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उत्तराखंड तपोवन त्रासदी में अभी भी लापता 134 लोगों को राज्य की त्रिवेंद्र सरकार जल्द ही मृत घोषित कर सकती है। वैसे आपको बता दे की किसी भी लापता व्यक्ति के मृत घोषित करने के लिए कम से कम 7 साल चाहिए होता है। लेकिन उत्तराखंड की सरकार तपोवन त्रासदी के पीड़ितों को जल्द से जल्द मुआवजा दिलाना चाहते है।
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जिसके लिए उन पीड़ितों के लापता परिजनों का मृत घोषित होना अनिवार्य है जिससे उनकी ज्यादा से ज्यादा आर्थिक तोर पर मदद की जा सके। आपको बता दे की तपोवन आपदा में पीड़ित परिवारों के लिए केंद्र की मोदी सरकार ने लगभग 2 लाख और राज्य की त्रिवेंद्र सरकार ने 4 लाख का मुआवजा का एलान किया था। जिसको जल्द से जल्द राज्य सरकार पीड़ितों को दिलाना चाहती है।
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इस खबर के सत्यापन का अंदाजा आप उत्तराखंड की 2013 केदारनाथ आपदा के समय भी उत्तराखंड सरकार ने यही नीति अपनाई। जिसमे 7 से पहले ही लापता लोगो को मृत घोषित कर दिया था।
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वही दूसरी तरफ उत्तराखंड की SDRF की टीम लगातार तपोवन मे बनी संकट वाली झील को मॉनिटर कर रही है। और जरूरत के हिसाब से और खतरे को देखते हुए उसके मुहाने को और चौड़ा किया जा रहा है। जिससे पानी की निकासी को बढ़ाया जा सके ताकि झील में पानी ज्यादा न बढ़ने पाए।
उत्तराखंड आपदा का 17वां दिन: चमोली से लापता 136 लोगों को मृत घोषित करेगी सरकार; ऋषिगंगा के ऊपर बनी झील का मुहाना चौड़ा किया गया https://t.co/EPiFI6wtzi
— Swamiji ki Pathshala (@SwamijiVilas) February 23, 2021