राजनेता की जगह कलाकार को देश का भाग्य विधाता बनाने का दंड भोग रहा है यूक्रेन और विश्व
रूस विरोधी संगठन नाटो का मोह त्याग कर यूक्रेन व विश्व को तबाही से बचाये जेलेंस्की
देवसिंह रावत
एक हास्य कलाकार को यूक्रेन का भाग्य विधाता बनाने के यूक्रेनी जनता के इस आत्मघाति कदम ने न केवल यूक्रेन को तबाह कर दिया अपित विश्व के अमन चैन पर विश्व युद्ध की विनाशकारी भट्टी मे धकेल ही दिया। हाॅ आज रूस विरोधी अमेरिका व उसके रूस विरोधी ’नाटो’ संगठन के मोह मे लिप्त यूक्रेन के राष्ट्रपति वोलोडिमिर जेलेंस्की की एक सनक के कारण। रूस व यूक्रेन के बीच हो रहे भीषण युद्ध से जहां यूक्रेन मे भारी तबाही मची है। वहीं नाटो की हट व राष्ट्र संघ की अक्षमता के कारण विश्व पर महा विनाश के बादल छा गये है। विश्व व यूक्रेन को इस महाविनाश से उबारने के लिए जहा राष्ट्र संघ, नाटो व यूरोपीय संघ पूरी तरह से हार गये है । अब विश्व को इस विनाश से दो ही व्यक्ति बचा सकते है। एक रूसी राष्ट्रपति व्लादिमिर पुतिन व यूक्रेनी राष्ट्रपति वोलोडिमिर जेलेंस्की। सारा जगत इस महा विनाश से उबारने की याचना कर रहा है। राष्ट्र संघ मे अमेरिकी साथियो के यूक्रेन पर रूसी हमले के विरोध मे लाये गये अभियान को उस समय गहरा झटका लगा, जब रूस ने इस पर अपना विशेषाधिकार वीटो लगा कर इसे रौद दिया वही इस अभियान की हवा चीन, भारत व अमीरात ने उपस्थित न रह कर ठेगा लगा दिया। इस मामले मे अमेरिका ने यूक्रेन को ठेेगा दिखाया, उसने इस युद्ध मे अपनी सेना नही भेजने का ऐलान किया तथा इग्लैण्ड ने सलाह दी कि नाटो को भी इस युद्ध मे अपनी सेना नही भेजना चाहिए अमेरिका व नाटो के इस ऐलान का यूक्रेन के राष्ट्रपति को गहरा धक्का लगा कि जिनके दम पर वे रूस से टकरा रहे थे, उन्होने समय आने पर उनको धोखा दे दिया। केवल अमेरिका व नाटो देश रूस पर प्रतिबंध लगा रहे हैं।
रूसी संसद ने राष्ट्रपति व्लादिमिर पुतिन ने अपने संबोधन मे कहा कि युद्ध रूक सकता है अगर यूक्रेन ,क्रीमिया को रूस का हिस्सा स्वीकार करे और यूक्रेन की नाटो सदस्यता का मोह त्यागे तथा नाटो देशो से हथियारों का लेना रोक दे। रूसी राष्ट्रपति का कहना न्याय संगत है । क्योकि सोवियत संघ के बिखराव के लिए अमेरिका व नाटो पर ही संदेह किया जाता है । वही नाटो संगठन तो बना ही रूस के विरूद्ध ऐसे संगठन को अपने परिवार मे आने की इजाजत कैसे दे सकते हैं।पर अमेरिकी मोह मे डूबे यूक्रेनी राष्ट्रपति ने अपनी सनक से अपने देश हो रही तबाही को भी नजरान्दाज करते हए कहा कि यूक्रेन की आजादी के लिए अंत तक लड़ेंगे. हम सब यहां अपनी आजादी, अपने देश की रक्षा कर रहे हैं और इसी तरह करते रहेंगे।
यानि उनकी नजर मे नाटो की सदस्यता के लिए यूक्रेन की जनता की जान व विश्व के अमन चैन की परवाह नही।
रूसी राष्ट्रपति पुतिन ने रूसी सेना द्वारा यूक्रेन की राजधानी कीव मे काबिज होने के बाद भी ऐलान किया कि हमारा इरादा यूक्रेन पर कब्जा नही करेगे हम केवल अमेरिका के प्यादे से यूक्रेन को बचाना चाहते है।
अब विश्व को चाहिए कि वह यूक्रेन के राष्ट्रपति व नाटो पर दवाब डाल कर इस महाविनाश की विभिषिका से बचाये। वही लोगो को भी ऐसे कालनेमियो के हाथो मे सत्ता सौप कर देश व विश्व को तबाही की भट्टी मे न झौके
