केंद्रीय सड़क परिवहन एवं राजमार्ग और एमएसएमई मंत्री श्री गडकरी ने की चारधाम बारहमासी सड़क परियोजना{826 किलोमीटर की लंबाई वाली सभी 53 परियोजनाओं में 12000 करोड़ रुपये का निवेश} पर महत्वपूर्ण बैठक की अध्यक्षता
परियोजना के त्वरित कार्यान्वयन का मार्ग प्रशस्त करने के लिए भागीरथी पर्यावरण-संवेदी क्षेत्र के जोनल मास्टर प्लान को मंजूरी दी गई: प्रकाश जावड़ेकर
केंद्रीय सड़क परिवहन एवं राजमार्ग और एमएसएमई मंत्री नितिन गडकरी ने आज वीडियो कॉन्फ्रेंस के माध्यम से उत्तराखंड में ‘चारधाम सड़क परियोजना’ की समीक्षा की। केंद्रीय पर्यावरण, वन एवं जलवायु परिवर्तन, सूचना व प्रसारण, और भारी उद्योग व सार्वजनिक उद्यम मंत्री प्रकाश जावड़ेकर, उत्तराखंड के मुख्यमंत्री त्रिवेंद्र सिंह रावत, केंद्रीय सड़क परिवहन और राजमार्ग राज्य मंत्री जनरल (सेवानिवृत्त) वी के सिंह और राज्य के पर्यावरण व वन, पीडब्ल्यूडी मंत्रियों ने इस बैठक में भाग लिया। केंद्रीय सड़क परिवहन एवं राजमार्ग, पर्यावरण व वन सचिव, महानिदेशक, सड़क (सड़क परिवहन एवं राजमार्ग मंत्रालय), महानिदेशक (बीआरओ) और दोनों मंत्रालयों के वरिष्ठ अधिकारियों के साथ-साथ राज्य सरकार के अधिकारियों ने भी इस बैठक में भाग लिया।
केंद्रीय सड़क परिवहन एवं राजमार्ग और एमएसएमई मंत्री नितिन गडकरी ने आज वीडियो कॉन्फ्रेंस के माध्यम से उत्तराखंड में चारधाम सड़क परियोजना की समीक्षा की
श्री गडकरी ने सभी लंबित मुद्दों को शीघ्र सुलझाने और भूमि अधिग्रहण का कार्य जल्द से जल्द पूरा करने को कहा। उन्होंने विशेष जोर देते हुए कहा कि यह अत्यंत राष्ट्रीय महत्व की परियोजना है और सभी संबंधित व्यक्तियों को इसी दृष्टिकोण से इस पर काम करना चाहिए। उन्होंने उत्तराखंड के मुख्यमंत्री से अनुरोध किया कि वे राज्य सरकार के स्तर पर विशेषकर पर्यावरण, भूमि अधिग्रहण आदि से संबंधित लंबित मुद्दों की व्यक्तिगत रूप से समीक्षा करें एवं करीबी नजर रखें। उन्होंने इसमें जानबूझकर देरी किए जाने के खिलाफ आगाह किया।
इस अवसर पर केंद्रीय पर्यावरण मंत्री श्री जावड़ेकर ने उच्चाधिकार प्राप्त समिति की सिफारिशों के आधार पर सड़क परिवहन एवं राजमार्ग मंत्रालय द्वारा इस परियोजना के कार्यान्वयन पर विशेष जोर दिया। पर्यावरण मंत्री ने परियोजनाओं को जल्द पूरा करने के लिए मंत्रालय की ओर से सभी आवश्यक सहयोग देने का आश्वासन दिया।
श्री जावड़ेकर ने बताया कि उत्तराखंड सरकार द्वारा तैयार की गई और जल शक्ति मंत्रालय द्वारा आकलित की गई भागीरथी पर्यावरण-संवेदी क्षेत्र के लिए जोनल मास्टर प्लान (जेडएमपी), को 16 जुलाई, 2020 को मंजूरी दे दी गई है। जोनल मास्टर प्लान ऐतिहासिक दृष्टिकोण पर आधारित है और इसमें वन एवं वन्यजीव, जल-संभर के प्रबंधन, सिंचाई, ऊर्जा, पर्यटन, सार्वजनिक स्वास्थ्य और स्वच्छता, सड़क अवसंरचना, आदि के क्षेत्र में गवर्नेंस शामिल है।
केंद्रीय पर्यावरण, वन एवं जलवायु परिवर्तन, सूचना व प्रसारण, और भारी उद्योग व सार्वजनिक उद्यम मंत्री श्री प्रकाश जावड़ेकर आज वीडियो कॉन्फ्रेंस के माध्यम से उत्तराखंड में ‘चारधाम सड़क परियोजना’ पर समीक्षा बैठक को संबोधित करते हुए
यह भी निर्णय लिया गया कि पर्यावरण, वन और जलवायु परिवर्तन मंत्रालय के सचिव इस दिशा में कदम उठाते हुए सड़क परिवहन मंत्रालय और राज्य सरकार के विभागों के अधिकारियों के साथ पर्यावरण और वन संबंधी मंजूरी के लंबित मुद्दों की समीक्षा करेंगे।
उत्तराखंड के मुख्यमंत्री श्री रावत ने राज्य स्तर पर लंबित परियोजना से संबंधित सभी मुद्दों की व्यक्तिगत रूप से समीक्षा करने और उन्हें सुलझाने का आश्वासन दिया जिनमें भूमि अधिग्रहण से जुड़ा मुद्दा भी शामिल है। उन्होंने श्री गडकरी से अनुरोध किया कि वे उत्तराखंड की ग्रीष्मकालीन राजधानी गैरसैंण से राष्ट्रीय राजमार्ग कनेक्टिविटी के लिए राज्य सरकार के एक प्रस्ताव पर विचार करें। उन्होंने कहा कि इसके लिए डीपीआर तैयार की जा रही है। श्री गडकरी ने आश्वासन दिया कि उनके कार्यालय में इस प्रस्ताव के प्राप्त होते ही उस पर तेजी से विचार किया जाएगा।
चारधाम परियोजना में यमनोत्री, गंगोत्री, बद्रीनाथ और केदारनाथ को आपस में जोड़ने का प्रस्ताव है जो उत्तराखंड राज्य में चारधाम यात्रा की मेजबानी करते हैं। बारहमासी चारधाम सड़क में 826 किलोमीटर की लंबाई वाली सभी 53 परियोजनाओं में 12000 करोड़ रुपये का निवेश शामिल है।