आज उत्तराखंड का एक और लाल जो गलवां घाटी में झड़प के दौरान घायल हुआ था उसका पार्थिव शरीर आज उनके घर पहुंच गया है। उत्तराखंड के घायल जवान हवलदार बिशन सिंह ने इलाज के दौरान ली अंतिम साँस । शहीद बिशन सिंह मूल रूप से पिथौरागढ़ जिले के मुनस्यारी में बंगापानी के रहने वाले थे। उनकी अभी उम्र 43 वर्ष थी। शहीद बिशन सिंह गलवां घाटी में चीनी सैनिकों के साथ हुई झड़प में घायल हुए थे।
कुछ दिन तक एमएच लेह में उनका इलाज चला था। इसके बाद वे दोबारा ड्यूटी पर चले गए थे। लेकिन दोबारा गलवां घाटी पहुंचने के बाद उनकी हालत फिर बिगड़ गई। उन्हें इलाज के लिए चंडीगड़ हॉस्पिटल में भर्ती कराया गया था। लेकिन इलाज के दौरान जवान की जान चली गई।
शहीद बिशन सिंह का पार्थिव शरीर रात में कामलुवागांजा में उनके भाई जगत सिंह के आवास पर पहुंचाया गया। दुखद की बात यह है की शहीद बिशन सिंह इसी साल 31 अगस्त 2020 को सेवानिवृत्त होने वाले थे। शहीद बिशन सिंह अपने पीछे पत्नी सती देवी और पुत्र मनोज जिनकी उम्र 19 वर्ष और पुत्री मनीषा जिनकी उम्र मात्र 16 वर्ष है उनको छोड़ गए हैं।