Chamoli उत्तराखंड

आखिर जनदवाब रंग लाया, सैंज खैतोली मोबाईल टावर विधिवत शुरू

विधायिका देहरादून में कोरोनाग्रस्त पर सांसद तीरथ रावत ने किया गोपेश्वर से ही दूरस्थ उदघाटन

प्यारा उत्तराखंड डॉट कॉम
सीमांत जनपद चमोली के दूरस्थ कोठुली क्षेत्र की हजारों जनता की लंबे समय से चल रही मोबाइल टावर शुरू करने की मांग पर पर आखिर जनदवाब रंग लाया। सांसद तीरथ रावत को जनता के भारी दवाब में समयाभाव के कारण सैंज खैतोली में जाने के बजाय 21 अक्टूबर की दोपहरी 3 बजे विधिवत दूरस्थ उदघाटन गोपेश्वर से ही कर दिया। इससे सीमान्त जनपद चमोली के विकासखण्ड नारायणबगड के कोठुली क्षेत्र( उतरी कडाकोट ) की हजारों जनता मोबाइल टावर लगने से दूरभाष व इंटरनेट सेवाओं से लाभान्वित हो गयी।
यह मोबाइल टावर कुछ सप्ताह से कार्य करने के लिए तैयार था परन्तु इसके उदघाटन करने का समय इन दिनो न सांसद के पास था व नहीं स्थानीय विधायिका के पास। स्थानीय विधायिका कोरोना पीड़ित होकर देहरादून में इलाज करा रही थी। वहीं सांसद तीरथ रावत चमोली जनपद के भ्रमण पर होने के बाबजूद सैंज खेंतोली में उपस्थित होने का समय नहीं निकाल पा रहे थे। नेताओं के पास समय न होने के कारण इसी माह 11 अक्टूबर को भी इस मोबाइल टावर के शुभारंभ का तय समय भी टाल दिया गया। इससे जनता में भारी आक्रोश था। जनप्रतिनिधी चाह रहे थे कि इसका उदघाटन उनकी उपस्थिति में हो। परन्तु जनता अब और अधिक दिनों तक इंतजार नहीं करना चाहती। बिना टावर के क्षेत्र में दूरभाष व इंटरनेट आदि समस्या से लगातार जुझ रही जनता इस समस्या के तत्काल समाधान करने के लिए चाहती थी । जनता आक्रोशित थी कि जब प्रधानमंत्री व मुख्यमंत्री सहित अधिकांश नेता कोरोना काल में उदघाटन व संबोधन दूरस्थ से ही कर रहे है। तो यहां के सांसद व विधायिका भी इस जनहित की योजना का दूरस्थ उदघाटन क्यों नहीं कर रहे हैं।
इसी जनदवाब के कारण सांसद तीरथ ने स्थानीय विधायिका की अनुपस्थिति में ही इस योजना का दूरस्थ उदघाटन कर दिया। जनपद चमोली के वरिष्ठ भाजपा नेता पुरूषोत्तम शास़्त्री के अनुसार 21 अक्टूबर को गोपेश्वर से ही इसका दूरस्थ उदघाटन किया। सैंज खैंतोली में टावर स्थल पर क्षेत्र की जागरूक लोग, सांसद की तरफ से जनपद के वरिष्ठ नेता पुरूषोतम शास़्त्री के नेतृत्व में उपस्थिति थी। हालांकि सांसद तीरथ रावत ने शास्त्री जी से टावर स्थल पर उनका प्रतिनिधित्व करने का आग्रह किया था परन्तु स्थानीय जनता को इस बात से आहत भी भी कि सांसद ने इस क्षेत्र का भ्रमण नहीं किया। लोगों की चाहत थी कि सांसद को इस अवसर पर तो उपस्थित रहना चाहिए था।
उल्लेखनीय है कि कडाकोट पट्टी में मोबाइल टावर लगाने की मांग दशकों से लंबित थी। जनदवाब में आखिर इस क्षेत्र के मध्य सैंज खैंतोली की धार में जिओ का मोबाइल टावर लगाया गया। परन्तु वर्षों से इसका निर्माण के बाबजूद विधिवत संचालित नहीं किया गया। इसी माह 11 अक्टूबर को गढ़वाल संसदीय क्षेत्र के सांसद तीरथ रावत व स्थानीय विधायिका डेढ़ दर्जन गांव के मध्य स्थित सैंज खेंतौली मोबाइल टावर का विधिवत उद्घाटन करने वाले थे। वह भी सांसद के पास समयाभाव के कारण टाल दिया गया। इससे पूरे कडाकोट पट्टी के लोग