हल्द्वानी में लालटेन पदयात्रा में एक दूसरे को फूटी आंख न देखने वाले कांग्रेसी नेता हरीश रावत इंदिरा, प्रीतम व किशोर हुए एकजूट पर सन् 2022 के चुनावी समर तक एकजूट रह पाते हैं या नहीं
हल्द्वानी(प्याउ)। भले ही आज जमाना बिजली की चकाचैंध से रोशन हो परन्तु उतराखण्ड की कांग्रेस पार्टी बिहार के लालू यादव की राष्ट्रीय जनता दल की तरह ही उतराखण्ड में भी लालटेन के सहारे सत्ता पर काबिज होना चाह रही है। आपके मन में भी प्रश्न उठ रहा होगा कि कांग्रेस का चुनाव चिन्ह तो हाथ है तो उसको लालटेन से मोह केसे हो गया। उतराखण्ड कांग्रेस का भले ही चुनाव चिन्ह पंजा हो परन्तु वह लालटेन के सहारे 2022 में होने वाले उतराखण्ड विधानसभा चुनाव में सत्तासीन होने के लिए कांग्रेस ने अभी से कमर कस ली है। इसका शुभारंभ 26 फरवरी को उतराखण्ड के हल्द्वानी में प्रदेश की सत्ता से भाजपा को उखाडने के लिए 2 किमी की लालटेन यात्रा का आयोजन किया। इस लालटेन यात्रा में उतराखण्ड कांग्रेस के सभी दिग्गज एकजूट थे। हल्द्वानी के एम वी इंटर कालेज के मैदान में कांग्रेस द्वारा आयोजित लालटेन यात्रा में प्रदेश के वे तमाम दिग्गज नेता एक साथ मंचासीन हो कर एक दूसरे के कसीदे पढ़ कर प्रदेश भाजपा के कुशासन पर निशाना साध रहे थे। जो कल तक एक दूसरे का नाम तक सुनना पसंद कर रहे थे। प्रदेश प्रभारी अनुग्रह नारायण की उपस्थिति में हल्द्वानी में हुई इस लालटेन यात्रा की संयोजिका इंदिरा हृदेश व पुन्न मुख्यमंत्री बनने के प्रमुख दावेदार पूर्व मुख्यमंत्री हरीश रावत जहां एक दूसरे के कसीदे पढ़ रहे थे। वहीं आला कमान व प्रदेश की जनता के समक्ष एकजूटता दिखाने के लिए प्रदेश अध्यक्ष प्रीतम सिंह के नेतृत्व में कांग्रेस को पुन्न सत्तासीन कराने का संकल्प भी ले रहे थे। इस सभा में मालाओं की संख्या व कार्यकत्र्ताओं द्वारा सबसे अधिक पसंद किये जाने की दृष्टि से पूर्व मुख्यमंत्री हरीश रावत सभी कांग्रेसियों पर भारी रहे। वहीं मंचासीन दिग्गजों में किशोर उपाध्याय भी एकजूटता प्रदर्शित करते नजर आये। वहीं इस लालटेन यात्रा में कांग्रेस के तमाम संगठनों के पदाधिकारियों के साथ तमाम समर्पित कार्यकत्र्ताओं के साथ हजारों की संख्या में कांग्रेस समर्थित आम जनता ने भी भाग लिया।
इस यात्रा में सम्मलित सभी नेताओं में पूर्व मुख्यमंत्री व कांग्रेस के दिग्गज नेता हरीश रावत के भाषण से कार्यकत्र्ताओं ने सबसे अधिक सराहा। श्री रावत ने सभा को संबोधित करते हुए भले ही राजधानी गैरसैंण बनाने का संकल्प नहीं लिया परन्तु प्रदेश की सबसे ज्वलंत जनांकांक्षा राजधानी गैरसैंण बनाने पर मूक रहते हुए प्रदेश के सबसे दिग्गज नेता हरीश रावत ने ऐलान किया कि अगर कांग्रेस फिर सत्तासीन हुई तो कांग्रेस सरकार जनता को 250 यूनिट तक बिजली व 250 लीटर पानी मुफ्त देगी। इस अवसर पर प्रदेश की त्रिवेंन्द्र सरकार पर तंज कसते हुए हरीश रावत ने कहा कि कांग्रेसी सरकार बनने पर शराब नहीं अपितु दवा, गैस और जरूरी वस्तुओं को सस्ता कराएंगे। यानी कांग्रेस ने भी दिल्ली में इसी मुफ्त बिजली पानी के केजरीदाव को सफल होता देख कर उतराखण्ड में भी अजमाने की पहल कर दी।
भले ही प्रदेश भाजपा सरकार कांग्रेस के इन तमाम आरोपों की खिल्ली उडाये परन्तु इसमें दो राय नहीं है कि प्रदेश की जनता की नजरों में हर मोर्चे में विफल रही त्रिवेन्द्र सरकार से निजात पानी चाहती है। इसका आभास भले ही दिल्ली में सत्तामद में चूर भाजपा आला नेतृत्व को भले ही न हो पर भाजपा के अधिकांश जमीनी कार्यकत्र्ताओं को जनाक्रोश का भान हो चूका है। इसीलिए कार्यकत्र्ता आला नेतृत्व पर प्रदेश सरकार को जनांकांक्षाओं का साकार करने या प्रांत में नेतृत्व बदलने की निरंतर मांग कर रहे है। इसी जनाक्रोश को भांप कर प्रदेश कांग्रेस के हवाई व जनता की नजरों में नक्कारे नेता भी मुख्यमंत्री बनने के मुंगेरी लाल के हसीन सपने देखकर प्रदेश कांग्रेस के सबसे मजबूत नेतृत्व हरीश रावत के खिलाफ मोर्चा बंदी करके कांग्रेस की आशाओं पर ग्रहण लगा रहे हैं।
अब देखना यह है लालटेन के आलोक में मंच में दिखाई दी कांग्रेस के उतराखण्डी क्षत्रपों की एकजूटता विधानसभा चुनाव की जंग तक रह पाती है या पहले की तरह धड्डों में बंट जाती है। परन्तु इस लालटेन यात्रा में उमड़ी भीड़ ने दिल्ली चुनाव में हुई कांग्रेस की कुगति के सदमें से टूटे कांग्रेसी नेताओं व कार्यकत्र्ताओं को अवश्य प्राणवायु देने का काम किया।