भारतद्रोहियों ने दंगे की भट्टी में दहलायी उतर पूर्वी दिल्ली
नीरो बने रहे सत्तांध हुक्मरान तो दिल्ली सहित पूरे भारत की स्थिति होगी सीरिया से बदतर
कश्मीर, बंगाल, बिहार, असम, पूर्वोतर,पंजाब, झारखण्ड, आंध्र, तेलांगना, छत्तीसगढ़, उप्र, महाराष्ट्र, तमिलनाडू, उडिसा, उप्र, दिल्ली व हरियाणा सहित पूरे देश में घर घर तलाशी कर आतंकियों, अपराधियों व नक्सलियों ने बनाया हुआ है भारत को सीरिया की तरह बर्बाद करने वाले गोला बारूद विस्फोटकों का जखीरा
-देवसिंह रावत
अगर देश के सत्तांध हुक्मरान, शीघ्र जागे नहीं और नीरो बने रहे तो भारत की स्थिति सीरिया से बदतर होगी। इस सप्ताह दिल्ली में हुए भीषण दंगों के बाद मुझे पुन्न यह लिखने के लिए फिर बार बार विवश हॅू। 23 से 25 फरवरी 2020 को पूर्वी दिल्ली में करावल नगर, जाफराबाद, मौजपुर, खजूरी खास,कर्दमपुरी,घौंडा, मुस्तफाबाद,सुदामापुरी, ब्रह्मपुरी, शिवविहार, गोकुलपुरी,भजनपुरा, सीलमपुर, चांदबाग आदि स्थानों पर हुए भीषण दंगे में एक खुफिया ब्यूरो साहयक अंकित शर्मा व दिल्ली पुलिस के सिपाई रतन लाल तीन दर्जन से अधिक लोग मारे गये। उतर पूर्वी दिल्ली के पुलिस उपायुक्त अमित शर्मा सहित 200 से अधिक घायल हो गये। वहीं विद्यालय, पेट्रोल पंप, सैकडों वाहन सहित अरबों खरबों मूल्य की दुकाने, घर व संपतियां जलाई गयी व लूटी गयी। हजारों लोग बेरोजगार व तबाह हो गये। यह दंगे अमेरिका के राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रम्प के दो दिवसीय भारत दौरे पर आने पर एक सोची समझी रणनीति के तहत किया गया। यह पूरी तरह से पूर्व नियोजित रहा। यह भी देश में भारत के विभाजन कर बीस लाख निर्दोष भारतीयों के कत्लेआम के गुनाहगार पाकिस्तानी मुस्लमानों को भारत की नागरिकता न दिये जाने के खिलाफ बेवजह विवाद खडा करके जहां देश के हितों पर कुठाराघात किया गया। वहीं संसार में सबसे सुरक्षित मुस्लिमों में एक भारतीय मुस्लिमों को गुमराह करके उनको जबरन सड़क जाम करने के लिए उकसा कर देश का अमन चैन पर ग्रहण लगाया गया। इसी के तहत शाहीन बाग में पिछले दो माह से निरंतर सडक पर धरना देकर करोड़ों लोगों का जीना दुश्वार किया जा रहा है। वहीं इसी सप्ताह जबरन जाफराबाद में भी सडक घेर कर नागरिकता कानून के विरोध में लोगों का रास्ता बंद करके लाखों लोगों का रास्ता रोक कर यहां भी शाहीन बाग बनाने का जब षडयंत्र किया गया। जब लोगों ने इसका विरोध किया तो उन पर पथराव किया गया। यही नहीं उनको धमकाने के लिए अनैक नेता उतरते है। इन दंगों का भीषण सच जब उजागर हुआ तो इसमें गोलियां, पेट्रोल पंप,मकान, दुकान, विद्यालय के साथ सैकडों वाहनों को तबाह कर दिया। हजारों लोगों की जिंदगियों पर ग्रहण लग गया। कैसे संगठित ढंग से दिल्ली को दंगों की भट्टी में झोंका गया। यह मात्र दिल्ली की स्थिति नहीं है अपितु पूरे देश की स्थिति ही ऐसी है। यहां पर धर्म व जाति के नाम पर संवेदनशील शहरों व कस्बों में जब तक घर घर तलाशी लेकर भारत को तबाह करने वाले हथियारों के जखीरों को तबाह करने के साथ तमाम अपराधियों व देशद्रोहियों पर अंकुश