किस मुंह से विश्व को शांति का पैगाम देने वाले भारत को मानवता का पाठ पढा रहा है लाखों लोगों को कत्लेआम व लूट खसोट करने वाला यूरोपीय संघ
देवसिंह रावत
लगता है कि 73 साल से अंग्रेजी व इंडिया की गुलामी ढोे रहे भारत को यूरोपीय संघ आज भी अंग्रेजों का गुलाम मान रहा है, इसी लिए यूरोपीय संघ भारत के विरोध में आतंकी पाक का समर्थक बन कर भारत द्वारा नागरिकता कानून व कश्मीर से धारा 370 का दंश मुक्त करने के खिलाफ घडियाली आंसू बहा रहा है। आतंकी पाक के इशारे पर भारत को स्वतंत्रता व मानवीय मूल्यों की सीख देने की धृष्ठता कर रहे यूरोपीय संघ को भारत पर अंगुली उठाने से पहले खुद द्वारा भारत सहित पूरे विश्व में किये गये भयंकर नरसंहार,हैवानियत व लूट खसौट के लिए भारत सहित पूरे पीड़ित विश्व समुदाय से माफी मांगनी चाहिए। उल्लेखनीय है कि एक पाकिस्तानी मूल के जिन्नावादी के प्रस्ताव पर यूरोपीय संघ भारत सरकार द्वारा कश्मीर के पूर्ण विलय व नागरिकता के कानून पर उपदेश देने की धृष्ठता कर रहा है।
जिन देशों व लोगों को लगता है कि जिन्नावादी आतंकी पाक के लोगों को शरण न देकर भारत अमानवीय व अलोकतांत्रिक कृत्य कर रहा है तो उनको सबसे पहले इन पाकिस्तानी जिन्नावादियों को अपने अपने घरों व अपने अपने देश में शरण देना चाहिए। आतंकी पाकिस्तान बना कर जहां यूरोपीय देशों के अग्रज ब्रिटेन ने 20 लाख निर्दोष भारतीयों का कत्लेआम कराया। अब उस आतंकी पाक द्वारा अपने जिन्नावादियों को भारत में घुसा कर भारत पर कब्जा करने के षडयंत्र के तहत ही कश्मीर सहित पूरे देश में बग्लादेश आदि देशों से अपने देश के आतंकियों को भारत में कई दशकों से निरंतर घुसाने का नापाक कृत्य कर रहा है। अब भारत सरकार द्वारा आतंकी पाक के इस नापाक षडयंत्र को रौंदते हुए देश की एकता अखण्डता की रक्षा करने के लिए जहां कश्मीर में लागू पाक के मंसूबों को पोषण करने वाले धारा 370 को कूंद करने के साथ देश में आतंकी जिन्नावादियों द्वारा प्रताडित व शोषित इन देशों के अल्पसंख्यकों को भारत में नागरिकता देने का सराहनीय कार्य किया तो अपने नापाक मंसूबों पर पानी फिरता देख पाकिस्तानी व जिन्नावादी आगबबूला हो गये।
आतंकी पाक को सदैव अपना प्यादा समझ कर भारत के खिलाफ आतंकवाद को पोषण करने वाला यूरोपीय संघ भी इस मामले में इतना स्तब्ध हो गया कि वह भी सीधे भारत के खिलाफ खुद को बेनकाब कर रहा है।
भारत को धर्मांतरण व घुसपेठ करके कब्जा करने के मंसूबों पर पानी फेेरने के मोदी सरकार के इस कार्य से यूरोपीयों व आतंकी पाक के पेट में दर्द होना स्वाभाविक है। परन्तु भारत के संविधान की शपथ लेने वाले राजनैतिक दलों ने अपनी पदलोलुपुता के लिए न केवल इन मामलों में देश के नैतिक मूल्यों के खिलाफ देश की जनता को गुमराह किया अपितु पूरे विश्व में सबसे सुरक्षित रहने वाले भारतीय मुस्लमानों को भी भडकाने का काम करके देश की एकता अखण्डता से अक्षम्य कृत्य कर रहे है।