उत्तराखंड देश

कांग्रेसी नेतृत्व के प्यादों के कारण आया उत्तराखंड कांग्रेस में जलजला!

 

तीन बार के कांग्रेसी विधायक हरीश धामी ने दिया मुख्यमंत्री धामी को सीट छोड़ने का ऐलान!

एक दर्जन के करीब विधायक भाजपा में जाने को तैयार!

उत्तराखंड में भी कांग्रेस मुक्त के मोदी के सपने को पूरा कर रहे हैं कांग्रेसी नेतृत्व की प्यादे

देव सिंह रावत

उत्तराखंड कांग्रेस की जड़ों में मट्ठा डालने वाले कांग्रेस आला नेतृत्व के प्यादों के कृत्यों व खुद का अपमान-उपेक्षा करने का आरोप लगाते हुए लगातार तीन बार से धारचूला विधानसभा क्षेत्र के विधायक हरीश धामी ने आज प्रदेश के मुख्यमंत्री पुष्कर सिंह धामी के लिए अपनी सीट छोड़ सकते हैं। किसकी साथियों की खबर आ रही है कि कांग्रेसी आला नेतृत्व से नाखुश एक दर्जन के करीब कांग्रेसी विधायक भाजपा का दामन थाम सकते हैं।

हालांकि आज 13 अप्रैल 2022 को देहरादून में प्रदेश कांग्रेस के नवनियुक्त अध्यक्ष करण मेहरा ने संवाददाता सम्मेलन में कांग्रेस में सब कुछ ठीक कहकर मिट्टी डालने का प्रयास किया। परंतु तब तक खबरिया चैनलों व इंटरनेटी दुनिया में इस आशय की खबरों की बाढ़ सी आ गई।
जैसे ही 10 अप्रैल को कांग्रेस ने उत्तराखंड प्रदेश कांग्रेस कमेटी के अध्यक्ष करण मेहरा, नेता प्रतिपक्ष यशपाल आर्य व उप नेता प्रतिपक्ष भुवन चंद कापडी के नामों का ऐलान किया वैसे ही दिल्ली दरबार के प्यादों के विश्वासघाती षड्यंत्र के कारण उत्तराखंड विधानसभा चुनाव की जीती सी जंग के हारने से व्यथित समर्पित कांग्रेसियों का गुस्सा फूट पड़ा।
प्रदेश कांग्रेस में आए इस बवंडर से राजनीतिक विशेषज्ञ भी हैरान हैं। हालांकि इस बात की आशंका प्रकट की जा रही थी कि अगर कांग्रेस प्रदेश में सत्तारूढ़ होगी तो भाजपा फिर कांग्रेस में 2016 की तरह विद्रोह करा कर अपनी सरकार बनाएगी।
परंतु विधानसभा चुनाव परिणाम को अभी 2 महीने भी नहीं हुए कि सहसा कांग्रेस में बवंडर आ गया।
प्रदेश की राजनीति में अटकलें लगाई जा रही है कि
करीब एक दर्जन असंतुष्ट कांग्रेसी विधायक भाजपा का दामन थाम सकते हैं।
सबसे चौंकाने वाला बयान धारचूला से 3 बार के विधायक हरीश धामी ने कहा कि अगर जनता कहेगी तो वह मुख्यमंत्री पुष्कर सिंह धामी के लिए अपनी सीट छोड़ सकते हैं। कांग्रेस के आत्मघाती निर्णय से नाखुश विधायक धामी ने कांग्रेस पर करारा प्रहार करते हुए कहा कि कांग्रेस ने हमेशा उनका अपमान ही किया।पहली बार विधानसभा चुनाव जीते विधायक को उप नेता प्रतिपक्ष बनाकर उनके सम्मान को चोट पहुंचाई है।
धामी के इस ऐलान के साथ ही धारचूला में कांग्रेस पार्टी से इस्तीफा देने की होड़ सी मच गई।
ऐसा कायस लगाया जा रहा था कि मुख्यमंत्री धामी किसी कांग्रेसी विधायक से इस्तीफा दिलाकर वहां से उपचुनाव के प्रत्याशी बनेंगे ।परंतु कांग्रेस से भाजपा में जुड़ने की ऐसी होड़ सी मचेगी इसका आभास किसी को नहीं था।
इस बार यह बवंडर भाजपा के मोहरों द्वारा नहीं अपितु कांग्रेस आला नेतृत्व के प्यादों के कांग्रेस को जमींदोज करने के आत्मघाती अभियान के तहत आ रहा है। ये असंतुष्ट कांग्रेसी आला नेतृत्व की यादों कि इस आत्मघाती अभियान से नाखुश हैं।
कांग्रेस की इस शर्मनाक हालत के लिए और कोई दूसरा जिम्मेदार नहीं है अपितु स्वयं कांग्रेस का आला नेतृत्व है। जो स्वार्थ में लिप्त अपने प्यादों की कारस्तानी की तमाम शिकायतों पर मूक संरक्षण देकर कांग्रेस प्रभाव के उत्तराखंड जैसे राज्यों से भी कांग्रेस मुक्त भारत बनाने की मोदी के अभियान को साकार कर रहे हैं।उत्तराखंड कांग्रेसी नेता भी कांग्रेस के इस पतन के लिए कांग्रेसी आलाकमान की प्यादों को जिम्मेदार मान रहे हैं।
खुद को अहमद पटेल समझने वाले राष्ट्रीय महासचिव व एक प्रवक्ता के आशीर्वाद से उत्तराखंड में भेजे गए प्रभारी ने प्रदेश में ऐसा रायता फैलाया की उत्तराखंड विधानसभा चुनाव मैं जीती हुई जंग कांग्रेस हार गई। हैरानी की बात यह है कि इस शर्मनाक हार के बाद कांग्रेस आला नेतृत्व में संबंधित प्रदेशों की कॉन्ग्रेस प्रदेश अध्यक्षों का इस्तीफा तो ले लिया, परंतु उत्तराखंड में हार के लिए उत्तराखंड के वरिष्ठ कांग्रेसियों द्वारा जिम्मेदार ठहराये गये केंद्रीय प्रभारी को अभय दान क्यों? इसी अभयदान से मदमस्त हो कर ये अब कांग्रेस की बचीखुची आस पर भी पानी फिरवा रहे हैं।
ऐसा नहीं कि कांग्रेस आला नेतृत्व को इस तिकड़ी के कृतियों की भनक नहीं है। स्वयं विधानसभा चुनाव में उत्तराखंड की जनता की मुख्यमंत्री की पहली पसंद रहे हरीश रावत , आला नेतृत्व के समक्ष अपनी पीड़ा का इजहार किया था परंतु जानबूझकर कांग्रेस नेतृत्व ने कोई निराकरण नहीं किया। चुनाव परिणामों के बाद जिस प्रकार से वरिष्ठ कांग्रेसी नेता व पूर्व विधानसभा अध्यक्ष गोविंद सिंह कुंजवाल ने कांग्रेस वाला नित्यश्री प्रदेश कांग्रेस की हार के लिए जिम्मेदार केंद्रीय प्रभारी को ठहराते हुए उनके खिलाफ कार्रवाई करने की गुहार लगाई थी। किसी भी कांग्रेस आला नेतृत्व ने नजरअंदाज कर दिया। अगर समय पर कांग्रेस नेतृत्व ने इस तिकड़ी पर अंकुश लगाया होता तो आज उत्तराखंड में कांग्रेस की सरकार होती और कांग्रेस को आज यह शर्मनाक स्थिति नहीं देखनी पड़ती ।परंतु यह तिकड़ी तो अपने स्वार्थ के लिए प्रदेश युवा कांग्रेस के हितों को दांव पर लगा रही थी। ऐसी भी चर्चाएं प्रदेश की राजनीति के गलियारों में खुली चर्चाएं है कि अगर प्रदेश में कांग्रेस की सरकार बनती तो भी ये आलाकमान के प्यादों की तिकड़ी, हरीश रावत की बजाय प्रदेश का दोहन करने के लिए किसी प्यादे को मुख्यमंत्री बनाने का पूरा संयंत्र कर रहे थे। इसी के तहत उन्होंने कई नेताओं को कमजोर करने के लिए उनके खिलाफ विद्रोही प्रत्याशियों को खड़ा करने की भूमिका भी निभाई।

