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उत्तराखंड का लाल मदन मोहन तिरूवा शहीद, 3 बेटियों और पत्नी का रो रो कर बुरा हाल

  • उत्तराखंड को वीरों की धरती कहा जाता है क्यूंकि यहाँ किसी न किसी के घर से कोई न कोई नौजवान सेना से जुड़ा हुआ है। लेकिन मातृभूमि के लिए बलिदान देने में भी यहाँ के वीर सबसे आगे रहते है।

  • ऐसी ही एक गमगीन करने वाली खबर बागेश्वर के कपकोट से मदन मोहन तिरूवा जिनकी उम्र 40 बताई जा रही है. वे भारत की सड़क बनाने वाली बीआरओ BRO में ग्रिफ विभाग में टैक्निकल जीएसपी चालक पद पर कार्यरत थे। लेकिन दुर्भाग से वे एक हादसे में वह शहीद हो गए है।

  • आपको बता दे की शहीद जवान मदन मोहन तिरूवा अरुणाचल में तैनात थे। बताया गया कि अचानक जवान के वाहन के ऊपर पहाड़ी से पत्थर आ गिरा और मलबे में दबकर मदन मोहन तिरूवा की दर्दनाक मौत हो गई।

  • इस हादसे की खबर उनके परिजनों को जवान के CO द्वारा फोन करके दी गई, जिससे परिवार में चीख पुकार से कोहराम मच गया। उनके मौत की खबर से पूरे क्षेत्र में माहौल गमगिन हो गया है। उनकी धर्मपत्नी और बच्चों का रो रो कर बुरा हाल है।

  • जवान मदन अपने तीन भाइयों में सबसे छोटे थे। बता दें कि शहीद जवान की तीन छोटी छोटी बेटियां है। बताया गया है कि जवान का पार्थव शरीर शुक्रवार की देर शाम या फिर शनिवार की सुबह तक पहुंचने की उम्मीद है।

  • बताया गया कि शहीद जवान मदन मोहन तिरूवा पिछले महीने ही घर छुट्टी गए थे और छुट्टी काट कर ड्यूटी ज्वॉइन की थी।

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