जब से सुप्रीम कोर्ट के द्वारा बनाई गयी ऑडिट समिति की रिपोर्ट आयी है की दिल्ली के मुख्यमंत्री अरविन्द केजरीवाल ने आक्सीजन की 4 गुना डिमांड रखी जिससे भारत को आक्सीजन संकट का सामना करना पड़ा और लगभग लाखों लोगों की मौत का ये बड़ा कारण भी बना। अब इसमें बड़ी खबर यह आ रही है की कोविड की दूसरी लहर के दौरान जब उत्तराखंड को भी आक्सीजन की जरूरत थी, तब दिल्ली की केजरीवाल सरकार ने केंद्र पर दबाव बनाकर अन्य राज्यों के कोटे की आक्सीजन भी हड़पने का काम किया। उस समय मुख्यमंत्री अरविंद केजरीवाल ने उत्तराखंड से भी आक्सीजन की मांग की थी। यह बात अलग है कि प्रदेश की तीरथ सिंह रावत सरकार ने अपनी सूझबूझ से राज्य में आक्सीजन की किल्लत नहीं होने दी।
उत्तराखंड के मुख्यमंत्री के इस बड़े कदम ने उत्तराखंड के हजारो लोगो की रक्षा की। उत्तराखंड ने गुजरात से आक्सीजन मंगाने के साथ ही खुद का उत्पादन भी बढ़ा दिया था। यदि ऐसा नहीं होता तो उत्तराखंड में भी दिक्कत बढ़ सकती थी। बढ़ी मांग को देखते हुए तीरथ सरकार ने गुजरात से आक्सीजन मंगाई। साथ ही प्रदेश में स्थित सभी आक्सीजन प्लांट में उत्पादन बढ़ाने के अलावा विभिन्न स्थानों पर नए प्लांट भी स्थापित किए।
इसपर भाजपा प्रदेश अध्यक्ष मदन कौशिक ने कहा कि दिल्ली की आम आदमी पार्टी की सरकार का सच निकलकर सामने आ गया है। दिल्ली की केजरीवाल सरकार ने जानबूझकर जरूरत से कहीं ज्यादा आक्सीजन की डिमांड कर इसे डंप किया। इससे आम आदमी पार्टी का दोहरा चरित्र सामने आ गया है। दिल्ली के मुख्यमंत्री के खिलाफ महामारी एक्ट के तहत मुकदमा दर्ज होना चाहिए।
दूसरी लहार के दौरान जो आक्सीजन के लुटेरे पकड़े गए थे चाहे वो कालरा हो या अमानतुल्लाह खान जहाँ दिल्ली पुलिस ने बड़ा आक्सीजन कालेबाजारी गिरोह पकड़ा था। शायद कहीं न कहीं उसमे दिल्ली सरकार की भी मिली भगत हो सकती है क्यूंकि 4 गुना डिमांड राखी जा ऋ थी तो कहीं न कहीं वो आक्सीजन बेजी जा रही होगी। और दिल्ली में ये भी मामले आ रहे थे की आम आदमी पार्टी के नेता अपने लोगो को जब मन चाहे तब आक्सीजन सिलेंडर उपलब्ध करा दे रहे थे। इसकी गहनता से जाँच होनी चाहिए।