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कोरोना पर अंकुश लगाने में अभी तक मिली उपलब्धि को गंवाने से बचने के लिए त्योहारों और सर्दी के मौसम के दौरान बेहद सावधानी की जरूरत”: डा हर्षवर्धन

डॉ हर्षवर्धन ने मुख्यमंत्रियों, स्वास्थ्य मंत्रि.यों और वरिष्ठ स्वास्थ्य अधिकारियों के साथ कोविड की स्थिति और जन स्वास्थ्य उपायों की समीक्षा की

कोविड संबंधी उपयुक्त व्यवहार की वकालत करने वाला प्रधानमंत्री का जन आंदोलन कोविड को नियंत्रित करने वाली उपलब्ध सर्वश्रेष्ठ रणनीति को इंगित करता है”

“कोविड संबंधी उपयुक्त व्यवहार ही सबसे प्रभावी सामाजिक वैक्सीन है”

11 नवंबर 2020 नई दिल्ली से पसूकाभास
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केन्द्रीय स्वास्थ्य एवं परिवार कल्याण मंत्री डॉ. हर्षवर्धन ने आज मुख्यमंत्रियों, राज्य के स्वास्थ्य मंत्रियों और सात राज्यों के प्रमुख सचिवों/अतिरिक्त मुख्य सचिवों के साथ वीडियो कॉन्फ्रेसिंग के माध्यम से चर्चा की। इन राज्यों में महाराष्ट्र, उत्तराखंड, मणिपुर, मिजोरम, त्रिपुरा, मेघालय और गोवा शामिल हैं।

उत्तराखंड के मुख्यमंत्री श्री टी एस रावत जिनके पास राज्य के स्वास्थ्य मंत्रालय का प्रभार भी है, मणिपुर के मुख्यमंत्री श्री एन बीरेन सिंह, महाराष्ट्र के स्वास्थ्य मंत्री श्री राजेश टोपे, मिजोरम के स्वास्थ्य मंत्री डॉ आर ललथंगलियाना, गोवा के स्वास्थ्य मंत्री श्री विश्वजीत प्रताप सिंह राने, त्रिपुरा के स्कूल शिक्षा, उच्च शिक्षा, विधि और संसदीय कार्य मंत्री श्री रतन लाल नाथ ने वर्चुअल माध्यम से बैठक में भाग लिया।

डॉ. हर्षवर्धन ने हाल में आन्ध्र प्रदेश, असम, पश्चिम बंगाल, राजस्थान, हिमाचल प्रदेश, तेलंगाना, पंजाब, हरियाणा और केरल राज्यों के साथ समीक्षा बैठक की थी। उन्होंने गुजरात, मध्य प्रदेश, उत्तर प्रदेश, तमिलनाडु, कर्नाटक, छत्तीसगढ़ और दिल्ली राज्यों तथा केन्द्र शासित प्रदेशों के साथ कोविड के नियंत्रण की तैयारियों की समीक्षा की थी।

 

डॉ. हर्षवर्धन ने हर राज्य में विशिष्ट चिंताजनक हालात के क्षेत्र पर विशेष ध्यान देने की जरूरत को रेखांकित करते हुए कहा कि महाराष्ट्र में हालांकि सक्रिय मामलों की संख्या कम हुई है लेकिन उसके पास सक्रिय मरीजों की बहुत बड़ी संख्या (केसलोड) बनी हुई है जिसमें उच्च मृत्यु दर (2.6) है और मुम्बई में एवं आसपास तो यह मृत्यु दर बढ़कर (3.5) है। उत्तराखंड में मरीज मृत्यु दर सीएफआर (1.64) प्रतिशत है जो कि राष्ट्रीय औसत से अधिक है। मणिपुर में हाल के दिनों में सक्रिय मामलों की संख्या में वृद्धि हुई है। उन्होंने कहा कि राज्य में उच्च संक्रमण दर छुपे हुए संक्रमण की सूचक है। गोवा में कुल मौतों में से 40 प्रतिशत केवल पिछले एक महीने में हुई हैं जो कि चिंता का विषय है। मिजोरम में सक्रिय मामलों की संख्या में वृद्धि हो रही है जहां कि 70 प्रतिशत मामले राजधानी आइजोल में ही केन्द्रित हैं। त्रिपुरा और मेघालय में सक्रिय आयु समूह (45-60 वर्ष) में उच्च मृत्यु 37 प्रतिशत देखी जा रही हैं जो कि रोकी जा सकती हैं।

