मजबूत राष्ट्रीय संकल्प के सामने कोरोना जैसी महामारी भी अपने घुटने टेक देगी:विहिप
नई दिल्ली, 23 मार्च , 2020
विनोद बंसल
विश्व हिंदू परिषद (विहिप) कार्याध्यक्ष एडवोकेट आलोक कुमार ने कहा है कि सभी जाति-विरादरी व मत-पंथों से ऊपर उठ कर लिया गया यह राष्ट्रीय संकल्प अद्वितीय व अभिनंदनीय है। इसी प्रकार के संकल्प हर चुनौती का सामना करने में सहायक होते हैं। हमारा पूरा विश्वास है कि इस मजबूत राष्ट्रीय संकल्प के सामने कोरोना जैसी महामारी भी अपने घुटने टेक देगी। हमें अब यह सुनिश्चित करना है कि संकट की इस घडी में देश का कोई नागरिक भूखा ना सोए। विहिप के कार्याध्यक्ष एडवोकेट आलोक कुमार ने कहा है कि सम्पूर्ण भारत कोरोना से युद्ध लड़ रहा है जनता कर्फ्यू को सम्पूर्ण देश ने मिलकर सफल बनाया है। कल सायं 5 बजे जैसे ही पूरे देश ने ताली, थाली, घण्टी, शंख-नाद इत्यादि माध्यमों से जिस प्रकार, चिकित्सा तथा एवम् अनिवार्य आवश्यक सेवा प्रदाताओं के प्रति कृतज्ञता ज्ञापित की है, उससे सम्पूर्ण देश का संकल्प प्रकट हो गया।
उन्होंने कहा कि देश के अनेक राज्यों में 31 मार्च तक लॉक-डाउन की घोषणा की गई है। व्यापार, कारखाने, स्कूल, कॉलेज व सार्वजनिक परिवहन बन्द रहेंगे। इस लॉक-डाउन से दिहाड़ी मजदूर, रेहड़ी, रिक्शाचालक, कुली इत्यादि लोग जो रोज कुआं खोदकर पानी पीते हैं, के बड़ी कठिनाई में फंसने की सम्भावना है। आय बन्द होने से उनके परिवारों में बड़ा आर्थिक संकट खड़ा हो सकता है। अतः संघर्ष की इस वेला में कोई एक भी व्यक्ति भूखा न सोये, इसे सुनिश्चित करने की जिम्मेदारी देश के सभी सक्षम नागरिकों की है।
विश्व हिंदू परिषद इन सभी सक्षम नागरिकों से आव्हान करती है कि वे अपने-अपने मोहल्ले, गाँव व शहरों में यह सुनिश्चित करें कि वहां के प्रत्येक व्यक्ति को दो समय की रोटी पेट भरने के लिए मिलती रहे। इस पवित्र कार्य में अपने क्षेत्र के धर्म स्थलों यथा मठ-मंदिरों, गुरुद्वारों, जैन स्थानकों, बौद्ध विहारों इत्यादि धार्मिक स्थलों, रेजीडेंट वेलफेयर एसोसिएशनों, व्यापार मंडलों, पंचायत समितियों इत्यादि की सहायता भी ली जा सकती है।
एक प्रेस वक्तव्य के माध्यम से आलोक कुमार ने यह भी कहा कि विहिप कार्यकर्ता समाज के सभी अंगों का साथ लेकर इस पुण्य कार्य को सम्पन्न करते हुए प्रशासनिक निर्देशों के पालन का ध्यान अवश्य रखें। सबको यह अवश्य ध्यान रखना चाहिए कि हम प्रशासन के कार्यों में सहायक बनें, ना कि बाधक।