कश्मीर में आतंकी कहर, अफगान, पाकिस्तान व बग्लादेश में हिंदुओं व सिखों की तबाही का खलनायक है पाकिस्तान
भारत में आतंकवाद बढ़ने का मूल कारण सरकार की कमजोर राष्ट्रीय नीति
देवसिंह रावत
भारत को तबाह करने में तुले पाक व चीन से तुरंत संबंध तोड़े भारत। इसी सप्ताह पूरे विश्व में भारतीय संस्कृति के ध्वजवाहकों ने माॅ भगवती आदिशक्ति की अराधना करते हुए पावन नवरात्रे का पूजन किया और अत्याचारियों पर सदाचारियों की विजय के पावन पर्व रामनवमी व विजया दशमी का पर्व भी धूम धाम से मनाते हुए हैवानियत के प्रतीक रावण का बध और पुतला दहन किया। परन्तु दुसरी तरफ कश्मीर में पाक संरक्षित आतंकियों ने हिंसा का तांडव मचा रखा है। देश की सुरक्षा में समर्पित भारतीय सेना के जांबाजों, सरकारी कर्मचारियों व गैर कश्मीरी लोगों को मौत के घाट उतार रहे है। सुरक्षा बलों ने भले ही अनैक आतंकियों का सफाया कर दिया परन्तु आतंक का कहर कम होने का नाम नहीं ले रहा है। वहीं दूसरी तरफ बंगलादेश में इस्लामी कटरपंथी हैवान अल्पसंख्यक हिंदुओं के मंदिर, पूजा के पंडालों व उनके घर प्रतिष्ठानों को ध्वस्थ कर तबाह कर रहे हैं। वहीं अफगानिस्तान व पाकिस्तान में भी इस्लामी कटरपंथी आतंकी वहां रहे चंद अल्पसंख्यक हिंदु व सिख समुदाय पर आतंक का कहर निरंतर ढा कर उनका जीना हराम कर रहे हैं। यही नहीं भारत में भी भारतीयों के धार्मिक जलूस पर कहर ढाया जा रहा है। पाक व चीन तथा भारत विरोधी ताकतों की शह पर भारी संख्या में घुसपेठ व धर्मांतरण कर भारतीय संस्कृति को जमीदोज करने का षडयंत्र खौपनाक ढ़ंग से दशकों से तेजी से चलाया जा रहा है। परन्तु भारत की सरकारों की ढूलमूल कुनीतियों के कारण भारत को तबाह करने में दशकों से लगे आतंकी सरगना पाकिस्तान व चीन से न तो भारत सरकार सभी संबंध तोड कर उन्हें दुश्मन व आतंकी देश घोषित कर रही है व नहीं पाकिस्तान की इस हैवानियत का मुंहतोड़ बंगलादेशी सा जवाब दे रही है।
आजादी के बाद अब तक भारत सरकार की गलत नीतियों के कारण राष्ट्र विरोधी तत्व व असामाजिक तत्व समाज व देश का अमन-चैन नष्ट कर रहे हैं। इससे निर्दोष नागरिकों का जीना हराम हो गया है। आए दिन देश की सुरक्षा में लगे जांबाज सपूतों को राष्ट्र की रक्षा के लिए अपनी शहादत देनी पड़ रही है।
जहां तक कश्मीर में आतंकवाद का सवाल है, भारत सरकार को आतंक के आका पाकिस्तान और चीन को तत्काल दुश्मन देश घोषित करके उनसे सभी संबंध तोड़ देने चाहिए थे। इसके साथ ही अलगाववादी, हिंसक और राष्ट्र विरोधी कृतियों में लगे तमाम हैवान को जमींदोज करके उनकी संपत्तियां जब्त कर देनी चाहिए थी। जो भी राजनीतिक दल ऐसे आतंकियों का समर्थन करता है या राष्ट्र विरोधी कृत्यों को हवा देता है उनकी मान्यता समाप्त कर देनी चाहिए।जब तक देश में इसराइल व चीन की तर्ज पर राष्ट्र विरोधी तत्वों को जमींदोज करने का कार्य नहीं किया जाएगा, तब तक देश में कश्मीर जैसा माहौल हर प्रांत में बनेगा ।इसका ज्वलंत उदाहरण बंगाल व दिल्ली इत्यादि प्रांतों में दिखाई दे रहा है।
