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गढ़वाल के प्रसिद्ध गौचर मेला के नहीं होने से नाखुश जनता, बद्रीनाथ के कपाट बंद होने के दिन अवकाश देने पर ख़ुशी

पुरे गढ़वाल का सबसे ज्यादा प्रसिद्ध गौचर मेला इस बार नहीं हो पाया, जिसकी वजह से गौचर मेले के लिये पूर्व निर्धारित अवकाश के जगह पर अब 20 नवंबर को स्थानीय अवकाश घोषित कर दिया है। जिलाधिकारी हिमांशु खुराना ने इसके आदेश जारी किए हैं। इस वर्ष कोविड के दृष्टिगत अहतियात के चलते गौचर मेला किया जाना संभव नहीं हुआ। आगामी 20 नवंबर को श्री बद्रीनाथ धाम के कपाट शीतकाल के लिए बंद हो रहे है। जनभावना की आस्था को दृष्टिगत रखते हुए जिलाधिकारी ने 18 नवंबर के स्थान पर अब 20 नवंबर को स्थानीय अवकाश घोषित किया है। ताकि शीतकाल के लिए भगवान बद्रीनाथ धाम के कपाट बंद होने के दौरान अधिक से अधिक लोग दर्शन कर सके।

आपको बता दे की यह मेला जिसका आप Trade Fair प्लस अम्यूसमेंट पार्क कह सकते है और इसका चलन ब्रिटिश काल से ही चल रहा है

हमने स्थानीय लोगों से बात की जो इससे पहले गोचर मेले में अपने दुकान और घूमने जाते थे उनसे जब बात की तो कई लोग इससे नाराज थे की कोरोना का हवाला देकर मेले को बंद नहीं करना चाहिए था कम से कम सरकार और स्थानीय प्रशासन को एक बार सभी से बात कर लेनी चाहिए थी और साल में एक बार आने वाले इस मेले को कैसे कोरोना की रोकधाम करते हए अच्छे से सम्प्पन किया जाय उसकी पहल करनी चाहिए थी न की मेला ही बंद करना। इसकी वजह से कई लोगो के व्यवसाय पर काफी गहरा धक्का भी लगा है और स्थानीय लोग भी नाखुश है। जो लोग इस मेले के लिए साल भर से उत्सुकता करते थे उनको इससे बड़ी निराशा हुई। लेकिन 20 नवम्बर को अवकाश घोषित करने पर लोग काफी खुश बताये जा रहे क्यूंकि उस दिन श्री बद्रीनाथ धाम के कपाट शीतकाल के लिए बंद हो रहे है तो वहां ज्यादा से ज्यादा लोगो की भीड़ हो उसके लिए अवकाश प्रदान किया गया।

 

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