वरिष्ठ पत्रकार,उतराखण्ड राज्य आंदोलन के वरिष्ठ आंदोलनकारी व जनसरोकारों के समर्पित 64 वर्षीय योद्धा पुरूषोत्तम असनोड़ा का 15 अप्रैल की सांय 4 बजे ऋषिकेश स्थित अखिल भारतीय आयुर्विज्ञान संस्थान में निधन होने से पूरे उतराखण्ड में शोक छा गया। उतराखण्ड की जनांकांक्षाओं की राजधानी गैरसैंण के निवासी 64 वर्षीय पुरुषोत्तम असनोड़ाको ह्रदयाघात के कारण उन्हें तीन दिन पहले गैरसैण से हवाई एम्बुलेंस से ऋषिकेश एम्स में लाया गया था। वहां पहले दिन उनकी हालत में सुधार हुआ पर उपचार के तीसरे वे इस संसार से अलविदा कह गये।
डा शमशेर बिष्ट के नेतृत्व में उत्तराखंड संघष वाहिनी से जुड़ कर उन्होने नशा नहीं रोजगार दो आंदोलन, उतराखण्ड राज्य गठन जनांदोलन व राजधानी गैरसैं्रण आंदोलन सहित उतराखण्ड के जनसरोकारों के तमाम आंदोलनों के समर्पित पुरोधा रहे। उतराखण्ड में गैरसैंण के निवासी होनेे के कारण गैरसैंण आंदोलन सहित हर आंदोलन में उनकी दुकान व आवास में आंदोलनकारियों का जमवाडा ही लगा रहता था। वे सामाजिक सरोकारों के समर्पित आंदोलनकारी, चिंतक के साथ समर्पित पत्रकार, साहित्यकार के साथ जन सरोकारों के लिए समर्पित पत्रिका रीजनल रिपोर्टर के कुशल सम्पादक भी रहे।
असनोडा जी के निधन पर श्रद्धांजलि देते हुए प्यारा उतराखण्ड के सम्पादक देवसिंह रावत ने अपनी भावभीनी श्रद्धांजलि अर्पित करते हुए इसे उतराखण्ड के लिए गहरी क्षति बताया।श्री रावत ने कहा कि कल सांयकाल जब उन्होने यह खबर फेसबुक आदि में यह खबर पढ़ी तो उन्है विश्वास नहीं हुआ। परसों ही उनके स्वस्थ होने की खबर आयी थी। श्री रावत ने कहा कि होनी को कोन टाल सकता है। श्री रावत ने कहा कि वे जब भी आंदोलन आदि के लिए गैरसैंण जाते थे तो हमेशा पुरषोत्तम असनोडा से उनकी अवश्य भेंट होती थी। राज्य आंदोलनकारियों के चयन पर भी दिवंगत असनोडा जी ने गैरसैंण के आंदोलनकारी अशोक लाल शाह के वंचित रहने पर मुझे दूरभाष पर बात की थी। दुखद है हमारे तमाम प्रयासों के बाबजूद प्रदेश के जनविरोधी शासकों ने आज भी अशोक लाल शाह जैसे आंदोलनकारियों को चयनित न करके पुरूषोत्तम असनोडा सहित तमाम आंदोलनकारियों की भावनाओं को रौंदने की धृष्ठता की है। प्यारा उतराखण्ड के संपादक देवसिंह रावत ने समर्पित संपादक पुरूषोत्तम असनोड़ा के निधन पर उनकी विवाहित पुत्री गंगा असनोडा सहित शोकाकुल परिजनों को अपनी संवेदना प्रकट की। दिवंगत असनोडा के निधन पर उतराखण्ड आंदोलन के तमाम आंदोलनकारियों, पत्रकारों व समाजसेवियों के साथ उतराखण्ड के तमाम के सभी राजनेताओं ने अपनी भावभीनी श्रद्धांजलि प्रदान की।