प्रधानमंत्री मोदी ने आज किया विश्व इतिहास में सबसे बड़े स्तर के कोरोना टीकाकरण अभियान का शुभारंभ
16 जनवरी 2021,नई दिल्ली से पसूकाभास
प्रधानमंत्री मोदी ने आज सुबह 10:30 बजे देशव्यापी कोविड टीकाकरण अभियान की शुरुआत किया।
इस अवसर पर राष्ट्र को संबोधित करते हुए प्रधानमंत्री ने कहा कि आज वो वैज्ञानिक, वैक्सीन रिसर्च से जुड़े अनेकों लोग विशेष प्रशंसा के हकदार हैं, जो बीते कई महीनों से कोरोना के खिलाफ वैक्सीन बनाने में जुटे थे।
आमतौर पर एक वैक्सीन बनाने में बरसों लग जाते हैं।
लेकिन इतने कम समय में एक नहीं, दो मेड इन इंडिया वैक्सीन तैयार हुई हैं ।
मैं ये बात फिर याद दिलाना चाहता हूं कि कोरोना वैक्सीन की 2 डोज लगनी बहुत जरूरी है।
पहली और दूसरी डोज के बीच, लगभग एक महीने का अंतराल भी रखा जाएगा।
दूसरी डोज़ लगने के 2 हफ्ते बाद ही आपके शरीर में कोरोना के विरुद्ध ज़रूरी शक्ति विकसित हो पाएगी:
इतिहास में इस प्रकार का और इतने बड़े स्तर का टीकाकरण अभियान पहले कभी नहीं चलाया गया है।
दुनिया के 100 से भी ज्यादा ऐसे देश हैं जिनकी जनसंख्या 3 करोड़ से कम है।
और भारत वैक्सीनेशन के अपने पहले चरण में ही 3 करोड़ लोगों का टीकाकरण कर रहा है:
दूसरे चरण में हमें इसको 30 करोड़ की संख्या तक ले जाना है।
जो बुजुर्ग हैं, जो गंभीर बीमारी से ग्रस्त हैं, उन्हें इस चरण में टीका लगेगा।
आप कल्पना कर सकते हैं, 30 करोड़ की आबादी से ऊपर के दुनिया के सिर्फ तीन ही देश हैं- खुद भारत, चीन और अमेरिका:
भारत के वैक्सीन वैज्ञानिक, हमारा मेडिकल सिस्टम, भारत की प्रक्रिया की पूरे विश्व में बहुत विश्वसनीयता है।
हमने ये विश्वास अपने ट्रैक रिकॉर्ड से हासिल किया है:
कोरोना से हमारी लड़ाई आत्मविश्वास और आत्मनिर्भरता की रही है।
इस मुश्किल लड़ाई से लड़ने के लिए हम अपने आत्मविश्वास को कमजोर नहीं पड़ने देंगे, ये प्रण हर भारतीय में दिखा।
संकट के उसी समय में, निराशा के उसी वातावरण में, कोई आशा का भी संचार कर रहा था, हमें बचाने के लिए अपने प्राणों को संकट में डाल रहा था।
हमारे डॉक्टर, नर्स, पैरामेडिकल स्टाफ, एंबुलेंस ड्राइवर, आशा वर्कर, सफाई कर्मचारी, पुलिस और दूसरे Frontline Workers।
भारत ने 24 घंटे सतर्क रहते हुए, हर घटनाक्रम पर नजर रखते हुए, सही समय पर सही फैसले लिए।
30 जनवरी को भारत में कोरोना का पहला मामला मिला, लेकिन इसके दो सप्ताह से भी पहले भारत एक हाई लेवल कमेटी बना चुका था।
पिछले साल आज का ही दिन था जब हमने बाकायदा सर्विलांस शुरु कर दिया था।
प्रधानमंत्री ने कहा कि 17 जनवरी, 2020 वो तारीख थी, जब भारत ने अपनी पहली एडवायजरी जारी कर दी थी।
भारत दुनिया के उन पहले देशों में से था जिसने अपने एयरपोर्ट्स पर यात्रियों की स्क्रीनिंग शुरू कर दी थी।
जनता कर्फ्यू, कोरोना के विरुद्ध हमारे समाज के संयम और अनुशासन का भी परीक्षण था, जिसमें हर देशवासी सफल हुआ।
जनता कर्फ्यू ने देश को मनोवैज्ञानिक रूप से लॉकडाउन के लिए तैयार किया।
हमने ताली-थाली और दीए जलाकर, देश के आत्मविश्वास को ऊंचा रखा।
ऐसे समय में जब कुछ देशों ने अपने नागरिकों को चीन में बढ़ते कोरोना के बीच छोड़ दिया था, तब भारत, चीन में फंसे हर भारतीय को वापस लेकर आया।
और सिर्फ भारत के ही नहीं, हम कई दूसरे देशों के नागरिकों को भी वहां से वापस निकालकर लाए।
मुझे याद है, एक देश में जब भारतीयों को टेस्ट करने के लिए मशीनें कम पड़ रहीं थीं तो भारत ने पूरी लैब भेज दी थी ताकि वहां से भारत आ रहे लोगों को टेस्टिंग की दिक्कत ना हो।
भारत ने इस महामारी से जिस प्रकार से मुकाबला किया उसका लोहा आज पूरी दुनिया मान रही है।
केंद्र और राज्य सरकारें, स्थानीय निकाय, हर सरकारी संस्थान, सामाजिक संस्थाएं, कैसे एकजुट होकर बेहतर काम कर सकते हैं, ये उदाहरण भी भारत ने दुनिया के सामने रखा।
कितने महीनों से देश के हर घर में बच्चे, बूढ़े, जवान सभी की जुबान पर ये सवाल था कि कोरोना वैक्सीन कब आएगी।
अब वैक्सीन आ गयी है, बहुत कम समय में आ गई है। मैं सभी देशवासियों को इसके लिए बहुत-बहुत बधाई देता हूं ।
मास्क, 2 गज की दूरी और साफ सफाई ये टीके के दौरान भी और बाद में भी जरूरी रहेंगे।
टीका लग गया तो इसका अर्थ ये नहीं कि आप बचाव के दूसरे तरीके छोड़ दें।अब हमें नया प्रण लेना है – दवाई भी, कड़ाई भी ।
प्रधानमंत्री ने कहा कि वैक्सीन रिसर्च से जुड़े अनेको लोग विशेष रूप से प्रशंसा के हकदार हैं जो बीते कई दिनों से #vaccine बनाने में जुटे थे ।
वैक्सीन बनाने में वर्षों लग जाते हैं लेकिन इतने कम दिनों में एक नहीं दो-दो #MadeInIndiavaccine तैयार हुई है ।