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राफेल से सुसज्जित भारतीय सेना से भयाक्रांत हैं चीन व पाक

चीन व पाक से तुरंत संबंध तोड़ कर अमेरिका के साथ चीन को सबक सिखाये भारत

देव सिंह रावत 

भारत की सुरक्षा में #राफेल लड़ाकू विमान के जुड़ने का हार्दिक स्वागत ।
राफेल युद्धक विमानों से सुसज्जित भारतीय सेना देेश की सुरक्षा में काफी कारगर साबित होगी ।राफेल के सम्मलित होने से भारतीय सेना का मनोबल काफी मजबूत हो गयी है ।वहीं चीन और पाकिस्तान भयाक्रांत हो चुके हैं। भारत केेे प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने भी राफेल का स्वागत करते हुए हुए  इसे राष्ट्र रक्षा यज्ञ बताया ।
अस्त्र शस्त्रों के साथ दिशावान नेतृत्व से ही देश की रक्षा होती है । भारतीय वायुसेना 1962 में भी चीन से अधिक मजबूत परंतु उनका सही समय पर सहयोग न किए जाने से भारत को खामियाजा उठाना पड़ा ।

अस्त्र-शस्त्र सुरक्षा देते हैं परंतु निर्णायक विजय नेतृत्व की सही निर्णय के कारण होती है। चीन और पाकिस्तान जैसे दुश्मनों के खिलाफ आज भारतीय नेतृत्व उनसे संबंध नहीं तोड़ पा रहा है ।उनको शत्रु राष्ट्र और आतंकी देश घोषित नहीं कर पा रहा है। दुनिया को हम यह नहीं बता रहे हैं कि चीन और पाकिस्तान में भारत की हजारों वर्ग किलोमीटर भाग पर बलात कब्जा कर रखा है ।हमें चीन और पाकिस्तान के खिलाफ देश की सुरक्षा के लिए जो भी निर्णय और वार्ता करनी होती है उसमें यह जमीन की वापसी की कहीं दिखाई नहीं देती। भारत जैसे स्वाभिमानी देश को चाहिए कि चीन और पाकिस्तान से तब तक कोई वार्ता और संबंध न रखा जाए ,जब तक यह दोनों हमारे भू भाग को वापस न कर दें ।इसलिए भारत सरकार से आशा की जाती है कि चीन और पाकिस्तान जैसे विश्वासघाती वह आतंकी देशों को सबक सिखाने के लिए परंपरागत युद्ध नीति को छोड़कर कठोर युद्ध नीति अपनानी चाहिए । इसके तहत इन दोनों सत्र राष्ट्रों को शत्रु राष्ट्र घोषित करके और आतंकी देश घोषित करके पूरे विश्व के समक्ष उनको बेनकाब करना चाहिए ।इनसे संबंध रखना भारत की अखंडता और सुरक्षा को खतरे में डालने के समान है। जिस प्रकार आक्रांता चीन ने भारत की मित्रता को रौंदते हुए लद्दाख में हमारे बीच हमारी सीमा में घुसपैठ करने के नापाक कृत्य किया । चीन से भारत की रक्षा के लिए हमारे 20 जांबाज सैनिकों ने अपनी शहादत दी। चीन और पाकिस्तान के नापाक गठबंधन को देखते हुए भारत को अपनी परंपरागत विदेश नीति में आमूल परिवर्तन करना होगा। चीन और पाकिस्तान जैसे शत्रु और आतंकी देशों के साथ हर प्रकार का संबंध तोड़ना होगा।पूरी दुनिया को उनका विकृत चेहरा सामने रखना होगा। भारत को वर्तमान समय में कोरोना महामारी के दंश से जूझते हुए चीन पर जो अमेरिका के नेतृत्व में शिकंजा कस रहा है उसका सदुपयोग उठाना चाहिए। चीन को ऐसा सबक सिखाना चाहिए कि न केवल चीन और पाकिस्तान द्वारा कब्जाये हुए भूभाग को वापस लेना चाहिए अपितु तिब्बत ताइवान व हांगकांग आदि चीन के शिकंजे से मुक्त कराने के लिए निर्णायक संघर्ष करना चाहिए। अगर अमेरिका और भारत ने यह अवसर गंवा दिया तो चीन आने वाले समय में पूरे विश्व की अमन-चैन विकास, शांति व लोकशाही पर ग्रहण लगा देगा।

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