गोचर मेले पर कोरोना के बहाने गाज गिराने वाली उतराखण्ड की धामी सरकार ने दिल्ली के व्यापार मेले में कैसे धूमधाम से मनाया उतराखण्ड दिवस ?
पर्यटन के क्षेत्र में उत्तराखण्ड की राष्ट्रीय तथा अन्तराष्ट्रीय स्तर पर अपनी अलग पहचान है: सतपाल महाराज
प्यारा उतराखण्ड डाटकाम
एक तरफ कोरोना महामारी में भीड़ की आशंका के नाम पर उतराखण्ड सरकार ने उप्र काल से ही 14 नवम्बर को आयोजित होने वाले गोचर मेले के आयोजन पर गाज गिरा दी। वहीं दूसरी तरफ विश्व की सबसे भीडभाड वाले विश्व महानगरी व देश की राजधानी दिल्ली में 40वें भारत अंतरराष्ट्रीय मेले में 19 नवम्बर को बडी धूम धाम से उतराखण्ड दिवस मना रही थी। उतराखण्ड विधानसभा चुनाव 2022 के देहरी में खडे उतराखण्ड में प्रदेेश में सत्तारूढ़ भाजपा सहित सभी राजनैतिक दल प्रदेश भर में धरना प्रदर्शन, समारोहों व बडी सभाओं का आयोजन कर रहे हैं। ऐसे माहौल में प्रदेश सरकार द्वारा देश के पूर्व प्रधानमंत्री इंदिरा गांधी जैसे दिग्गज नेताओं द्वारा भाग लिये जाने वाले उतराखण्ड के विख्यात गोचर मेले पर कोरोना के नाम पर गाज गिराना लोगों के गले नहीं उतर रहा है। एक तरफ सरकार गोचर में भीड़ की आशंका से तो कोरोना के बहाने इस महत्वपूर्ण आयोजन को रद्द कर रही है। वहीं उसी जनपद चमोली में भगवान बदरीनाथ में कपाट बंद के अवसर 20 नवम्बर 2021 को जनता की भीड़ बढाने की आश से इस क्षेत्र में अवकाश घोषित कर रही है। उतराखण्ड की धामी सरकार की इस कार्यवाही को उतराखण्ड के वरिष्ठ आंदोलनकारी देवसिंह रावत के तुगलकी फरमान व सकीर्ण दलीय दुराग्रह बता कर प्रदेश के विकास में बाधक बताया। श्री रावत ने कहा कि सरकार को हर फेसले प्रदेश के हितों व विकास को बढावा देने के लिए करने चाहिएं। दलीय व संकीर्ण सोच से प्रदेश के विकास में बाधक है। धामी सरकार का यह तुगलकी फरमान, विपक्षी दल ही नहीं सत्तारूढ़ भाजपा सहित दो वर्षो से गोचर मेले का बेसब्री से इतजार कर रही आम जनता के भी गले नहीं उतर रहा है।
गोचर मेला, उप्र शासन में भी बडे धूमधाम से मनाया जाता था। इस मेले में सीमांत चमोली, रूद्रप्रयाग, पौड़ी जनपदों के लोगों के अलावा भारी संख्या में व्यापारी वर्ग भी सम्मलित होता है।ऐसे मेले से जनता में अपनी सरकार का संदेश जन जन तक पंहुचाने के बजाय जनता की आशाओं में पानी फेरना एक प्रकार से जनता से जुड़ने के एक महत्वपूर्ण अवसर से सत्तारूढ भाजपा को वंचित करना ही है। चुनावी देहरी में खड़ी भाजपा के हितों पर यह एक प्रकार का बज्रपात ही है।
उल्लेखनीय है कि कल 19 नवम्बर 2021 को नई दिल्ली के प्रगति मैदान में उतराखण्ड सरकार ने भव्यता से उतराखण्ड दिवस मनाया। उतराखण्ड सूचना केंद्र दिल्ली द्वारा प्यारा उतराखण्ड को भेजे गयी विज्ञप्ति के अनुसार
शुक्रवार को नई दिल्ली के प्रगति मैदान मे चल रहे 40वें भारत अन्तर्राष्ट्रीय व्यापार मेले में उत्तराखण्ड दिवस समारोह के अवसर पर आयोजित सांस्कृतिक संध्या एवं उत्तराखण्ड पैवेलियन में बतौर मुख्य अतिथि उत्तराखण्ड के पर्यटन, तीर्थाटन, धार्मिक मेले एवं संस्कृति मंत्री श्री सतपाल महाराज ने दीप प्रज्वलित कर शुभारम्भ किया।
इस अवसर पर हंसध्वनि थियेटर में उत्तराखण्ड के कलाकारों द्वारा विभिन्न सांस्कृतिक कार्यक्रम प्रस्तुत किये गये। सांस्कृतिक सन्ध्या के माध्यम से राज्य की विशिष्ट संस्कृति का अवलोकन विभिन्न क्षेत्रों से आये दर्शकों द्वारा किया गया।
