uncategory

शीतकाल के लिए हुआ विश्व विख्यात पावन चार धामों के कपाट बंदी का ऐलान

16 नवम्बर को केदारनाथ 19 नवम्बर को भगवान बदरीनाथ धाम,

15 को गंगोत्री व 16 नवम्बर को यमुनोत्री

कोरोना महामारी की भेंट चढ़ा सन 2020 की चार धाम यात्रा

प्यारा उतराखण्ड डाट काम
कोरोना काल में भी परंपरा के अनुसार इस साल भी दशहरे के पावन पर्व पर विश्व के अलौकिक चार धामों के कपाट बंदी का पूरे विधि विधान से ऐलान कर दिया । इसके तहत 16 नवम्बर को केदारनाथ , 19 नवम्बर को भगवान बदरीनाथ धाम के कपाट शीतकाल के लिए बंद किये जायेंगे। इसके साथ 15 नवम्बर को गंगोत्री व 16 नवम्बर को यमुनोत्री के कपाट भी बंद कर दिये जायेंगे।
दशहरे के दिन विश्व विख्यात चार धामों के कपाट बंद का ऐलान इस प्रकार किया गया । श्रीबदरीनाथ धाम के कपाट 19 नवंबर को शायद 3.35 पर बंद होंगे ।वही भगवान केदारनाथ के कपाट 16 नवंबर को भैया दूज के पावन पर्व पर प्रातः 8.30 बजे बंद होंगे।
भगवान श्री कृष्ण की बाल लीलाओं की साक्षी रही यमुना मैया की धरती पर अवतरण भूमि पावनी यमुनोत्री के कपाट भी 16 नवंबर भैया दूज के पावन पर्व पर बंद किए जाएंगे ।वही पतित पावनी गंगा की इस धरती पर अवतरण भूमि गंगोत्री धाम के कपाट 15 नवंबर को दोपहर 12.15 पर शीतकाल के लिए बंद कर दिए जाएंगे।
इनके अलावा पंच बद्री पंच केदार के नाम से विख्यात उत्तराखंड की देवभूमि में पंच केदार में से अग्रणी मदमहेश्वर धाम के कपाट 19 नवंबर तथा तुंगनाथ के कपाट 4 नवंबर को बंद होंगे।
परंतु श्रद्धालुओं के मन में इस साल की चार धाम यात्रा पर कोरोना महामारी का दंश की एक टिस बन कर रह गई।
हालांकि साल विश्वव्यापी कोरोना महामारी के कारण उत्तराखंड स्थित श्री बद्रीनाथ श्री केदारनाथ गंगोत्री व यमुनोत्री नाम से विख्यात इन चार धामों के कपाट विलंब से खुले इस साल की चार धाम यात्रा एक प्रकार से रस्म अदायगी सी हुई।
महामारी की आशंका से गिरी इस साल की चार धाम यात्रा में आम श्रद्धालु भगवान बद्री केदार से यही प्रार्थना कर रहे थे कि जगत को इस त्रासदी से शीघ्राति शीघ्र उबार से दें।
2013 में आई महा विनाशकारी त्रासदी के दंश के घावों से अभी भी उत्तराखंडी उबर नहीं पाए हैं कि ऊपर से 2020 में कोरोना के दंश का विश्वव्यापी घाव ने असीम पीड़ा से जनमानस को त्रस्त कर दिया।

 

About the author

pyarauttarakhand5