उत्तराखंड में आये दिन ऐसी घटना सामने आ रही है या बनाकर ऐसे परोसी जा रही है जिससे पुरे उत्तराखंड को देश ही नहीं अपितु पुरे विश्व में शर्मिदा महसूस कराये और उत्तराखंड को बदनाम करे।
एक ऐसी ही घटना है उत्तराखंड के चम्पावत जिले के गाँव केदारनाथ से आई है जहाँ इजटृटा गांव निवासी 45 वर्षीय रमेश राम की मौत का मामला सामने आया है। जहाँ एक दलित को बारात में निमंत्रण पर बुलाया गया और दलित द्वारा अपने हाथों से भोजन लेकर खाने पर कुछ लोगों नें खाना खाते समय दलित के ऊपर हमला कर दिया जिसमे वह बुरी तरह घायल हो गया। ऐसी खबर लिखकर बड़े बड़े अख़बार और न्यूजपेपर चला रहे है।
घटनाक्रम
दरअसल घटना इस प्रकार है की जिस व्यक्ति की मौत हुई रमेश राम उनको पास के दूसरे गांव से शादी में आने का निमंत्रण मिला था। फिर वे शादी में गए और फ़ोन करके उन्होने अपने घर में बताया की वे रात में वहीँ रहेंगे और दूसरे दिन वे घर लौटेंगे। इसी बीच बताया जा रहा है की उनको कई लोगों ने मिलकर बुरी तरह से पिटाई की। जिसकी अभी जाँच हो रही है की ऐसी क्या घटना हुई जो उनकी लोगों ने बुरी तरह पिटाई की जिसके बाद एक व्यक्ति ने उनको बेहोशी की हालत में देखकर 108 एम्बुलेंस को बुलाकार उनको अस्पताल में भर्ती करा दिया। इसी खबर को तमाम एक मीडिया ने स्वर्ण और दलित के बीच का मामला बना दिया और इस तरह से खबर लिखी की उत्तराखंड में एक दलित द्वारा खुद अपने हाथों से भोजन निकलने पर सवर्णों ने दलित का मार डाला।
वहीँ आपको बता दे की रमेश के पुत्र संजय ने बताया कि उसके पिता दुकान स्वामी की के घर की बारात में 28 नवंबर की सुबह पिता निमंत्रण में गए थे। शाम को जब उसने पिता के नंबर पर फोन किया तो किसी अन्य व्यक्ति ने काल रिसीव करते हुए पिता के शादी में व्यस्त होने की बात कहते हुए उनके अगले दिन आने को कहा। दूसरे दिन उसे किसी ने फोन के जरिये पिता के बेहोशी की हालत में होने की बात बताई। पता चला कि कुछ लोग उसके पिता रमेश को लोहाघाट के अस्पताल में छोड़कर चले गए।
सोचने वाली बात है की उत्तराखंड में पहले हॉकी प्लेयर वंदना कटारिया के घर के बाहर पटके फोड़ने की घटना जो आपसी झगड़े की मामला था उसको भी दलित स्वर्ण किया गया। और अब यह मामला बिना जाँच पड़ताल के इसको दलित स्वर्ण बना दिया।
उत्तराखंड पुलिस का बड़ा बयान
उत्तराखंड की पुलिस ने इस मामले में FIR दर्ज करते हुए प्राथमिक पूछताछ से ये बताया है की यह ऐसा कोई मामला नहीं जो मीडिया चलकर यही है यहाँ कोई दलित स्वर्ण का मामला नहीं है और इसका खंडन करते हुए पुलिस ने कहा की वहां मौजूद सभी लोगों के बयान ले रहे है और वहां मौजूद बाकि दलित 15- 20 लोगो के भी बयान लिए जा रहे है रहे है।
जनपद चम्पावत पुलिस सभी सम्मानित जनता से #अपील करती है कि विगत दिनों पाटी क्षेत्रान्तर्गत हुई घटना के सम्बन्ध में किसी भी प्रकार का भ्रामक दुष्प्रचार न करे। pic.twitter.com/miMBpO6WpN
— Champawat Police Uttarakhand (@Champawatpolice) December 4, 2021
आखिर दलित-स्वर्ण प्रोपेगेंडा क्यों और कौन फैलाया रहा
दरअसल आजकल उत्तराखंड सहित पुरे देश में एक गैंग और मीडिया की लॉबी है जो देश में दलित स्वर्ण करके हर मामले से देश ही नहीं विश्व में भारत को बदनाम करने में जुटा है जिसमे सोशल मैदा में एक गिरोह का नाम काफी लोगों द्वारा बताया जा रहा है जिसका नाम भीम आर्मी बताया जा रहा है की इस मामले को भी दलित स्वर्ण एंगल देना भी इसी गिरोह की साजिश बताई जा रही है और एक ऐसा ही प्रोपेगंडा चैनल है नेशनल दस्तक जिसने खुद अपने वीडियो में भीम आर्मी के लोगों से बात की है आप ये वीडियो भी देख सकते है। और वहीँ दूसे चैनल the wire और टाइम्स ऑफ़ इंडिया ये सभी दलित स्वर्ण करके हर खबर को प्रसारित करते है ताकि समाज में द्वेष उत्पन हो सके। इन लोगों पर जल्द ही करवाई होनी चाहिए।
Uttrakhand champawat – सवर्ण की शादी में पीटकर मारा गया दलित ?
सवर्ण की बारात में दलित ने अपने हाथ से खुद लिया खाना तो परिजनों ने लगाया पीटकर जाने से मारने का आरोप https://t.co/gI5XsnTCSo@HansrajMeena @TribalArmy @Dr_Uditraj @UNHRD @hrw— Janjwar Media (@janjwar_com) December 2, 2021
पुलिस से अनुरोध है की इस मामले में जल्द कार्रवाई हो और जिन्होंने ने भी इस घटना का अंजाम दिया है उनको उचित सजा जल्द मिले और जो लोग इस मामले को दलित स्वर्ण और खाना निकलने के बदले मारपीट की बात फैलाई जा रहे उनके खिलाफ भी कड़ी करवाई होनी चाहिए ताकि सामाजिक सौहार्द बना रहे।