एक हास्य कलाकार को यूक्रेन का भाग्य विधाता बनाने के यूक्रेनी जनता के इस आत्मघाति कदम ने न केवल यूक्रेन को तबाह कर दिया अपित विश्व के अमन चैन पर विश्व युद्ध की विनाशकारी भट्टी मे धकेल ही दिया। हाॅ आज रूस विरोधी अमेरिका व उसके रूस विरोधी ’नाटो’ संगठन के मोह मे लिप्त यूक्रेन के राष्ट्रपति वोलोडिमिर जेलेंस्की की एक सनक के कारण। रूस व यूक्रेन के बीच हो रहे भीषण युद्ध से जहां यूक्रेन मे भारी तबाही मची है। वहीं नाटो की हट व राष्ट्र संघ की अक्षमता के कारण विश्व पर महा विनाश के बादल छा गये है। विश्व व यूक्रेन को इस महाविनाश से उबारने के लिए जहा राष्ट्र संघ, नाटो व यूरोपीय संघ पूरी तरह से हार गये है । अब विश्व को इस विनाश से दो ही व्यक्ति बचा सकते है। एक रूसी राष्ट्रपति व्लादिमिर पुतिन व यूक्रेनी राष्ट्रपति वोलोडिमिर जेलेंस्की। सारा जगत इस महा विनाश से उबारने की याचना कर रहा है। राष्ट्र संघ मे अमेरिकी साथियो के यूक्रेन पर रूसी हमले के विरोध मे लाये गये अभियान को उस समय गहरा झटका लगा, जब रूस ने इस पर अपना विशेषाधिकार वीटो लगा कर इसे रौद दिया वही इस अभियान की हवा चीन, भारत व अमीरात ने उपस्थित न रह कर ठेगा लगा दिया। इस मामले मे अमेरिका ने यूक्रेन को ठेेगा दिखाया, उसने इस युद्ध मे अपनी सेना नही भेजने का ऐलान किया तथा इग्लैण्ड ने सलाह दी कि नाटो को भी इस युद्ध मे अपनी सेना नही भेजना चाहिए अमेरिका व नाटो के इस ऐलान का यूक्रेन के राष्ट्रपति को गहरा धक्का लगा कि जिनके दम पर वे रूस से टकरा रहे थे, उन्होने समय आने पर उनको धोखा दे दिया। केवल अमेरिका व नाटो देश रूस पर प्रतिबंध लगा रहे हैं।
रूसी संसद ने राष्ट्रपति व्लादिमिर पुतिन ने अपने संबोधन मे कहा कि युद्ध रूक सकता है अगर यूक्रेन ,क्रीमिया को रूस का हिस्सा स्वीकार करे और यूक्रेन की नाटो सदस्यता का मोह त्यागे तथा नाटो देशो से हथियारों का लेना रोक दे। रूसी राष्ट्रपति का कहना न्याय संगत है । क्योकि सोवियत संघ के बिखराव के लिए अमेरिका व नाटो पर ही संदेह किया जाता है । वही नाटो संगठन तो बना ही रूस के विरूद्ध ऐसे संगठन को अपने परिवार मे आने की इजाजत कैसे दे सकते हैं।पर अमेरिकी मोह मे डूबे यूक्रेनी राष्ट्रपति ने अपनी सनक से अपने देश हो रही तबाही को भी नजरान्दाज करते हए कहा कि यूक्रेन की आजादी के लिए अंत तक लड़ेंगे. हम सब यहां अपनी आजादी, अपने देश की रक्षा कर रहे हैं और इसी तरह करते रहेंगे।
यानि उनकी नजर मे नाटो की सदस्यता के लिए यूक्रेन की जनता की जान व विश्व के अमन चैन की परवाह नही।
रूसी राष्ट्रपति पुतिन ने रूसी सेना द्वारा यूक्रेन की राजधानी कीव मे काबिज होने के बाद भी ऐलान किया कि हमारा इरादा यूक्रेन पर कब्जा नही करेगे हम केवल अमेरिका के प्यादे से यूक्रेन को बचाना चाहते है।
अब विश्व को चाहिए कि वह यूक्रेन के राष्ट्रपति व नाटो पर दवाब डाल कर इस महाविनाश की विभिषिका से बचाये। वही लोगो को भी ऐसे कालनेमियो के हाथो मे सत्ता सौप कर देश व विश्व को तबाही की भट्टी मे न झौके