डॉ. हर्षवर्धन ने कोविड योद्धाओं और अग्रणी स्वास्थ्य कार्यकर्ताओं द्वारा निरंतर और समर्पित भाव से की जा रही सेवाओं की सराहना की जिन्होंने अथक रूप से धरातल पर मजबूती और निश्चय के साथ स्थिति को नियंत्रित किया है। उन्होंने आगे कहा कि आज की स्थिति में केवल 4.09 प्रतिशत सक्रिय मरीज ऑक्सीजन सपोर्ट पर, 2.73 प्रतिशत सक्रिय मरीज आईसीयू में और बेहद कम संख्या 0.45 प्रतिशत सक्रिय मरीज वेटिलेटर सपोर्ट पर है। हालांकि उन्होंने आने वाले सर्दी के मौसम और त्योहारों की लम्बी अवधि के दौरान सावधनी बरते जाने की जरूरत पर जोर दिया जिससे कि कोविड-19 के नियंत्रण में अभी जो लाभ की स्थिति है वह कहीं कमजोर न हो जाए।

संक्रमण के प्रसार की श्रृंखला को रोकने के लिए स्वास्थ्य मंत्री ने प्रधानमंत्री श्री नरेन्द्र मोदी जी द्वारा शुरू किये गये जन आंदोलन के महत्व पर जोर दिया। प्रधानमंत्री द्वारा कोविड के अनुकूल व्यवहार की सलाह देते हुए हाल में दिया गया केवल 10 मिनट की संक्षिप्त अवधि का सम्बोधन बहुत ही कुशलता से कोविड को नियंत्रित करने की सर्वश्रेष्ठ उपलब्ध रणनीति को प्रस्तुत करता है। जन साधारण के बीच जन आंदोलन को प्रोत्साहित करने के लिए सरकार द्वारा उठाए कदमों की चर्चा करते हुए उन्होंने कहा कि कोविड अनुकूल व्यवहार ही सर्वाधिक प्रभावी सामाजिक वैक्सीन है।

डॉ. हर्षवर्धन ने राज्यों को विषेष कर अधिक संक्रमण वाले जिलों में ज्यादा से ज्यादा टेस्टिंग करने, लक्षणों वाले संदिग्ध मामलों में आरएटी में निगेटिव आने पर अनिवार्य टेस्टिंग, अधिक जोखिम वाले समूहों और संवेदनशील जनसंख्या समूहों के लिए एसएआरआई/आईएलआई निरीक्षण करने, जो कि संक्रमण का संकेत दे सकता है,  पर ध्यान केन्द्रित करने की सलाह दी। इसके अलावा उन्होंने संक्रमित मरीजों के करीबियों के संपर्क वालों की तलाश में वृद्धि, घरों में आइसोलेशन वाले केस खासकर संवेदनशील समूहों की निगरानी और फालोअप पर भी जोर दिया। उन्होंने सूचना, शिक्षा, संचार अभियान (आईईसी) कैम्पेन के विस्तार के महत्व को भी रेखांकित किया जिससे कि होम आइसोलेशन में रह रहे लोग प्रभावी उपचार प्रबंधन के लिए समय पर अस्पताल पहुंच सकें। साथ ही स्वास्थ्य मंत्री ने पहले 24/48/72 घंटों में मौतों में कमी लाने के प्रयासों की आवश्यकता बताई जो कि कई राज्यों/जिलों में बहुत अधिक है। उन्होंने बाजार जैसे स्थानों, कार्यस्थल, लोगों के जमा होने वाले स्थानों पर अधिक टेस्टिंग की सलाह दी।

