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प्याज की कीमतों को नियंत्रित रखने के लिए सरकार ने किए उपाय

37लाख मीट्रिक टन की अनुमानित खरीफ फसल के भी मंडियों में पहुंचने की संभावना है, जिससे कि बढ़ती कीमतों को कम करने में सहायता

21अक्टूबर 2020
नई दिल्ली से पसूकाभास

प्याज के खुदरा मूल्य में अगस्त 2020 के अंत से उल्लेखनीय वृद्धि देखी गई है, हालांकि यह मूल्य स्तर पिछले साल के 18 अक्टूबर से नीचे था। पिछले 10 दिनों में प्याज के दामों में 11.56 रुपये प्रति किलो की तेज बढ़ोतरी होने से प्याज का खुदरा मूल्य राष्ट्रीय स्तर पर 51.95 रुपये प्रति किलोग्राम तक हो गया है, जो कि पिछले साल की कीमत 46.13 रुपये प्रति किलोग्राम से 12.13% अधिक है।

 

14.09.2020 को सरकार ने खरीफ फसल के प्याज के आगमन से पहले के ख़ाली मौसम के दौरान घरेलू उपभोक्ताओं को उचित दरों पर उपलब्धता सुनिश्चित करने के लिए प्याज निर्यात पर प्रतिबंध की घोषणा करके एक पूर्ववर्ती उपाय किया था। यद्यपि जिस दर से प्याज की खुदरा कीमतों में वृद्धि हुई थी, उसे कुछ हद तक कम किया गया था। लेकिन हाल ही में महाराष्ट्र, कर्नाटक और मध्य प्रदेश के प्रमुख जिलों में भारी बारिश की वजह से खरीफ की फसलों, संग्रहित प्याज और बीज नर्सरी भंडारण को नुकसान पंहुचा था। मौसम में आये हुए इन बदलावों के परिणामस्वरूप ही प्याज की कीमतों में काफी तेज वृद्धि हुई है।

 

सरकार ने रबी प्याज फसल – 2020 से प्याज का बफर स्टॉक सुनिश्चित किया है। प्याज की कीमतों को नियंत्रित रखने के लिए सितंबर 2020 के दूसरे सप्ताह से बफर स्टॉक में सुरक्षित प्याज को प्रमुख मंडियों में खुदरा विक्रेताओं जैसे सफ़ल, केन्द्रीय भण्डार, एन.सी.सी.एफ. और राज्य सरकारों को भी जारी किया जा रहा है। आने वाले दिनों में इस दिशा में और काम किया जाएगा।

 

प्याज के आयात को आगामी 15 दिसंबर 2020 तक सुविधाजनक बनाने के लिए सरकार ने आयात के लिए प्लांट क्वारेंटाइन ऑर्डर – 2003 के तहत दिनांक 21.10.2020 को पादप स्वच्छता प्रमाणपत्र पर धूम्रीकरण और अतिरिक्त घोषणा के लिए शर्तों में ढील दी है। भारतीय उच्च आयोगों को संबंधित देशों में निर्देश दिया गया है कि, वे देश में प्याज के अधिक आयात के लिए व्यापारियों से संपर्क करें। आयातित प्याज की ऐसी खेप जो पीएससी पर प्रभाव के लिए धूम्रीकरण और पुष्टि के बिना भारतीय बंदरगाहों तक पहुंचती है, तो उसका धूम्रीकरण भारत में एक मान्यता प्राप्त उपचार प्रदाता के माध्यम से आयातक द्वारा किया जाएगा। खेप में अगर डंठल और सूत्रकृमि (डिटलेनचस डिप्सी) या प्याज भुनगा (हिलिमिया एंटीक) का पता चलता है, तो धूम्रीकरण के माध्यम से इसे समाप्त कर दिया जाएगा और जारी की जाने वाली खेप पर कोई अतिरिक्त शुल्क नहीं लगाया जायेगा। आयातकों से एक वायदा भी लिया जाएगा कि, प्याज का उपयोग केवल उपभोग के लिए किया जाएगा न कि उत्पादन और प्रसार के लिए। खपत के लिए आने वाली प्याज की ऐसी खेप को पीक्यू के आदेश 2003 के तहत आयात की शर्तों में गैर अनुपालन के कारण चार गुना अतिरिक्त निरीक्षण शुल्क के अधीन नहीं लाया जाएगा।

37लाख मीट्रिक टन की अनुमानित खरीफ फसल के भी मंडियों में पहुंचने की संभावना है, जिससे कि बढ़ती कीमतों को कम करने में सहायता मिलेगी।

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