लगाने से ही भारत सुरक्षित होगा। पूरा देश ही नहीं दुनिया स्तब्ध है कि कैसे देश की सबसे अधिक सुरक्षित राजधानी दिल्ली में तीन दिन तक आतंकियों व दंगाईयों ने दिल्ली को दंगे ही भट्टी में झौंक दिया। जो लोग इसे केवल नागरिकता कानून या मोदी सरकार के कारण ये जघन्य काण्ड होना समझते हैं वे नादान है। यह भारत को तबाह करने का आतंकी पाकिस्तान सहित विदेशी ताकतों का एक बहुत ही धृणित षडयंत्र का एक हिस्सा है। देश के अधिकांश राजनैतिक दलों में अंध सत्तालोलुपता के कारण पूरे देश को भारत द्रोहियों नेे शिकंजे में बुरी तरह से जकड़ दिया है। देश के अधिकांश राजनैतिक दलों ने सत्ता के लिए इनके षडयंत्रों को एक प्रकार से अंध तुष्टिकरण से शर्मनाक व देशघाती संरक्षण दिया। इसी कारण अब मोदी सरकार द्वारा शिकंजा कसने की आशंका से ही ये तमाम तत्व एकजूट हो कर नागरिकता कानून का विरोध के नाम पर देश के अमन चैन व शांति पर ग्रहण लगाते हुए सडकों को जाम करके लोगों का जीना हराम कर रहे हैं। इसलिए देश के लोगों को इस षडयंत्र को समझना होगा कि ये कभी जनेविवि के नाम पर कभी कश्मीर के नाम पर व अब नागरिकता कानून के नाम पर सरकार के खिलाफ सडकों पर उतर कर देश की छवि खराब करते। ये तत्व हर हाल में भारत के खिलाफ जहर ही उगलेंगे। इसलिए ऐसे तत्वों पर मजबूती से जमीदोज करना चाहिए।
नागरिकता संशोधन कानून के बाद दिल्ली में भड़की हिंसा और आईबी अफसर अंकित शर्मा की हत्या के आरोप में आम आदमी पार्टी (आप) के निगम पार्षद का नाम सामने आ रहा है। क्षेत्र के लोगों व मारे गये खुफिया अधिकारी के परिजनों ने साफ आरोप लगाया कि दिल्ली हिंसा और अंकित शर्मा की मौत के पीछे आम आदमी पार्टी के निगम पार्षद मोहम्मद ताहिर हुसैन का हाथ है। मारे गए अंकित शर्मा के भाई ने पूर्वी दिल्ली के नेहरू विहार से आम आदमी पार्टी के पार्षद मोहम्मद ताहिर हुसैन और उनके समर्थकों पर हत्या का आरोप लगाया । उल्लेखनीय है कि नागरिकता संशोधन कानून को लेकर उतर पूर्वी दिल्ली के इलाकों में हुई हिंसा में तीन दर्जन से अधिक लोगों की मौत हो चुकी है। मोहम्मद ताहिर हुसैन आम आदमी पार्टी के निगम पार्षद हैं। ताहिर हुसैन उत्तर पूर्वी दिल्ली लोकसभा क्षेत्र में आने वाले वार्ड संख्या 59 नेहरू विहार से निगम पार्षद हैं।वह चांद बाग में ही रहता है। उसके पांच मंजीले मकान में सैकडों लोग पत्थर, पेट्रोल बम, आगजन व मारपीट करते हुए देखे गये। ऐसे कई विडियों सामने आये। पुलिस ने ताहिर हुसैन की दुकान, कारखाना व मकान सब जब्त कर ली।
उसके घर से मिले हथियारों के जखीरे से साफ हो गया कि यह दंगे पूर्व नियोजित है। देश में सरजीत इमाम, औवीसी,वारिस आदि सैकडों ऐसे लोग हैं जो मुस्लिमों को गुमराह करके जीना दुश्वार करके देश के अमन चैन पर ग्रहण लगा रहे है। अगर ऐसे तत्वों पर तुरंत अंकुश नहीं लगाया तो पूरा देश दिल्ली की तरह तबाह हो जायेगा। लोग हैरान है कि दंगाई तीन दिन तक दिल्ली जलाते रहे और सरकार नीरो बन कर तमाशबीन रही। पुलिस प्रशासन तीन दिन बाद जागा। तब तक कितनी तबाही हो चूकी थी। इसके घाव लोगों के जेहन में बने रहेंगे।
