विश्व में कोरोना पीड़ित- 2.62करोड़ पार (26205789 ) तथा मरे 867893
03 सितम्बर 2020तक भारत में कोरोना संक्रमितों की संख्या हुई 38.53लाख (3853406 ) पार और मरे 67486
03 सितम्बर 2020
नई दिल्ली से प्याउ/पसूकाभास
चीन द्वारा प्रसारित वैश्विक महामारी कोरोना से पूरा विश्व त्रस्त है। 03 सितम्बर 2020 को कोरोना महामारी से संक्रमित लोगों की संख्या 26205789 है। वहीं मृतकों की संख्या 867893है। तथा इस महामारी से उबरे लोगो की संख्या 18465606है। कोरोना महामारी से सबसे अधिक मरने वालों में अमेरिका में 189991 , ब्राजील 123899,मैक्सिको 65816, पेरू 29259 ,कोलंबिया 20348 ,ईरान 21797 ,रूस 17528 , दक्षिण अफ्रीका 14389, ब्रिटेन 41514 ,इटली 35497 ,फ्रांस 30686 व स्पेन 29194 है।
वहीं दूसरी तरफ भारत में कोरोना महामारी से पीडितों की संख्या 3853406 तथा उपचार के बाद 2970492 लोग स्वस्थ हो गये। इस महामारी से 67486 लोग मारे गये। भारत में कोरोना महामारी पर अंकुश लगाने के लिए देश की सरकारें क्या क्या कदम उठा रही है।
कोरोना महामारी से पीड़ितों की संख्या विश्व में ढ़ाई करोड़ को पार कर गयी है। पर इस पर अंकुश लगाने के लिए टीका बनाने में संसार भर के कई देशों में दिन रात अनुंसंधान चल रहा है। इसी दिशा में जहंा कोरोना की दवाई बनाने का एक माह पूर्व ही दावा भारत की आयुर्वेदिक दवाईयों को बनाने के लिए विख्यात पतंजलि संस्थान ने बनायी।परन्तु भारत सरकार ने इसका ऐसा प्रचार नहीं किया जैसे रूस के राष्ट्रपति पुतिन ने कोरोना महामारी का टीका बनाने पर किया। कोरोना महामारी पर अंकुश लगाने के लिए दवाई व टीका पर पूरा विश्व नजरें गढ़ाये हुए हैे। पर लगता है दवाई कोई भी बना ले परन्तु इसकी मान्यता पश्चिमी देशों के निर्माताओं को ही मिलेगी। क्योंकि पूरे तंत्र पर एकक्षत्र अंकुश पश्चिमी देशों का ही है।
भारत मे सभी राज्यों व केन्द्र प्रशासित क्षेत्रों में कोरोना महामारी व इस पर अंकुश लगाने की स्थिति कैेसी है। इसके बारे में भारत सरकार की पत्र सूचना कार्यालय द्वारा 02 सितम्बर 2020को जारी प्रेस विज्ञप्ति/ तस्वीर के अनुसार भारत की स्थिति पर एक नजर
भारत और अमेरिका के वैज्ञानिकों की 11 टीमें जल्द ही नोवेल आरंभिक डायग्नोस्टिक जांचों, एंटीवायरल थेरेपी, ड्रग रिपर्पोजिंग, वंटीलेटर अनुसंधान, डिइंफेक्शन मशीनें और कोविड-19 सेंसर आधारित लक्षण ट्रैकिंग से लेकर अनूठे समाधानों का संयुक्त रूप से पता लगाएंगी।
इन टीमों का चयन अमेरिका भारत विज्ञान एवं प्रौद्योगिकी इनडाउमेंट फंड (यूएसआईएसटीईएफ) द्वारा जारी अप्रैल 2020 में कोविड-19 इग्निशन ग्रांट्स के तहत एक आमंत्रण के लिए प्राप्त आवेदनों की एक सख्त द्विराष्ट्रीय समीक्षा प्रक्रिया के जरिये इन पहलों को आरंभ करने के लिए किया गया है।
यूएसआईएसटीईएफ ने कोविड-19 चुनौतियों के समाधान के लिए अनूठे, नवोन्मेषी विचारों का प्रस्ताव रखते हुए ग्यारह द्विपक्षीय टीमों को तय किया है। यूएसआईएसटीईएफ की स्थापना भारत सरकार (विज्ञान एवं प्रौद्योगिकी विभाग के जरिये) तथा संयुक्त राज्य अमेरिका (विदेश मंत्रालय) के जरिये संयुक्त गतिविधियों के संवर्धन के लिए की गई है जिससे विज्ञान एवं प्रौद्योगिकी के अनुप्रयोग के माध्यम से नवोन्मेषण एवं उद्यमशीलता को बढ़ावा मिलेगा।
अमेरिका-भारत एसएंडटी आधारित संयुक्त उद्यमशील टीमें उन पहलों पर कार्य करेंगी जो निगरानी, डायग्नोसिस, स्वास्थ्य एवं सुरक्षा, लोक संपर्क, सूचना एवं संचार सहित कोविड-19 संबंधित चुनौतियों के समाधान के लिए नई प्रौद्योगिकियों, टूल्स एवं प्रणालियों का समाधान करेंगी।
दुनिया के देश जहां कोविड-19 महामारी से लड़ रहे हैं, विज्ञान, अभियांत्रिकी एवं प्रौद्योगिकी में नवोन्मेषण नए टीकों, डिवाइसों, डायग्नोस्टिक टूल्स एवं सूचना प्रणालियों तथा इस महामारी से लड़ने के लिए समुदायों तथा देशों को संसाधनों को प्रबंधित तथा तैनात करने में मदद करने के लिए कार्यनीतियों के विकास के जरिये इस वैश्विक चुनौती का समाधान ढूंढने में महत्वपूर्ण भूमिका निभाएंगे।
इसके मिशन एवं विजन को ध्यान में रखते हुए यूएसआईएसटीईएफ ने कोविड-19 चुनौती के समाधान के लिए अमेरिका-भारत एसएंडटी आधारित आशावान संयुक्त उद्यमशील पहलों की सहायता के इरादे से कोविड-19 इग्निशन ग्रांट्स के वर्ग के तहत प्रस्तावों की घोषणा की।
अमेरिका भारत विज्ञान एवं प्रौद्योगिकी इनडाउमेंट फंड का मिशन इस महामारी से लड़ने में सहायता करने के लिए अमेरिकी एवं भारतीय शोधकर्ताओं तथा उद्यमियों के बीच साझीदारी के जरिये विकसित प्रौद्योगिकी के व्यवसायीकरण के माध्यम से सार्वजनिक हित सृजित करने के लिए संयुक्त अनुप्रयुक्त अनुसंधान एवं विकास की सहायता करना एवं उसे बढ़ावा देना है।
द्विपक्षीय भारत-अमेरिका विज्ञान एवं प्रौद्योगिकी फोरम (आईयूएसएसटीएफ) यूएसआईएसटीईएफ प्रोग्राम की सभी गतिविधियों को प्रबंधित करते हैं।
स्वीकृत परियोजनाओं के विवरणों को www.iusstf.org पर देखा जा सकता है।