भले ही कॉन्ग्रेस आला नेतृत्व के इस फरमान का हरीश रावत ने कोई टीका टिप्पणी ना करके सावधानी बरती परंतु कांग्रेसी कार्यकर्ताओं का दर्द कांग्रेस सदस्यता अभियान के संयोजक राजेंद्र भंडारी ने इससे एक तरफा बताते हुए अपनी फेसबुक से अपनी नाखुशी का इजहार किया। भले ही नेता प्रतिपक्ष न बनाए जाने से नाखुश प्रीतम सिंह ने मुख्यमंत्री पुष्कर सिंह धामी से मिलकर केंद्रीय नेतृत्व को परोक्ष रूप से अपनी नाखुशी का इजहार किया वही उनके कई समर्थकों ने इंटरनेटी माध्यमों से प्रीतम सिंह की उपेक्षा को अनुचित बताया। हालांकि अधिकांश कार्यकर्ता इस बात की आशा लगाए हुए थे कि उत्तराखंड प्रदेश कांग्रेस कमेटी का अध्यक्ष जुझारू नेता गणेश गोदियाल को ही बनाया जाएगा। गणेश गोदियाल को प्रदेश अध्यक्ष न बनाए जाने से कांग्रेस ने एक प्रतिभावान नेता का रास्ता खुद ही रोक दिया। गणेश गोदियाल ने बहुत कम समय में ही प्रदेश की जनता पर जो छाप छोड़ी थी। उस विरासत को समेटने का कांग्रेस नेतृत्व ने समय तक नहीं दिया। यहा सब निर्णय हुए आलाकमान के प्यादों की सलाह पर। कांग्रेसियों को आशा थी कि आलाकमान इस शर्मनाक हार की गहन समीक्षा करेगा और इसके गुनाहगार प्यादों को दरकिनारे करेगा परंतु  प्यादों को जो शर्मनाक संरक्षण दिया गया उससे ये दिन देखने पड़ रहे हैं।
प्रदेश में गुटबाजी को हवा देने के लिए जिम्मेदार केंद्रीय केंद्रीय नेतृत्व के प्यादें विधानसभा चुनाव में पार्टी की हार के लिए भाजपा द्वारा किया गया ध्रुवीकरण व मुफ्त राशन को बता रहे हैं। परंतु अपने कृत्यों पर मौन साधे हुए हैं।

About the author

pyarauttarakhand5