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पंजाब के मुख्यमंत्री अमरेंद्र के इस्तीफे से फिरा कांग्रेस की आशाओं में पानी,कांग्रेस को कहेंगे अलविदा!

 

पाक प्रेमी सिद्धू  पंजाब व देश की सुरक्षा के लिए खतरनाक: अमरेंद्र

प्यारा उत्तराखंड डॉट कॉम से देव सिंह रावत 
आज सायंकाल पंजाब के मुख्यमंत्री कैप्टन अमरिंदर सिंह ने अपने मंत्रिमंडल के साथियों के साथ राज्यपाल से मिलकर अपने पद से इस्तीफा दे दिया।
चंडीगढ़ में आज पंजाब कांग्रेस विधायक मंडल दल की बैठक से कुछ ही समय पूर्व पंजाब के मुख्यमंत्री अमरिंदर सिंह ने आपने पद से इस्तीफा देकर चुनाव से पूर्व नवजोत सिंह सिद्धू को कांग्रेस का नया मुख्यमंत्री बनाने की मंशा पर पानी फेर दिया। दूसरी तरफ पंजाब कांग्रेस विधायक दल ने मुख्यमंत्री की स्थिति के बाद आहूत बैठक में सर्व सम्मत से दो प्रस्ताव पारित किए। विधायक मंडल नेे अमरेन्द सिंह के कार्यकाल  की सराहना की। दूसरे प्रस्ताव में विधायक मंडल ने  नये  मुख्यमंत्री चुनने का अधिकार कॉन्ग्रेस आला नेतृत्व सोनिया गांधी को सौंपा।
सूत्रों के अनुसार कल कांग्रेस नेतृत्व ने मुख्यमंत्री के नाम पर निर्णय लेगी।
परंतु अमरेंद्र सिंह ने कांग्रेस नेतृत्व को आगाह किया कि अगर सिद्धू को मुख्यमंत्री बनाया गया तो वह पुरजोर विरोध करेंगे ।क्योंकि सिद्धू पाकिस्तान प्रेम पंजाब और देश की सुरक्षा के लिए बेहद खतरनाक है खासकर पंजाब के आतंकवाद को बढ़ाने के लिए जिस प्रकार से पाकिस्तान निरंतर प्रयास कर रहा है। ऐसी स्थिति में पाकिस्तान के प्रधानमंत्री के  मित्र का पंजाब में मुख्यमंत्री बनना देश की सुरक्षा के लिए भी काफी खतरनाक होगा।
राजभवन से इस्तीफा देने के बाद पत्रकारों से वार्ता करते हुए कैप्टन अमरिंदर सिंह ने स्पष्ट किया कि कांग्रेस आलाकमान नए उनका अपमान किया उन्हें बार-बार दिल्ली तलब किया। ऐसा आभास दिलाया कि वह सरकार चलाने में अक्षम हैं। जिस प्रकार से कांग्रेस नेतृत्व ने उनके विरोध के बावजूद पाकिस्तानी प्रधानमंत्री इमरान खान के मित्र नवजोत सिद्धू (जो पाकिस्तान के सेना प्रमुख वाजवा ) को न केवल प्रदेश का कांग्रेस अध्यक्ष बनाया अपितु उनकी सरकार को भी बार-बार अस्थिर करने का षड्यंत्र करने वाले सिद्धू को संरक्षण देकर, उनको बार-बार दिल्ली तलब करने का कार्य कॉन्ग्रेस आला नेतृत्व ने किया।
कैप्टन अमरिंदर सिंह इस बात से बेहद आहत है कि वह मुख्यमंत्री होने के साथ सत्तारूढ़ पंजाब कांग्रेस विधान मंडल दल के नेता भी हैं । परंतु उनकी जानकारी के बिना आज पंजाब कांग्रेस विधायक दल की बैठक आहूत की गई। पंजाब की राजनीति के दिग्गज अमरेंद्र सिंह इसे अपने खिलाफ हो सत्ता से बेदखल करने के षड्यंत्र को भांपकर ही उन्होनें
अपने पद से इस्तीफा देकर इस षड्यंत्र को विफल कर दिया।
कैप्टन अमरेंद्र के अनुसार उन्होंने सुबह ही कांग्रेस साला नेतृत्व सोनिया गांधी को इस बात से अपनी नाराजगी प्रकट की थी और उन्हें संकेत दे दिया था कि वह अपने पद से इस्तीफा दे देंगे।।
कैप्टन अमरेंद्र के अनुसार सोनिया ने नहीं अभी तक पर्दे के पीछे किसी और ने इस षड्यंत्र को अंजाम दिया।
श्री अमरेंद्र ने कहा कि वह राजनीति में रहेंगे परंतु अपने अगले कदमों का ऐलान वह अपने साथियों से सलाह मशविरा करके ही उठाएंगे।
पंजाब की राजनीति में कैप्टन अमरेंद्र सिद्धू के इस द्वंद का दूरगामी असर देश की राजनीति में भी अवश्य दिखाई देगा।
क्या अमरेंद्र सिंह पंजाब में कांग्रेस की ही सिपाही बने रहेंगे या अब वह सिद्धू को प्रदेश अध्यक्ष बनाने वाली कांग्रेस को सबक सिखाने के लिए
भाजपा का दामन थामेंगे गौरतलब है कि अकाली दल से संबंध विच्छेद के बाद पंजाब की राजनीति में भारतीय जनता पार्टी को भी एक मजबूत साथी की जरूरत है इसकी कमी कैप्टन अमरेंद्र सिंह से भीतर कुल पूरा नहीं कर सकता वैसे भी कैप्टन अमरिंदर सिंह के साथ प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी और अमित शाह की काफी मधुर संबंध हैं।
राजनीतिक समीक्षक इस बात को मान चुके हैं कि कैप्टन अमरेंद्र ने इस्तीफा देने के बाद जिस प्रकार कांग्रेस आला नेतृत्व गांधी परिवार पर अपना अपमान करने का आरोप लगाया। उससे साफ हो गया कि उन्होंने कांग्रेस की राजनीति से अलविदा करने का मन व रणनीति बना ली है। पंजाब के कार्यकारी मुख्यमंत्री अमरेंद्र ने स्पष्ट किया कि उन्होने सिद्धू के कारण मुख्यमंत्री पद से इस्तीफा नहीं दिया अपितु गांधी परिवार द्वारा अपमानित की जाने के कारण इस्तीफा दे रहा हूं।

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