मुख्यमंत्रियों और स्वास्थ्य मंत्रियों ने कोविड के नियंत्रण, निगरानी और संक्रमित मरीजों के उपचार के लिए किए गए कार्यों तथा राज्य में अपनाई जा रही सर्वश्रेष्ठ पद्धति के संबंध में संक्षेप में जानकारी दी। उत्तराखंड के मुख्यमंत्री श्री रावत ने बताया कि राज्य में कोविड अनुकूल व्यवहार को प्रोत्साहित करने के लिए व्यापक मल्टीमीडिया आईईसी अभियान चलाया गया है। सोशल डिस्टेंसिंग का नियम तोड़ने पर 1.4 लाख लोगों और मास्क न लगाने पर 4.5 लाख लोगों पर कार्रवाई की गयी है। मास्क न लगाने की कार्रवाई में नियम का उल्लंघन करने वाले प्रत्येक व्यक्ति को चार मास्क दिये गये जिससे वे मास्क लगाने की आदत को अन्य लोगों में प्रोत्साहित कर सकें। श्री राजेश टोपे ने महाराष्ट्र में “मेरा परिवार मेरी जिम्मेदारी” अभियान के संबंध में बताया जिसमें घर-घर जाकर सर्वेक्षण और होम आइसोलेशन केस और एसएआरआई/आईएलआई मरीजों की निगरानी की जाती है। 5.7 लाख लोगों के सर्वेक्षण में 51000 कोविड-19 संक्रमण के मामलों की पहचान की गयी है।

 

 

केन्द्रीय स्वास्थ्य सचिव श्री राजेष भूषण ने राज्यों को तीन बिन्दुओं – संक्रमण के प्रसार को रोकने और इसकी कड़ी को तोड़ने, मृत्यु दर 1 प्रतिशत से कम रखने और लम्बे समय तक व्यवहार में परिवर्तन की जरूरत – पर ध्यान केन्द्रित करने को कहा। इसे सुनिश्चत करने के लिए उन्होंने सलाह दी कि शीघ्र और त्वरित टेस्टिंग की जाए, बाजार जैसे स्थानों, कार्यस्थलों और धार्मिक समागमों जहां कि बहुत अधिक संक्रमण प्रसार की आशंका हो सकती हो, वहां लक्षित टेस्टिंग की जाए। इसके बाद शीघ्र ट्रेसिंग हो, सभी करीबी संपर्कों को पहले 72 घंटे में ट्रेस किया जाए, प्रति संक्रमित व्यक्ति के कम से कम 10 लोगों को ट्रेस किया जाए। आरएटी की बजाय आरटीपीसीआर टेस्टिंग का अनुपात बढ़ाया जाए। संदिग्ध लक्षणों वाले आरएटी के निगेटिव केसों की अनिवार्य तौर पर आरटीपीसीआर टेस्टिंग की जाए। दूसरे बिन्दु को सुनिश्चित करने के लिए उन्होंने तुरंत मरीजों को अस्पताल में भर्ती करने, अस्पतालों में उपयुक्त अधो संरचना सुनिश्चित करने, पहले 24/48/72 घंटे में मौतों को रोकने पर प्रयास केन्द्रित करने, संवेदनशील जनसंख्या समूहों पर ध्यान देने और अस्पतालों में मृतकों के आंकड़ों की समीक्षा करने की सलाह दी। कोविड उपयुक्त व्यवहार का पालन सुनिश्चित करने के लिए श्री भूषण ने सांसदों, विधायकों और स्थानीय स्तर पर प्रभावी लोगों को शामिल करके पुरजोर अभियान चलाने की सलाह दी है।

अतिरिक्त सचिव स्वास्थ्य श्रीमती आरती आहूजा,  संयुक्त सचिव स्वास्थ्य लव अग्रवाल, डॉ. एस के सिंह, निदेशक (एनसीडीसी) और मंत्रालय के अन्य वरिष्ठ अधिकारी भी बैठक में उपस्थित थे।

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