अमेरिका व नाटो के झांसे में आकर मूर्खता से रूस से कर बैठे दुश्मनी
देव सिंह रावत
आज पूरी दुनिया यूक्रेन के राष्ट्रपति की आत्मघाती जिद्द व सनक देखकर हैरान व परेशान है। उसके जेहन में एक ही प्रश्न है कि लाखों लोगों व यूक्रेन की बर्बादी के बावजूद यूक्रेन के राष्ट्रपति जैलेंस्की इस युद्ध को बंद कराने के बजाय रूस को गीदड़ धमकी देकर यूक्रेन को और बर्बाद क्यों करा रहे हैं? यह जगजाहिर सच्चाई है कि जिस अमेरिका व नाटो के दम पर वह अपने देश के लाखों लोगों को बर्बादी की गर्त में धकेल रहे थे वह अमेरिका और नाटो रूसी हमले के दौरान मत तमाशबीन बनकर रह गए हैं यूक्रेन राष्ट्रपति की नादानी के कारण यहां लाखों लोग अपने घर से बेघर होकर विदेशों में शरणार्थियों का जीवन जीने के लिए अभी साबित है तथा विश्व का विकसित देश यूक्रेन आज खंडवा में तब्दील हो गया है। भले ही अमेरिका व उसके प्यादे युग रानी राष्ट्रपति को योद्धा और नायक के तकमें से नवाज कर तमाशबीन बनकर यूक्रेन को बर्बादी की गर्त में धकेल रहे हैं परंतु इस बर्बादी का असली खलनायक और कोई दूसरा नहीं अपितु यूक्रेन के राष्ट्रपति जैलेंस्की ही हैं जिसकी सनक वह जिद के कारण रूस आत्मरक्षा में यूक्रेन पर हमला करने के लिए मजबूर हुआ। रूस की केवल इतनी ही मांग है कि यूक्रेन नाटो का सदस्य बनने के बजाय तटस्थ देश बने ।परंतु अमेरिका के मोह में नाटो की सदस्यता लेने की यूक्रेनी राष्ट्रपति की सनक ने जहां यूक्रेन को बर्बादी के गर्त में धकेल दिया है । वहीं पूरे विश्व के ऊपर तीसरे विश्वयुद्ध के बादलों से घिरा दिया है।
आज यूक्रेन पर रूसी हमले का 19 वां दिन है रूसी सेना ने दावा किया कि उसने उन्हें 3900 से अधिक यूक्रेन के सामरिक ठिकाने पूरी तरह से तबाह कर दिए हैं।
आज भी यूक्रेन के 19 शहरों में तड़के से ही रूसी हमले के सायरन बज रहे हैं यूक्रेन की राजधानी कीव को चारों तरफ से रूसी फौजों ने घेर रखा है। आम नागरिकों पर हमला न करने अपने ऐलान का पालन करते हुए रूस बहुत धीरे-धीरे और सावधानी से यूक्रेन की राजधानी कीव को अपने कब्जे में ले रहा है ।इसके साथ व अन्य शहरों से भी आम नागरिकों को सुरक्षित बाहर जाने का रास्ता छोड़ रहा है। परंतु रूसी सेना का आरोप है कि यूक्रेन की सेना आम नागरिकों को बंधक बनाकर जबरन अपना कवच बनाए हुए हैं।
पूरी दुनिया यह देखकर हैरान है कि जिस अमेरिका व उसके पिछलग्गू संगठन नाटो के मोह में बंध कर यूक्रेन के आत्मघाती राष्ट्रपति जैलेंस्की अपने सोवियत परिवार के वरिष्ठ सदस्य रूस को गीदड़ धमकी देकर रूस के दुश्मनों से मिलकर रूस के खिलाफ ही षडयंत्र रच रहा था।
यूक्रेन के राष्ट्रपति के इस घातक षड्यंत्र को समय पर भांपकर यूक्रेन को करारा सबक सिखाने के लिए यूक्रेन पर चौतरफा हमला कर दिया। इस हमले में यूक्रेन का जहां भारी नुकसान हुआ। वहीं उसका पूरा सामरिक ढांचा उसने तबाह कर दिया । रूस के प्रचंड हमले को देखकर यूक्रेन के हमदर्द बने अमेरिका व नाटो संगठन में इतनी हिम्मत नहीं आई कि वह अपने प्यादे को बचाने के लिए रूस से टकराये।
अपनी भारी तबाही को देखकर यूक्रेन ने अमेरिका, नाटो व यूरोपीय संघ सहित विश्व समुदाय से कई बार अपने बचाव के लिए रूस पर हमला करने की गुहार लगाई।
परंतु यूक्रेन को बार-बार रुस के खिलाफ उकसा रहे अमेरिका और नाटो संगठन की इतनी हिम्मत नहीं हुई कि वे रूस का रास्ता रोकेने का साहस तक जुटाये।
यूक्रेन रूस युद्ध में यूक्रेन बुरी तरह से बर्बाद हो चुका है। हजारों लोग मारे जा चुके हैं। यूक्रेन के 25 लाख से अधिक लोग जान बचाने के लिए यूक्रेन के निकटवर्ती देशों में संरक्षण का जीवन यापन करने के लिए विवश हैं। रूस ने यूक्रेन के अधिकांश शहरों पर बर्बादी का कहर ढाया हुआ है।
दुनिया यह देखकर भी हैरान है कि आखिर यूक्रेन के राष्ट्रपति यूक्रेन को अपनी सनक के लिए बर्बाद क्यों कर रहा है जबकि उसके तथाकथित साथी अमेरिका व नाटो तमाशबीन बन गया है इसके बावजूद रूस द्वारा बार-बार शांति वार्ता के आमंत्रण का लाभ उठाकर यूक्रेन के राष्ट्रपति इस भीषण तबाही को क्यों नहीं रोक रहे हैं या तो अमेरिका को लाभ पहुंचाने के लिए वह उसी के इशारे पर रूस से यह राष्ट्रघाती जंग जारी रखे हुए हैं अगर उनको रत्ती भर भी यूक्रेन से हमदर्दी होती तो वे तुरंत स्थिति की नजाकत को समझते हुए रूस से युद्ध विराम करके तटस्थ देश बनने का ऐलान कर देते। तथा अपने सर से अमेरिका और नाटो का भूत सदा के लिए उतार कर अपने सोवियत संघ परिवार व अपने देश यूक्रेन में अमन शांति का बढ़ावा देते।