भारत ने अभी अभी अपनी आजादी का जश्न मनाया। और प्रधानमंत्री ने लाल किल्ले से जो आत्मनिर्भर होने की बात की थी। और अपने पड़ोसियों के बारे में कहा था की हमारी सेना ने अपना दम दिखा दिया है। बताया जा रहा है की इस के बाद से मोदी सरकार चीन में काम कर रही मोबाइल कंपनियों को भारत में आकर अपने मोबाइल से सेट को इंडिया में बनाकर दुनिया में बेचने के लिए बातचित कर रही है और माना जा रहा है की इसमें चीन से अपना कारोबार समेटने की इच्छुक 24 कंपनियां अपने मोबाइल फोन उत्पादन का कारखाना भारत में लगाने की तैयारी कर रही हैं।
इन कंपनियों ने भारत में मोबाइल फोन की फैक्ट्री लगाने के लिए 1.5 अरब डॉलर (करीब 11,222 करोड़ रुपये) के निवेश का वादा किया है। चीन को कारोबारी झटका देने की भारत सरकार की कोशिश लगातार रंग लाती दिख रही है।ब्लूमबर्ग के अनुसार, सैमसंग और ऐपल जैसी दिग्गज कंपनियों के कई एसेंबली पार्टनर भारत आना चाहते हैं. इन कंपनियों ने भारत में मोबाइल फोन की फैक्ट्री लगाने के लिए 1.5 अरब डॉलर (करीब 11,222 करोड़ रुपये) के निवेश का वादा किया है.
इसके पहले चीन से अपना कारोबार समेटने जा रही कंपनियां वियतनाम, कंबोडिया, म्यांमार, बांग्लादेश और थाइलैंड की ओर भी रुख करने के बारे में सोच रही थीं, लेकिन भारत ने अब तत्परता दिखाते हुए इन कंपनियों को अपने यहां आने को प्रेरित किया है.