दिग्गज अभिनेता वी.एम. बडोला को विनम्र श्रद्धांजलि:-
-पवन कुमार मैठानी
सुप्रसिद्ध पत्रकार टाइम्स ऑफ इंडिया के लखनऊ संस्करण के संपादक एवम् टीवी, रंगमंच और फिल्मों के अभिनेता विश्वमोहन बडोला जी का देर शाम सोमवार (23-11-2020) को निधन हो गया। वह 84 वर्ष (1936-2020) के थे।
उनके परिवार में पत्नी के अलावा एक पुत्र और दो बेटियां हैं। टीवी के जाने माने एक्टर वरुण बडोला वी.एम. बडोला के ही बेटे हैं वहीं एक्ट्रेस अलका कौशल (कुम-कुम , एक प्यारा सा बंधन, कबलू सीरियल की अभिनेत्री) तथा आर जे कालिंदी उनकी बेटी है।
विश्वमोहन बडोला जी मूल रूप से उत्तराखंड – गढ़वाल के गाँव- ठंठोली, पट्टी -मल्ला ढांगू , ब्लॉक- द्वारीखाल, यमकेश्वर विधान सभा से हैं। वी.एम. बडोला ने अपना ज्यादातर समय दिल्ली में ही गुजारा था।
आशुतोष गोवारिकर की हिंदी फिल्म स्वदेस में के अभिनय के दौरान बडोला जी सपनों की नगरी मुंबई चले गए। बडोला जी ने कई धारावाहिकों में काम किया था। सन 1995 में अम्मा एंड फैमिली तथा निशा उसके कजिन, दूरदर्शन के उपनिषद् गंगा धारावाहिक उनका काफी प्रसिद्ध हुआ था।
हिंदी फिल्म स्वदेश , मुन्ना भाई एमबीबीएस, जॉली एल.एल.बी-2, जोधा-अकबर , लेकर हम दीवाना दिल, प्रेम रत्न धन पायो, मिक्की वायरस, मिसिंग, जलपरीः द डेर्जट मरमेड समेत कई फिल्मों में बडोला जी ने बेहतरीन व जीवंत अभिनय किया। बडोला जी ने ओम पुरी के साथ भी रंगमंच किया है। तुगलक नाटक में भी उन्होंने अभिनय किया था। उन्होंने डेकन हेराल्ड नॉर्थरन पत्रिका पायनियर में भी काम किया था। उच्चकोटी के दिग्गज अभिनेता रंगकर्मी श्री विश्वमोहन बडोला जी को गढ़वाल हितैषिणी सभा दिल्ली अपनी भाव-भीनी श्रद्धांजलि अर्पित करती है। बडोला जी के रूप में फिल्म जगत ने तो एक उच्च कोटि का अभिनेता खोया ही लेकिन गढवाल के द्वारीखाल ब्लाक के ढांगू क्षेत्र ने आज अपनी एक अति विशिष्ठ शख्सीयत को खो दिया है।
बडोला जी का अभिनेता पुत्र वरुण बडोला स्नातक में मेरे पी.जी.डी.ए.वी. कॉलेज (सांध्य) दिल्ली विश्वविद्यालय का छात्र रहा है, गत दिसंबर मैं मेरी आदरणीय वी.एम.बडोला जी से बात हुई थी, उस समय वे मुंबई में थे, मैनें बडोला जी से निवेदन किया कि हम आपकी मुलाकात गढ़वाल हितैषिणी सभा द्वारा आयोजित करियर काउंसलिंग अथवा वीर चंद्र सिंह मेधावी छात्र सम्मान समारोह में अपने प्रतिभाशाली छात्रों से करवाने चाहते हैं, बडोला जी ने मुझसे वायदा किया कि पवन यदि स्वास्थ्य ने अनुमति दी तो मैं गढ़वाल भवन जरूर आऊंगा, चाहे उस दौरान मैं मुंबई में ही क्यों न हूं, मैं मुंबई से आउंगा, इस कोरोना ने सब कुछ अस्त-व्यस्त कर दिया। बडोला जी का व मेरा अर्थात हम दोनों का ढांगू क्षेत्र से होने के कारण सन् नब्बे के दशक से स्नेह बना रहा है। जब-तब हमारी फोन पर बात हो जाया करती थी। यद्यपि बडोला जी का बहुत ही व्यस्त कार्यक्रम रहता था। फिर भी उनके पास मैसेज पहुंचने पर समय मिलने पर उनसे बात हो जाया करती थी। बडोला जी , समाचार अपार्टमेंट -मयूर विहार में रहते थे। जहां पर जब तब बडोला जी से मुलाकात हो ही जाती थी। विराट व्यक्तित्व के स्वामी ऐसे आत्मीय व सरल ह्रदय के व्यक्ति थे श्रद्धेय बडोला जी।
(पवन मैठाणी गढ़वाल हितैषिणी सभा, गढवाल भवन दिल्ली के महासचिव हैं)