विश्व में कोरोना पीड़ित- दो करोड़ छियालीस लाख पार (24638317 ) तथा 835733मरे
राज्यों से कोविड संक्रमण के फैलाव को सक्रियता से सीमित करने और मृत्यु दर को 1 प्रतिशत से कम पर लाने का आग्रह
कैबिनेट सचिव ने कोविड की वजह से 10 उच्च मृत्यु दर वाले राज्यों / केंद्र शासित प्रदेशों की समीक्षा की
28अगस्त 2020
नई दिल्ली से प्याउ/पसूकाभास
चीन द्वारा प्रसारित वैश्विक महामारी कोरोना से पूरा विश्व त्रस्त है। 28अगस्त 2020 को कोरोना महामारी से संक्रमित लोगों की संख्या 24638317 है। वहीं मृतकों की संख्या 835733है। तथा इस महामारी से उबरे लोगो की संख्या 17097817 है। कोरोना महामारी से सबसे अधिक मरने वालों में अमेरिका में 184803, ब्राजील 118726,मैक्सिको 62594,रूस 16804 ,ब्रिटेन 41477 ,इटली35463 ,फ्रांस 30576 व स्पेन 28996 है।
वहीं दूसरी तरफ भारत में कोरोना महामारी से पीडितों की संख्या 3392295 तथा उपचार के बाद 2585030 लोग स्वस्थ हो गये। इस महामारी से 61725 लोग मारे गये। भारत में कोरोना महामारी पर अंकुश लगाने के लिए देश की सरकारें क्या क्या कदम उठा रही है।
कोरोना महामारी से पीड़ितों की संख्या विश्व में 2 करोड़ छियालीस लाख को पार कर गयी है। पर इस पर अंकुश लगाने के लिए टीका बनाने में संसार भर के कई देशों में दिन रात अनुंसंधान चल रहा है। इसी दिशा में जहंा कोरोना की दवाई बनाने का एक माह पूर्व ही दावा भारत की आयुर्वेदिक दवाईयों को बनाने के लिए विख्यात पतंजलि संस्थान ने बनायी।परन्तु भारत सरकार ने इसका ऐसा प्रचार नहीं किया जैसे रूस के राष्ट्रपति पुतिन ने कोरोना महामारी का टीका बनाने पर किया। कोरोना महामारी पर अंकुश लगाने के लिए दवाई व टीका पर पूरा विश्व नजरें गढ़ाये हुए हैे। पर लगता है दवाई कोई भी बना ले परन्तु इसकी मान्यता पश्चिमी देशों के निर्माताओं को ही मिलेगी। क्योंकि पूरे तंत्र पर एकक्षत्र अंकुश पश्चिमी देशों का ही है।
भारत मे सभी राज्यों व केन्द्र प्रशासित क्षेत्रों में कोरोना महामारी व इस पर अंकुश लगाने की स्थिति कैेसी है। इसके बारे में भारत सरकार की पत्र सूचना कार्यालय द्वारा 27अगस्त 2020 को जारी प्रेस विज्ञप्ति के अनुसार भारत की स्थिति पर एक नजर
कैबिनेट सचिव ने आज सुबह 10:30 बजे नौ राज्यों और एक केंद्र शासित प्रदेशों के मुख्य सचिवों और स्वास्थ्य सचिवों के साथ वीडियो कॉन्फ्रेंसिंग (वीसी) की। इस वीडियो कॉन्फ्रेंस में केंद्रीय स्वास्थ्य सचिव, आईसीएमआर के महानिदेशक और नीति आयोग में सदस्य (स्वास्थ्य) सहित महाराष्ट्र,तमिलनाडु,कर्नाटक, तेलंगाना,गुजरात,पश्चिम बंगाल,उत्तर प्रदेश,पंजाब,आंध्र प्रदेश और जम्मू एवं कश्मीर राज्यके मुख्य सचिव और स्वास्थ्य सचिव शामिल हुए। इस वीडियो कॉन्फ्रेंस का आयोजन इन राज्यों / केंद्रशासित प्रदेशों में कोविड प्रबंधन और प्रतिक्रिया कार्यनीति की समीक्षा और चर्चा करने के लिए किया गया था।
