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उत्तराखंड तबाही में शहीद पुलिसकर्मी का शव लगभग 100KM दूर अपने पैतृक घाट कर्णप्रयाग संगम पहुंचा

  • उत्तराखंड के चमोली जिले में आई आपदा में कई लोगों की जान गई और कई लापता हैं. इसमें उत्तराखंड पुलिस के हेड कांस्टेबल मनोज चौधरी भी शहीद हो गए।

  • उत्तराखंड के चमोली जिले में आई आपदा ने कई परिवारों में अंधकार ला दिया है। इसी आपदा के चपेट में उत्तराखंड पुलिस के हेड कांस्टेबल मनोज चौधरी भी आ गए।

  • जिनका कर्णप्रयाग संगम पर मंगलवार को राजकीय सम्मान के साथ अंतिम संस्कार किया गया.

  • बैनोली (नौटी) गांव के हेड कांस्टेबल मनोज चौधरी तपोवन के ऋषिगंगा पावर प्रोजेक्ट में बतौर पुलिस सुरक्षाकर्मी तैनात थे. रविवार को वहां आई आपदा के बाद से वह लापता थे.

  • रविवार रात को कर्णप्रयाग संगम पर शहीद पुलिस कर्मी का शव SDRF ने बरामद किया था. इसे संयोग कहे या क्या कहे लेकिन जिस घाट पर कांस्टेबल मनोज का शव मिला वो उनका पैतृक घाट भी है. मनोज चौधरी कर्णप्रयाग ब्लाक के बैनोली गांव के रहने वाले थे.

  • रविवार को तपोवन में आई आपदा से सिर्फ 15 दिन पहले ही ऋषिगंगा पावर प्रोजेक्ट में बतौर पुलिस सुरक्षाकर्मी तैनात किए गए थे.

  • मनोज चौधरी दो साल से गोपेश्वर थाने में सेवाएं दे रहे थे. वे अपने पीछे बुजुर्ग माता, पत्नी और दो बच्चों को छोड़ गए हैं।

  • जोशीमठ में ग्लेशियर टूटने से जो तबाही मची उसके बाद से अब तक 34 लोगों के शव बरामद हो चुके हैं। 170 लोग अभी भी लापता हैं. तपोवन सुरंग में बचाव कार्य अब नए शिरे से शुरू करने का प्रयाश किया जा रहा है। जिसमे टनल को ऊपर से ड्रिल करके सुरंग में फंसे लोगो की तलाश की जा रही है।

  • इसी हादसे में उत्तराखंड के एक और पुलिस कर्मी भी शहीद हो गए है। जिनका नाम श्री बलबीर सिंह गड़िया था।

इस दुखद खबर पर प्रदेश के मुख्यमंत्री का ने कहा की ” चमोली में आई प्राकृतिक आपदा में हमने अपने उत्तराखण्ड पुलिस के दो जांबाज जवानों को खोया है। हेड कांस्टेबल श्री मनोज चौधरी जी और कांस्टेबल श्री बलवीर सिंह गड़िया जी के समर्पण और जज्बे को कोटि-कोटि नमन “

 

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