मुख्यमंत्री ने अपने 3 साल के कार्यकाल को बताया सफल
वहीं राज्य आंदोलनकारियों ने इसको बताया कि असफल
उत्तराखंड सूचना केंद्र व प्याउ द्वारा
जहां उत्तराखंड के मुख्यमंत्री अपने 3 साल के कार्यकाल पूरे होने पर सफल कार्यकाल बताकर अपने कामों का देहरादून में ढोल बजा रहे थे ।वहीं दूसरी तरफ उत्तराखंड राज्य गठन के समर्पित आंदोलनकारी व जागरूक लोग मुख्यमंत्री के 3 साल के कार्यकाल को पूर्व मुख्यमंत्रियों की तरह ही असफल उत्तराखंड की जन आकांक्षाओं पर बज्रपात करने वाले बता रहे थे।
आंदोलनकारियों का दो टूक कहना है कि उतराखण्ड में राजधानी गैरसैंण बनाने, मुजफरनगर काण्ड-94 के गुनाहगारों को सजा देने, जनसंख्या पर आधारित विधानसभा परिसीमन को रद्द करने, भू कानून लागू करने आदि जनांकांक्षाओं को साकार करने के बजाय प्रदेश के अब तक के मुख्यमंत्रियों की तरह ही अपनी अक्षमताओं व पदलोलुपता के कारण शराब, भ्रष्टाचारियों, घुसपेटियों व अपराधियों का अभ्यारण सा बना गये।
18 मार्च को देहरादून में मुख्यमंत्री त्रिवेन्द्र सिंह रावत ने राज्य सरकार के कार्यकाल के तीन वर्ष पूर्ण होने पर सूचना एवं लोक सम्पर्क विभाग द्वारा प्रकाशित पुस्तिका ‘‘विकास के तीन साल: बातें कम, काम ज्यादा’’ का विमोचन किया। इस अवसर पर केबिनेट मंत्री मदन कौशिक, जिला पंचायत अध्यक्ष श्रीमती मधु चौहान, देहरादून मेयर सुनील उनियाल गामा, विधायक हरबंस कपूर, गणेश जोशी, मुन्ना सिंह चौहान, खजानदास, महानिदेशक सूचना डा.मेहरबान सिंह बिष्ट सहित अन्य गणमान्य उपस्थित थे।
मुख्यमंत्री ने सरकार को सहयोग देने के लिए प्रदेशवासियों का आभार व्यक्त किया। उन्होंने कहा कि सरकार जनता की अपेक्षाओं पर खरा उतरने का पूरा प्रयास कर रही है। तीन वर्ष के दौरान अनेक बड़े निर्णय लिए गए। 4 मार्च को गैरसैण को ग्रीष्मकालीन राजधानी की घोषणा की गई। यह हमारे दृष्टि पत्र में भी था। हमने जनता से किया गया वायदा पूरा किया। प्रदेश की जनता ने भी इसके पक्ष में अपनी भावनाएं व्यक्त कीं। हमारा दूसरा बड़ा निर्णय चारधाम देवस्थानम बोर्ड का गठन था। अब चारधाम यात्रा इसके तहत की जाएंगी।
हमने जनता से सुशासन और भ्रष्टाचारमुक्त शासन का वायदा किया था। हमने इसके लिए कड़े कदम उठाए, भ्रष्टाचार पर तीखा प्रहार किया। साबित किया कि सरकार ईमानदारी से भी चल सकती है। पारदर्शी शासन के लिए ई-आफिस, सीएम हेल्पलाईन, सीएम डैशबोर्ड की व्यवस्था की है।
तीन साल में एक बड़ा निर्णय अटल आयुष्मान योजना शुरू करना रहा है। इसमें प्रदेश के सभी लोगों को शामिल किया। रैफर के प्रावधान को हटाया गया है। प्रदेश में पहली बार इन्वेस्टर्स समिट की गई। 1 लाख 24 हजार करोड़ के एमओयू किए गए। इनमें से 21 हजार करोड़ से अधिक का निवेश ग्राउन्ड हो चुका है। मुख्यमंत्री ने कहा कि सरकार ने बहुत से निर्णय लिए, जहां सुधार की गुंजाईश होती है, वहां सुधार भी किए जाते हैं।
आॅल वेदर रोड़, ऋषिकेश-कर्णप्रयाग रेल प्रोजेक्ट, एनएच, भारतमाला, टिहरी बांध, शहरी विकास, एयर कनेक्टीवीटी, जमरानी, सौंग, मसूरी पेयजल योजना आदि के रूप में डबल इंजन का प्रभाव देखा जा सकता है। केंद्र से 94 हजार करोड़ रूपए से अधिक के प्रोजेक्टों की स्वीकृति ली गई। पलायन को रोकने के लिए नहीं बल्कि रिवर्स पलायन के लिए ग्राम्य विकास और पलायन आयोग का गठन किया गया। उसने विस्तृत अध्ययन के बाद अपनी रिपोर्ट दी। 13 डिस्ट्रिक्ट-13 डेस्टीनेशन, होम स्टे से स्थानीय लोेगों की आजीविका के लिए अवसर उत्पन्न हो रहे हैं। ग्रोथ सेंटर, ग्रामीण अर्थव्यवस्था को मजबूत कर रहे हैं। हम ग्रीन एनर्जी की ओर बढ़ रहे हैं। सोलर और पिरूल एनर्जी नीति पर्वतीय क्षेत्र में काफी फायदेमंद होंगी। प्रदेश में एयर कनेक्टीवीटी का भी विस्तार हुआ है। देहरादून, देश के प्रमुख शहरों से जुड़ चुका है। चिन्यालीसौड़, गौचर भी हवाई सेवा से जुड़ चुके हैं। उड़ान के अंतर्गत हेली सेवा शुरू करने वाला उत्तराखण्ड पहला राज्य है। आर्गेनिक खेती में भी बड़ी पहल की गई है। साहसिक पर्यटन के लिए अलग से विभाग बनाया जा रहा है। साहसिक पर्यटन हमारे युवाओं को रोजगार उपलब्ध कराने में महत्वपूर्ण क्षेत्र होगा।
मुख्यमंत्री ने कहा कि आगे भी हम अपने विकास के एजेंडे पर आगे बढ़ते रहेंगे। सभी डिग्री काॅलेजों, आंगनबाड़ी केंद्रों को भवन और स्कूलों में फर्नीचर उपलब्ध करवाया जाएगा। कनेक्टीवीटी के लिए जहां भी पुलों की आवश्यकता होगी, बनाए जाएंगे। बालिका अनुपात में काफी सुधार आया है, इस पर और ध्यान दिया जाएगा।