कश्मीर से भारत विरोधी धारा 370 को कुंद करने जैसे सराहनीय कार्य करने वाली मोदी सरकार भी पाक व चीन के भारत विरोधी षडयंत्र को तहस नहस करने में कमजोर सी दिख रही है। सबसे आश्चर्य की बात है कि भारत पर इतने हमले होने के बाद भी भारत सरकार अभी तक पाकिस्तान और चीन को शत्रु राष्ट्र घोषित करके उसे संबंध नहीं तोड़ पाई है और नहीं आतंकी गतिविधियों में संलग्न लोगों की सारी संपत्ति जब्त तक कर पाई है। कश्मीर से आतंकियों द्वारा खदड़े गये भारतीयों को हर हाल में उसी माह कश्मीर में बसा देना चाहिए था। भारत सरकार की नपुंसकता के कारण घाटी में आतंकी व राष्ट्र विरोधी तत्वों का शिकंजा कसा हुआ है और राष्ट्रवादी लोग वहां से भागने के लिए मजबूर हो गए हैं जबकि यह होना चाहिए था कि ऐसी घटना के बाद राष्ट्र विरोधी तत्व अपनी जान बचाने के लिए भारत से हर हाल में बाहर भागने के लिए मजबूर हो जाते। तब समझा जाता है कि भारत की सरकार भारत के हितों की प्रति सजग है।
जिस प्रकार से अफगानिस्तान, पाकिस्तान व बंगलादेश आदि में भारतीय संस्कृति के ध्वजवाहकों पर इस्लामिक आतंकी निरंतर कहर ढा रहे है। उसका एकमात्र कारण भारत सरकार का कमजोर होना और भारतीय मूल्यों व सम्मान के प्रति उदासीन रहना। अगर भारत सरकार अमेरिका व इजराइल की तरह अपने देश के सम्मान के प्रति सजग रहती तो किसी भी आतंकी संगठन व देश की हिम्मत नहीं होती कि वह भारतीयों के साथ इस प्रकार का अत्याचार करे। भारत सरकार को कश्मीर में आतंकी कहर ढाने वाले आतंकियों के सफाया करने के साथ पाकिस्तान के सामरिक, आर्थिक व आतंकी प्रतिष्ठान अब तक तबाह कर देने चाहिए थे। संसार में कोई भी देश व आतंकी समुह अमेरिका व इजराइल के लोगों के खिलाफ एक भी कदम उठाने से पहले सो बार सोचते है। क्योंकि उनको मालुम रहता है कि अमेरिका व इजराइल कभी भी गुनाहगारों को माफ नहीं करते है। वे दुनिया में विधवा विलाप करने के बजाय स्वयं अपने गुनाहगारेों को खुद ही उनके घर में घुस कर तबाह करके दण्डित करता है।
भारत सरकार कश्मीर में आतंकी रक्तबीजों के सफाया करके आतंक पर अंकुश लगाने का जो दीवास्वप्न देख रही है उसको समझ लेना चाहिए कि जब तक इन आतंकियों के आका पाकिस्तान को तबाह नहीं किया जायेगा तब तक भारत में किसी प्रकार का आतंकबाद पर अंकुश नहीं लगाया जा सकता। अफगानिस्तान हो या बंग्लादेश या कश्मीर सहित अन्यत्र फेले आतंक के प्राण केवल पाकिस्तान में बसते हैं। भारत सरकार को अपने देश की सुरक्षा के लिए अविलम्ब पाकिस्तान पर बग्लादेेेश बनाने जैसा प्रहार कर तबाह करना चाहिए। पाकिस्तान केवल इसी प्रकार की भाषा समझता है।