मैने यह एक साल पहले प्यारा उतराखण्ड दोहराया जब 26 दिसम्बर को भारत को तबाह करने के नापाक षडयंत्र में लगे एक आतंकी गिरोह को राष्ट्रीय जांच एजेन्सी द्वारा दबोचे जाने की खबर पर यह टिप्पणी दोहराई। उल्लेखनीय है कि 26 दिसम्बर को राष्ट्रीय जांच एजेन्सी की छापेमारी ने दिल्ली पुलिस की स्पेशल सेल और उत्तर प्रदेश पुलिस की टास्क फोर्स के साथ मिलकर तडके एक साथ दिल्ली, अमरोहा, मेरठ व लखनऊ सहित 17 जगहों पर छापे मारे। छापे की इस कार्रवाई में करीब 150 अधिकारी शामिल थे। राष्ट्रीय जांच एजेन्सी के प्रवक्ता आलोक मित्तल ने दोहपर को प्रेस वार्ता में बताया कि बताया कि छापेमारी के बाद 16 लोगों से पूछताछ की गई, जिसके बाद 10 संदिग्धों को गिरफ्तार किया गया। पांच को दिल्ली और पांच को यूपी से गिरफ्तार किया गया है। गिरफ्तार किए गए लोगों की उम्र 20-30 साल के बीच है। एक महिला को भी हिरासत में लिया गया है, उससे पूछताछ के बाद ही स्थिति साफ होगी। प्रवक्ता आलोक मित्तल ने बताया कि 10 संदिग्ध आतंकियों को गिरफ्तार किया गया है। छह अन्य लोगों को भी हिरासत में लेकर पूछताछ की जा रही है।
देश की राजधानी दिल्ली के जाफराबाद और सीलमपुर में छह स्थानों पर छापेमारी की गई। उत्तरप्रदेश के 11 स्थानों पर छापा मारा गया। इनमें से छह स्थान अमरोहा में, दो लखनऊ, दो हापुड़ और एक स्थान मेरठ का है। पांच लोगों को अमरोहा जिले से जबकि पांच संदिग्धों को दिल्ली से गिरफ्तार किया गया। ..
राष्ट्रीय सुरक्षा ऐजेन्सी के प्रवक्ता ने खुलाशा किया कि गिरफ्तार सभी भष्मासुर आतंकी संगठन इस्लामी इस्टेट के बगदादी के सपनों को भारत में उतारने के नापाक मिशन में जुडे ‘हरकत-उल-हर्ब-ए-इस्लाम’ से जुड़े थे। इसका निशाना संघ मुख्यालय व दिल्ली पुलिस मुख्यालय पर आत्मघाती हमला करने के साथ साथ देश की प्रमुख नेताओं, प्रतिष्ठित लोगों, सुरक्षा प्रतिष्ठानों और दिल्ली सहित देश के बड़े बाजारों में आतंकी हमला करना था।
इन आतंकियों से जब्त किये गये गोला बारूद में 112 अलार्म घड़ी, 150 राउंड गोला-बारूद, 12 पिस्टल, करीब 25 किलोग्राम बम बनाने की सामग्री , पोटैशियम नाइट्रेट, पोटैशियम क्लोरेट, सल्फर बरामद हुआ। कुछ स्टील पाइप भी मिले हैं, जिसका पाइप बम बनाने में प्रयोग होता है। यही नहीं इनके पास देश में ही बना रॉकेट लांचर भी बरामद हुआ है। ऐसी जानकारी मिली है कि अपने घर से चोरी किये गये सोने की विक्री से मिले रूपयों से ही ये विस्फोटकों को जोड रहे थे।
इन सभी भष्मासुरों की उम्र 20-30 की है। इस आतंकी संगठन को विदेश से कोई रहस्यमय व्यक्ति संचालित करता है। जिसका नाम अभी तक सुरक्षा ऐजेन्सियां इनसे नहीं उगला पायी।