केंद्रीय स्वास्थ्य सचिव ने इन राज्यों / केंद्रशासित प्रदेशों में कोविड-19 की वर्तमान स्थिति पर एक विस्तृत प्रस्तुतीकरण दी,जिसमें उच्च मृत्यु दर वाले जिलों और कोविड संक्रमण के लिए परीक्षण, संक्रमित मरीज़ों के संपर्क में आने वाले लोगों का पता लगाने, निगरानी, बीमारी की रोकथाम, घरों में पृथकवास, एम्बुलेंस वाहनों की उपलब्धता,अस्पतालों में उपलब्ध बिस्तर,ऑक्सीजन, उपचार प्रोटोकॉल इत्यादि से संबंधित दृष्टिकोण और कार्यनीतियों को और बेहतर बनाने की आवश्यकता पर जोर दिया गया। यह पाया गया कि पिछले दो सप्ताह के दौरान देश भर में कोविड-19 बीमारी से मरने वालों में 89 प्रतिशत मौतें इन 10 राज्यों / केंद्र शासित प्रदेशों में हुई हैं। इसलिए, इन राज्यों / केंद्र शासित प्रदेशों को निरंतर और कठोर सतर्कता बरतने की जरूरत है ताकि इसके संक्रमण के प्रसार को रोकने के साथ-साथ इससे होने वाली मौत की घटनाओं को कम करने के लिए ठोस कदम उठाए जा सकें।
इन 10 राज्यों / केंद्र शासित प्रदेशों को सलाह दी गई है कि वे अपने सभी जिलों में मृत्यु दर को 1 प्रतिशत से कम रखने की दिशा में कदम उठाएं और इसके लिए निम्नलिखित बातों पर ध्यान केंद्रित करें:
- प्रभावी नियंत्रण, संक्रमित लोगों के संपर्क में आने वालों का पता लगाना और निगरानी
- नए संक्रमित मामलों के कम से कम 80 प्रतिशत मामलों में मरीजों के संपर्क में आने वाले लोगों का पता लगाकर उनका 72 घंटों के अंदर परीक्षण किया जाना सुनिश्चित करना
- संक्रमण / पुष्टि दर को 5 प्रतिशत से कम रखने के लक्ष्य के साथ सभी जिलों में प्रति दिन प्रति दस लाख की आबादी पर कम से कम 140 परीक्षण सुनिश्चित करना
- नियंत्रण क्षेत्र / स्वास्थ्य देखभाल केंद्रों पर एंटीजन परीक्षण कराना और बीमारी के लक्षण वाले मरीजों के परीक्षण में निगेटिव आने के बाद फिर से उनका आरटी-पीसीआर परीक्षण कराना
- घरों में पृथकवास में रखे गए संक्रमितों पर नियमति निगरानी रखना (टेली-कॉलिंग और होम विजिट) और एसपीओ 2 स्तर को निर्धारित स्तर से कम होने पर उनका समय रहते अस्पताल में भर्ती सुनिश्चित कराना
- कोविड अस्पतालों में उपलब्ध बेड की संख्या और एम्बुलेंस सुविधाओं के बारे में आम लोगों को अवगत कराना और कम से कम समय में एंबुलेंस सेवा उपलब्ध कराना
- बीमारी के सभी मामलों में प्रभावी नैदानिक उपचार द्वारा लोगों की जान बचाना
- कमजोर रोगियों (सहरुग्णता, 60 साल से अधिक उम्र के लोग) पर विशेष ध्यान देने के साथ प्रत्येक अस्पतालों में मृत्यु दर पर साप्ताहिक स्तर पर निगरानी रखना
- संक्रमितों की संख्या (केस लोड) के आधार पर कोविड समर्पित अस्पतालों में सुविधाएं बढ़ाना
- सभी अस्पतालों में आवश्यक दवाओं,मास्कों और पीपीई किटों की उपलब्धता और उनके उपयोग की निगरानी
- कोविड से बचने के लिए एक दूसरे से दूरी बनाए रखने (सोशल डिस्टेंसिंग), मास्क पहनने, हाथों की सफ़ाई, खांसने वक्त बरते जाने वाले शिष्टाचार जैसे व्यवहारगत बदलावों के लिए व्यवहार बदलाव संचार को बढ़ाना देना
मुख्य सचिवों ने राज्यों / केंद्रशासित प्रदेशों में कोविड-19 की वर्तमान स्थिति और इसके प्रसार को रोकने के लिए उनकी तैयारियों, इस चुनौती से निपटने के लिए उपलब्ध स्वास्थ्य बुनियादी ढांचे तथा इसे और मजबूत करने के लिए उठाए गए कदमों के बारे में विस्तार से बताया। उन्होंने राज्यों / केंद्र शासित प्रदेशों में मृत्यु दर में कमी लाने के साथ-साथ कोविड से बचने के सुरक्षित व्यवहार के संदर्भ में समुदाय को शामिल करने के लिए उठाए गए कदमों के बारे में जानकारी दी।