दिल्ली के सभी 11 जिले लाल क्षेत्र में, सबसे अधिक 19 लाल क्षेत्र जनपद उप्र में, भारत कें 736 जिले।
उतराखण्ड के सभी पर्वतीय जनपद हरा क्षेत्र में
नई दिल्ली (प्याउ)। एक तरफ चीन से फैली कोरोना महामारी से पूरा विश्व त्रस्त है। इस महामारी की अभी तक कोई दवाई ढूंढने में विश्व के चिकित्सा वैज्ञानिक असफल रहे। इसलिए इस संक्रामक महामारी से बचने के लिए पूरा संसार में यातायात व उद्यम के साथ मेल मिलाप सहित सभी गतिविधियां ठप्प करके लोग अपने घरों में सहमें हुए हैे। कई दिनों से लगातार बंद होने के कारण पूरी अर्थव्यवस्था ठप्प सी पड़ गयी है। इसको देखते हुए पूरे संसार को उबारने के लिए एक रास्ता निकाला है कि जिन क्षेत्रों में कोरोना महामारी का भारी प्रकोप है वहां पर विशेष ध्यान देते हुए वहां पर पूरी गतिविधियों पर अंकुश लगाया जाय। वहीं दूसरी तरफ जहां कोरोना महामारी दस्तक तक नहीं दे पायी उन क्षेत्रों में सावधानी पूर्वक तालाबंदी को सशर्त खोला जाय।
भारत सरकार ने भी इसी दिशा में कदम उठाते हुए देश के सभी 736 जनपदों को तीन क्षेत्रों में बांटा है। इसके तहत जिन जनपदों में कोरोना महामारी निरंतर बढ़ रही है उनको सबसे प्रभावित लाल क्षेत्र में रखा जाय। वहीं जिन जनपदों में कोरोना का आंशिक प्रभाव है उन जनपदों को नारंगी क्षेत्र में रखा गया है। 1 मई को भारत में कोरोना महामारी से पीड़ितों की संख्या 35043 हो गयी है और कोरोना से मारे गये लोगों की संख्या अब 1154 हो गयी है। सरकार 3 मई से देश में कोरोना महामारी को देखते हुए पूर्ण तालाबंदी की जगत देश को कोरोना महामारी को देखते हुए 3 क्षेत्रों में बांट कर उनके लिए अलग अलग कानून बना रही है।
3 मई को देश से पूर्ण तालाबंदी के बाद 4 मई से देश में क्या व्यवस्था होगी उसके लिए केंद्रीय स्वास्थ्य मंत्रालय ने जिन जनपदों में कोरोना महामारी तेजी से अपना पांव पसार रही है उनको लाल क्षेत्र में रखा गया । वहीं नारंगी क्षेत्र में हरित क्षेत्र में उन जनपदों को रखा गया है जहां बीते 21 दिनों में एक भी नया मामला सामने नहीं आया ।हरित क्षेत्र का यह नियम पहले 28 दिन का था। वहीं पहले जिस कोरोना महामारी प्रभावित लाल क्षेत्र घोषित जनपद में 14 दिनों तक एक भी संक्रमित न होने पर उसे नारंगी क्षेत्र घोषित किया जाता था। ेवहीं अगर इस नारंगी क्षेत्र घोषित होने वाले जनपद में 14 दिनों तक एक भी नया संक्रमित न हो तो उस जनपद को हरित क्षेत्र घोषित किया जाता था।
अब सरकार ने इन नियमों में तब्दीली करते हुए अब यह अवधि 14 दिनों से बढ़ा कर 21 दिन की कर दी। इस आशय का नये मानकों वाला मार्गदर्शन पत्र प्रदेशों के मुख्य सचिवों को प्रेषित किया है। देश में अभी 130 जिले लाल क्षेत्र , 284 जनपद नारंगी क्षेत्र व 319 जनपद हरित क्षेत्र में रखे गये है।
इसके अनुसार दिल्ली देश का एकमात्र राज्य है जिसके सभी जिले लाल क्षेत्र में रखे गये है। वहीं देश में सबसे अधिक 19जनपद उप्र के है।
सबसे अधिक लाल क्षेत्र वाले जनपद उप्र में घोषित किये गये है।
उतराखण्ड का एकमात्र लाल क्षेत्र जनपद हरिद्वार, देहरादून व नैनीताल जनपद नारंगी और पूरे पर्वतीय जनपद चमोली, रूद्रप्रयाग, उतरकाशी, पौड़ी, टिहरी, पिथौरागढ़,बागेश्वर, चम्पावत, अल्मोड़ा व उधम सिंह जनपद हरा क्षेत्र में घोषित किया गया।
लाल क्षेत्र -उप्र के 19, महाराष्ट्र-14, दिल्ली के 11ं, बंगाल 10, गुजरात व मप्र-9- 9,राजस्थान -8, तेलंगाना-6, आंध्र के 5, बिहार के 5, जम्मू कश्मीर के 4, कर्नाटक-3, हरियाणा व केरल-2-2, तथा झारखण्ड, उतराखण्ड, अंडमांन निकोबार, चंडीगढ़, छत्तीसगढ़ के 1-1 जनपद सम्मलित हैं।
नारंगी क्षेत्र- उप्र के 36, बिहार -20,मप्र-19,गुजरात-19,तेलंगाना व हरियाणा-18-18,महाराष्ट्र -16, कर्नाटक-13,जम्मू कश्मीर -12, झारखण्ड-14, केरल-10,राजस्थान -8, आंध्र -7, हिमाचल-6, बंगाल -5, असम-3, उतराखण्ड-2, लद्दाख-2, मेघालय-1, छत्तीसगढ़ -1 जनपद सम्मलित हैं।
हरा क्षेत्र- असम-30,छत्तीसगढ-25, मप्र-24, उप्र के 20, राजस्थान-16, मणिपुर-16, महाराष्ट्र -16, कर्नाटक-14,झारखण्ड-14,बिहार -13, जम्मू कश्मीर -12, मिजोरम-11, नागालैण्ड-11,उतराखण्ड-10,तेलंगाना -9,राजस्थान -8, हिमाचल-6, बंगाल -5, गुजरात-5, अंडमान-निकोबार -2,हरियाणा-2, केरल-2, गोवा-2 दमन और दीव -2, दादर-नागर हेवेली-1, आंध्र -1,जनपद सम्मलित हैं।