भारत में इस आतंकी गिरोह का प्रमुख अमरोहा का मुफ्ती सुहेल है जो दिल्ली के जफराबाद में रहता है। गिरफ्तार आतंकियों में एक आतंकी नोयडा में अध्यन कर रहा सिविल इंजीनियरिंग का एक छात्र व दूसरा दिल्ली विश्वविद्यालय का बीए में अध्यन कर रहा छात्र भी है। भारतीय मुक्ति सेना के प्रमुख देवसिंह रावत कहा कि ऐसा नहीं कि देश में पहली बार किसी आतंकी संगठन को दबोचा गया हो। इससे पहले भी कश्मीर से लेकर भारत के विभिन्न शहरों में अनैकों आतंकी संगठनों व आतंकियों को गिरफ्तार किया जा चूका है। ऐसा भी नहीं कि भारत को तबाह करने का अतंरराष्ट्रीय षडयंत्र पहली बार हो रहा हो। इससे पहले अमेरिका पाक के साथ मिल कर देश को तबाह करने में पंजाब, कश्मीर सहित पूर्वोतर में आतंकी कार्यवाहियों को हवा देता रहा। परन्तु अफगानिस्तान में मिली असफलता व चीन का प्रादुर्भाव बढने के बाद अमेरिका ने भारत से मित्रता की पींगे बढायी और पाकिस्तान से दूरियां बढायी। पाक ने अमेरिका की इस बदली नीति को भांप कर चीन के साथ गठबंधन कर भारत को तबाह करने का नापाक मिशन जारी रखा है। पाकिस्तान ने न केवल भारत की संसद, वायु सेना अड्डो, मुम्बई सहित अनैक शहरों में आतंकी हमले किये अपितु देश में अपने गूर्गो का जाल सा बिछा दिया है। इसके साथ उसने अपराधियों व आतंकियों से गठजोड कर भारत के खिलाफ न केवल देशव्यापी अपितु विदेशों में भी जाल बिछा दिया है। वहां उसने भारत में बग्लादेशी घुसपेटियों के साथ मिल कर बंगाल, असम ही नहीं पूरे देश में अपने अड्डे बना लिये है। वहीं वह चीन के सहयोग से देश के अनैक राज्यों में नक्सलियों के बीच में अपना प्रभाव बना दिया है। एक प्रकार देश देश भर में जाति, धर्म, क्षेत्र के नाम पर नफरत फैलाकर देश में अलगाववादी प्रवृति को हवा दे रहा है। परन्तु देश के हुक्मरान(राजनैतिक दल व नौकरशाही) अपने निहित स्वार्थ के लिए जाति, धर्म,क्षेत्र व दलीय स्वार्थ में अंधे हो कर देश के हितों व अखण्डता की रक्षा करने के अपने प्रथम संवेधानिक दायित्व का निर्वहन करते हुए तत्काल आतंकीस्तान पाकिस्तान को शत्रु राष्ट्र घोषित करके उससे सभी सम्बंध तोड़कर करारा सबक सिखाना चाहिय था। परन्तु देश का दुर्भाग्य है कि जिस पाकिस्तान के आतंकी हमले व सीधे हमले में हर दिन हमारे जांबाज सैनिक शहीद हो रहे हैं, उस आतंकी देश पाक को दुश्मन को मुंहतोड़ जवाब देने के बजाय उसे सबसे मित्र राष्ट्र का दर्जा दे रखा है। भारत के हुक्मरानों के इस आत्मघाती प्रवृति से प्रोत्साहित हो कर पाकिस्तान, भारत को बर्बाद करने के अपने नापाक मिशन को और अधिक खौपनाक बनाने में जुट गया है।
ऐसा भी नहीं है कि भारत को इस्लामिक देश बनाने व भारत को आतंकी हमलों से तबाह करने के लिए केवल पाकिस्तान ही जुटा हुआ है। पर यह भी सच है कि पाकिस्तान ही भारत में आतंकी गतिविधियों का सबसे बडा स्रोत है। पाकिस्तान के अलावा चीन व खाडी देशों के साथ पश्चिमी देशों में भी भारत विरोधी तत्वों को पोषण व संरक्षण देने वाले तत्व है। ऐसे खौपनाक षडयंत्र को विफल करने व इसका समूल नाश करने में पक्ष विपक्ष को एकजूट होने के बजाय जाति,क्षेत्र,धर्म व भ्रष्टाचार का कार्ड खेल कर देश को कमजोर करने में बेशर्मी से लगे है। भारतीय मुक्ति सेना के प्रमुख देवसिंह रावत ने जोर देकर कहा कि अगर देश के हुक्मरान जागे नहीं तो भारत कीि स्थिति सीरिया से भी बदतर हो जायेगी। इसके लिए देश को अपनी अंध सत्तालोलुपता के लिए बर्बाद कर रहे हुक्मरान ही जिम्मेदार होंगे।