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उतराखण्ड में अति वर्षा से हुई त्रासदी से 46 लोग मरे ,12 घायल,11लापता व 9मकान ढ़हे

उत्तराखंड में बेमौसमी अति वर्षा से हुई त्रासदी मृतक परिजन को 4 लाख रूपये की राहत

मुख्यमंत्री पुष्कर सिंह धामी ने प्रदेश के विभिन्न क्षेत्रों में अतिवृष्टि से हुए नुकसान का लिया जायजा।

*भवन क्षति, पशुधन क्षति आदि पर भी मानकों के अनुरूप सहायता राशि जल्द दी जाएगी*

प्यारा उत्तराखंड डाट काम

17 से 20 अक्टूबर तक प्रदेश में हुई बेमौसम की अतिवृष्टि से हुए नुकसान की भरपाई के लिए  उतराखण्ड  सरकार द्वारा हर सम्भव सहयोग देने की घोषणा की ।
इस सप्ताह में  हुई इस त्रासदी में प्रदेश में 46 लोगों के मारे गए।  प्रधानमंत्री मोदी  ने उत्तराखंड के मुख्यमंत्री धामी से बात कर स्थिति का जायजा लिया और उन्हें केंद्र की तरफ से हर संभव मदद देने का आश्वासन भी दिया। इसी के तहत केंद्रीय आपदा प्रबंधन दल, वायु सेना व सेना के जवान इस आपदा से पीड़ितों के बचाव में स्थानीय प्रशासन का साथ राहत और बचाव कार्यों में जुटे हुए हैं।

दुखद समाचार  है कि केरल व उत्तराखंड में
इस सप्ताह बेमौसम की अति वर्षा ने भारी तबाही मचाई।
उन्होने कहा कि इस आपदा के कारण जिन परिवारों में जनहानि हुई है उनके आश्रितों को 4 लाख रूपये का मुआवजा दिया जायेगा।
मुख्यमंत्री ने उत्तराखंड के अति वर्षा से पीड़ित क्षेत्रों का हवाई सर्वेक्षण किया।
प्रदेश में पिछले दिनों से अतिवृष्टि के कारण उत्पन्न स्थिति का मुख्यमंत्री पुष्कर सिंह धामी निरन्तर अनुश्रवण कर राहत एवं बचाव कार्यों के सम्बन्ध में अधिकारियों से जानकारी प्राप्त कर आवश्यक निर्देश भी दे रहे हैं। मुख्यमंत्री ने पीडितों को त्वरित राहत एवं अनुमन्य आर्थिक मदद के साथ ही तीर्थयात्रियों एवं पर्यटकों की सुविधा का भी ध्यान रखने के निर्देश दिये हैं।
गढ़वाल कुमाऊं मंडल के अति वर्षा से प्रभावित क्षेत्रों का साधन हवाई सर्वेक्षण करने के बाद मुख्यमंत्री ने शासन प्रशासन को युद्ध स्तर पर आपदा से उबारने में पीड़ितों का साथ देने का निर्देश दिया।
उत्तराखंड सूचना केंद्र दिल्ली द्वारा इस प्राकृतिक आपदा त्रासदी की रिपोर्ट के अनुसार 17 से 19 अक्टूबर तक इस त्रासदी में मृतकों की संख्या 46 बतायी। इस रिपोर्ट के अनुसार इस त्रासदी में 12 लोग घायल व 11लोग लापता हैं। इसमें 9 घर ढह गये ।
इस त्रासदी में सबसे ज्यादा प्रभावित नैनीताल जनपद हुआ जहां 28 लोग मारे गए। उसके बाद अल्मोड़ा जनपद में 6, पौड़ी में 3, चंपावत व उधम सिंह नगर में 2-2, तथा बागेश्वर वह पिथौरागढ़ में 1-1 लोग मारे गए।

मुख्यमंत्री पुष्कर सिंह धामी ने 20 अक्टूबर को ऊधमसिंह नगर में ट्रैक्टर पर सवार होकर बाढ प्रभावित क्षेत्रों का स्थलीय निरीक्षण भी किया।

20 अक्टूबर 2021 को मुख्यमंत्री पुष्कर सिह धामी ने बुधवार को प्रातः सर्किट हाउस काठगोदाम में जनसमस्यायें सुनी। मुख्यमंत्री ने गौलापर क्षेत्रवासियों को आश्वस्त किया कि गौलापुल के क्षतिग्रस्त एर्पोेच वॉल का निर्माण 15 दिन के भीतर प्रारम्भ कर दिया जायेगा। क्षेत्र के प्रधान संगठन भी क्षेत्र की समस्याओं को लेकर मुख्यमंत्री से मिले, जिस पर मुख्यमंत्री श्री धामी ने प्रधानों को आश्वस्त किया कि उनकी समस्याओ का प्राथमिकता से निराकरण किया जायेगा। उन्होने कहा सरकार हमेशा जनता के साथ है उनकी मदद के लिए हमेशा तत्पर है। उन्होने कहा कि आपदा की इस घडी में धैर्य बनाये रखें, समस्याओं का प्राथमिकता से निदान किया जायेगा।