कोविड-19 के पश्चात् प्रथम बार आयोजित हो रहे भारत अन्तर्राष्ट्रीय व्यापार मेले में कैबिनेट मंत्री सतपाल महाराज द्वारा अवगत कराया गया कि राज्य सरकार राज्य में निवेश को बढ़ावा देने तथा रोजगार सृजित करने के लिए कृतसंकल्प है। राज्य में निवेश अनुकूल वातावरण तैयार कर अधिकाधिक निवेश आकर्षित करने की दिशा में सरकार निरन्तर कार्य कर रही है।
उन्होंने कहा कि एकल खिड़की व्यवस्था के अन्तर्गत उद्योगों को निर्धारित समय-सीमा में सभी प्रकार की स्वीकृतियां तथा अनापत्तियां प्रदान किए जाने हेतु एकल खिड़की अधिनियम लागू किया गया है। ईज ऑफ डूईंग बिजनेस कार्यक्रम में राज्य देश के अग्रणी औद्योगिक राज्यों के साथ शीर्ष राज्यों में सम्मिलित है। एक ओर जहां बड़े निवेशकों को आकर्षित करने के लिए सरकार प्रयास कर रही है वहीं दूसरी ओर स्वरोजगार को बढ़ावा देने के लिए राज्य के युवाओं विशेषकर कोविड-19 से प्रभावित राज्य के प्रवासियों के लिए मुख्यमंत्री स्वरोजगार योजना तथा नैनों स्वरोजगार योजना लागू की गयी है।
उन्होंने कहा कि हरित प्रदेश की अवधारणा को मूर्त रूप देने में सरकार सतत् प्रयत्नशील है और मुख्यमंत्री सौर स्वरोजगार योजना लागू की गयी है। राज्य के समस्त जनपदों के पोटेंशियल को देखते हुए एक जनपद दो उत्पाद योजना लागू की गयी है, जिससे राज्य के विशिष्ट उत्पाद राष्ट्रीय तथा अन्तराष्ट्रीय स्तर पर अपनी अलग पहचान स्थापित करने में सफल होंगे। पर्यटन के क्षेत्र में राज्य की राष्ट्रीय तथा अन्तराष्ट्रीय स्तर पर अपनी अलग पहचान है। राज्य सरकार राज्य में प्रसिद्ध पर्यटन स्थलों के अतिरिक्त ‘13 जनपद, 13 नए गन्तव्य’ के अन्तर्गत तीव्रता से कार्य कर रही है। बुनियादी ढांचे के अन्तर्गत राज्य में रेल लाईन, वायु सेवा तथा राजमार्गां के निर्माण के क्षेत्र में तेजी से कार्य किया जा रहा है।
उन्होंने कहा कि इस वर्ष मेले की थीम है- आत्मनिर्भर भारत और राज्य सरकार इसी तर्ज पर आत्मनिर्भर उत्तराखण्ड की दिशा में निरन्तर कार्य कर रही है।
इस वर्ष भारत अन्तर्राट्रीय व्यापार मेले में बिहार साझेदार राज्य के रूप में तथा उत्तर प्रदेष फोकस राज्य के रूप में प्रतिभाग कर रहा है। प्रगति मैदान के हॉल नं0 4 में चल रहे उत्तराखण्ड पैवेलियन में इस वर्श हथकरघा एवं हस्तषिल्प विकास परिशद के तत्वाधान में राज्य के विभिन्न क्षेत्रों के कुल 34 स्टॉल लगे हैं।
इस मेले का मुख्य आकर्षण उत्तराखण्ड के शिल्प आधारित सोवेनियर उत्पाद हैं। जिन्हें उत्तराखण्ड सूक्ष्म, लघु एवं मध्यम् उद्यम विभाग द्वारा विस्तृत स्तर पर शोध एवं भ्रमण कर राज्य के परम्परागत शिल्प को आधुनिक बाजार की माँग तथा रोजगारोन्मुखी बनाने का प्रयास किया गया है। सरकारी विभागों में पर्यटन, हिमाद्रि, हिलांस, बैम्बू बोर्ड, खादी तथा ग्रामोद्योग बोर्ड, ग्राम विकास एवं सिडकुल मुख्य रूप से प्रतिभाग कर रहे हैं। हथकरघा तथा हस्तशिल्प उत्पाद, बाल मिठाई, पहाड़ी दालें, मसाले तथा जड़ी-बूटियाँ, शहद, बैम्बू, प्राकृतिक रेशा रामबॉस तथा भीमल से बने उत्पाद भी लोगों के आकर्षण का केन्द्र बने हुए हैं।
इस अवसर पर मुख्य सचिव, उत्तराखण्ड शासन एस0 एस0 संधू, महानिदेशक एवं आयुक्त उद्योग श्री रोहित मीणा, निदेशक उद्योग श्री सुधीर चन्द्र नौटियाल, उप निदेशक उद्योग श्रीमती शैली डबराल, उप निदेशक, राजेन्द्र कुमार, मेलाधिकारी श्री के0 सी0 चमोली, श्री प्रदीप सिंह नेगी आदि उपस्थित थे।