आहत हो गये। बने टावर को सांसद की उपस्थिति के लिए क्यों रोका गया। जनप्रतिनिधियों से उदघाटन के लिए लम्बे समय तक इन जनहित की योजनाओं को लटाये रखने के बजाय इसको तुरंत शुरू करे निर्माण संस्थान। अब कब सांसद को फुर्रसत मिलेगी और वे इस योजना के उदघाटन की नई तारीख तय करेंगे। होगी। तब तक हजारों जनता इसका दण्ड भोगेगी। जनता इस बात से आहत है कि अगर यह टावर बन गया है और इसका उदघाटन करने के लिए जनप्रतिनिधि के पास समय नहीं है तो, इसकी इंतजारी में जनहित को नजरांदाज क्यों किया जाय। यह जरूरी नहीं कि जनप्रतिनिधी कार्य स्थल पर स्थूल शरीर से स्वयं उपस्थित हो। आजकल कोरोना काल में प्रधानमंत्री व मुख्यमंत्री सहित अनैक महामहिम कई योजनाओं का इंटरनेटी माध्यम से उदघाटन करतो जनता की भलाई के लिए इसको तुरंत शुरू कर देना चाहिए। लोकेष्णा के मोह में जनहित को अवरूद्ध नहीं करना चाहिए। प्रधानमंत्री को चाहिए कि वे समस्त शासन प्रशासन सहित जनहित की पूरी हो गयी योजनाओं को तुरंत शुरू कराने का फरमान जारी कर दे। जनप्रतिनिधियों की इंतजारी में हजारों परियोजनायें दम तोड़ रही है।
उल्लेखनीय है कि देश के सीमांत जनपद चमोली के दूरस्थ बधाण परगना के सीमांत क्षेत्र कोटली क्षेत्र के डेढ़ दर्जन गांवों के हजारों लोग क्षेत्र में मोबाइल टावर ना होने के कारण संचार दूरभाष सुविधाओं से वंचित थे लोग निरंतर इस क्षेत्र में मोबाइल टावर लगाने की मांग कर रहे थे जिसे प्राय प्रतिनिधियों ने अनसुना किया था।
अब जनता की पुरजोर मांग व दबाव को सुनते हुए शासन प्रशासन ने इस क्षेत्र में निजी क्षेत्र जिओ का मोबाइल टावर ने विधिवत ने काम करना शुरू कर दिया। ।उल्लेखनीय है कि इस क्षेत्र में ही भारत के प्रथम विक्टोरिया सम्मान पदक प्राप्त करने वाले दरबान सिंह नेगी का गांव कफातीर भी है जहां गत वर्ष स्वयं मुख्यमंत्री त्रिवेंद्र रावत भी दरबान सिंह नेगी के सम्मान समारोह में सम्मलित हुए थे।
उस समय भी जनता ने मुख्यमंत्री के समक्ष इस मांग को पुरजोर ढंग से रखा था तथा शासन प्रशासन ने इस क्षेत्र में संचार सुविधाओं के अभाव को महसूस किया था। हालांकि इस क्षेत्र में एक इंटर कॉलेज एक हाई स्कूल और कई प्राथमिक शिक्षालय व चिकित्सालय भी कार्यरत हैं। इसी क्षेत्र में उत्तराखंड राज्य गठन आंदोलन की शीर्ष आंदोलनकारी देव सिंह रावत का भी गांव कोठुली है। इससे क्षेत्र के गवाड, सदगढ़ भुल्कानी, पलसारी, भटियाणा कोट, केदारकोट, सुनभी कोथरा कोठुली,मदनपुर,चिरखून जांख पार्टियों,लोदलाआदि गांव लाभांवित होंगे।
हालांकि कड़ाकोट के रैंस चोपता क्षेत्र में भी एक मोबाइल टावर स्थापित किया गया। इस मोबाइल टावर के स्थापित होने से क्षेत्र के हजारों हजार लोग मोबाइल इंटरनेट सेवाओं से लाभान्वित होंगे। उल्लेखनीय कोटली क्षेत्र जनपद चमोली में दशकों से संघर्षशील लोगों की क्षेत्र के नाम में से विख्यात रखा ।यहीं क्रांतिकारी बलवंत सिंह नेगी गुरुजी के नाम से विख्यात शिक्षक, पूरे भारत के शिक्षकों के लिए एक अनुकरणीय उदाहरण है ।उनके नेतृत्व में इस क्षेत्र में इंटर कॉलेज मोटर मार्ग आदि का ऐतिहासिक संघर्ष जनता ने किया।

 

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