इस अवसर पर आपदा प्रबन्धन मंत्री डा0 धनसिह रावत, महापौर डा0 जोगेन्द्रपाल सिह रौतेला, सहित डीजीपी अशोक कुमार,आयुक्त सुशील कुमार,डीआईजी नीलेश आनन्द भरणे,जिलाधिकारी धीराज सिह गर्ब्याल,अपर जिलाधिकारी अशोक जोशी के अलावा जनप्रतिनिधि मौजूद थे।

मंगलवार 19 अक्टूबर को मुख्यमंत्री श्री पुष्कर सिंह धामी ने पूर्वाहन मे सचिवालय स्थित राज्य आपदा प्रबन्धन कन्ट्रोल रूम जाकर प्रदेश में अतिवृष्टि से हुए नुकसान की जानकारी प्राप्त की। उन्होंने सभी जिलाधिकारियों से वीडियों कांफ्रेंसिंग के माध्यम से भी स्थिति का जायजा लिया।

उसके बाद मुख्यमंत्री ने गढ़वाल व कुमांऊ क्षेत्र के आपदा ग्रस्त क्षेत्रों का हवाई सर्वेक्षण कर स्थिति का जायजा लिया तथा रूद्रप्रयाग के जिलाधिकारी से यात्रा व्यवस्थाओं तथा विभिन्न स्थानों पर रूके यात्रियों को दी जा रही सुविधाओं की जानकारी प्राप्त की। मुख्यमंत्री ने निर्देश दिये कि पीडितों के साथ ही यात्रियां को हर संभव सहयोग एवं सहायता उपलब्ध करायी जाय। उन्होंने बन्द मार्गो को खोलने के भी निर्देश जिलाधिकारी को दिये।

मुख्यमंत्री द्वारा किए गए हवाई सड़क मार्ग के सर्वेक्षण में आपदा प्रबंधन मंत्री डॉ धनसिंह रावत व मंत्री अजय भट्ट के आलावा पुलिस प्रशासन के वरिष्ठ अधिकारी भी मुख्यमंत्री के साथ रहे।

उत्तराखंड सूचना कार्यालय द्वारा जारी विज्ञप्ति के अनुसार दोपहर बाद मुख्यमंत्री ने एक बार फिर कुंमाऊ क्षेत्र के रामनगर, बाजपुर, किच्छा, सितारगंज आदि आपदा ग्रस्त क्षेत्रों का हवाई सर्वेक्षण कर पंतनगर एयरपोर्ट पर जिलाधिकारी के साथ एयर फोर्स, एनडीआरएफ एवं एसडीआरएफ के अधिकारियों से राहत एवं बचाव कार्यो के सम्बन्ध में विचार विमर्श किया। इसके बाद मुख्यमंत्री ने रूद्रपुर संजयनगर खेड़ा में उत्पन्न जल भराव की स्थिति का जायता लिया तथा प्रभावित परिवारों से मुलाकात की। उन्होने जिलाधिकारी को निर्देश दिये कि प्रभावित क्षेत्रों के लोगों को सुरक्षित स्थान पर पहुंचाने व रहने, भोजन आदि की समुचित व्यवस्था कराना सुनिश्चित करें। उन्होने पीङितों से मिलते हुए कहा कि सरकार द्वारा सभी जरूरी इंतजाम किये जा रहे हैं। उन्होने कहा कि यह एक दैवीय आपदा की घड़ी है, इस परिस्थितियों में सभी के सहयोग से इस आपदा से निपटा जायेगा। उन्होने रेस्क्यू मे लगे एनडीआरएफ, पुलिस के जवानों का हौसला भी बढ़ाया।
मुख्यमंत्री ने आपदा पीडितों को आश्वस्त किया कि संकट की इस घडी में राज्य सरकार उनके साथ खड़ी है।

इसके पश्चात् मुख्यमंत्री सड़क मार्ग से हल्द्वानी पहुंचे तथा अतिवृष्टि से क्षतिग्रस्त हुए गोला नदी पुल का निरीक्षण किया तथा नदी से हुए नुकसान का जायजा लिया। मुख्यमंत्री ने प्रभावितों से मिलकर उनकी समस्यायें भी सुनी। मुख्यमंत्री ने पीडितों को हर सम्भव मदद का आश्वासन दिया।
सर्किट हाउस काठगोदाम में मुख्यमंत्री ने जनपद नैनीताल के अधिकारियों के साथ जनपद में आपदा से हुए नुकसान आदि की समीक्षा की तथा राहत एवं बचाव कार्यों में पूरे मनायोग एवं तत्परता के साथ सम्पादित करने के निर्देश दिये। उन्होंने कहा कि हर पीडित की मदद करना हमारा उद्देश्य होना चाहिए। इस सम्बन्ध में कोई कोताही न बरती जाय।

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