्थन कर चीन व पाकिस्तान पर अंकुश लगाया जाए, भ्रष्टाचार व अधर्म का नाश करने के लिए भगवान विष्णु से पुनः अवतार लेने की प्रार्थना की जाए, गाय को राष्ट्र माता का दर्जा देकर उसकी रक्षा की जाए, भारतीय भाषाओं को शिक्षा रोजगार न्याय व शासन में प्रमुख स्थान दिया जाए, देश में स्वच्छता व प्रदूषण मुक्त करने में सहयोग दिया जाए, हिंसक आंदोलनों व पत्थरबाजों पर अंकुश लगाने के लिए सुरक्षाबलों को विशेषाधिकार दिया जाए तथा देश के हित व मजबूती के लिए देश की आवाज बने। दिल्ली के जंतर मंतर से बदरीनाथ कुछ करते समय उनको विदा देने वालों में भारतीय भाषा आंदोलन के अध्यक्ष देव सिंह रावत इस साल भी जंतर मंतर पर उपस्थित थे। श्री रावत ने तुलसीराम मौर्य को भारतीय संस्कृति का सच्चा ध्वजवाहक बताते हुए उनकी सद्भावना यात्रा की भूरी भूरी प्रशंसा की । इस अवसर पर श्री रावत ने आशा प्रकट की कि बदरीनाथ धाम से राजघाट तक चलने वाली उनकी इस सद्भावना यात्रा को उत्तराखंड, उत्तर प्रदेश के साथ दिल्ली सरकार भी पूरा सम्मान और सुरक्षा प्रदान करने का कार्य करने के अपने दायित्व का निर्वहन करेगी।